अयोध्या काण्ड | Ayodhya Kand

"श्री रामचरितमानस"अयोध्याकाण्ड सम्पूर्ण हिंदी अर्थ सहित

अयोध्या कांड: श्रीरामचरितमानस का द्वितीय खंड

"श्री रामचरितमानस" गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित एक महाकाव्य है, जिसमें भगवान राम के जीवन और उनके आदर्शों का वर्णन किया गया है। यह काव्य सात कांडों में विभाजित है, जो रामायण के विभिन्न घटनाओं को क्रमबद्ध रूप से प्रस्तुत करता है।

संरचना

अयोध्या कांड, गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस का दूसरा खंड है। इसमें:

  • 4,286 श्लोक,
  • 314 दोहे, और
  • 119 सर्ग शामिल हैं।
इसमें राम के युवराज बनाए जाने से लेकर उनके राज्याभिषेक, कैकयी द्वारा राम के लिए वनवास मांगने और राम, सीता, और लक्ष्मण के वनवास की यात्रा को विस्तार से बताया गया है। कांड की शुरुआत में राम-सीता के विवाह से जुड़ी आठ चौपाइयाँ भी हैं, जो रामचरितमानस की कथा को समृद्ध बनाती हैं।

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