श्री रामचरितमानस उत्तरकाण्ड सम्पूर्ण हिंदी अर्थ सहित
उत्तर कांड: श्रीरामचरितमानस का उपसंहार
संरचना
उत्तर कांड, श्रीरामचरितमानस का अंतिम भाग है, जिसमें:
- 4 श्लोक,
- 126 दोहे,
- 5 सोरठा,
- 14 छंद, और
- 125 चौपाई शामिल हैं।
यह खंड राम कथा का उपसंहार है, जिसमें भगवान राम के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं का समापन होता है।इसमें बताया गया है कि सीता, लक्ष्मण, और वानर सेना के साथ राम अयोध्या लौट आए. उत्तर कांड में बताया गया है कि राम का भव्य स्वागत हुआ और भरत के साथ सभी में खुशी छा गई. वेदों और शिव की स्तुति के साथ राम का राज्याभिषेक हुआ. तुलसीदास ने उत्तर कांड में बताया है कि भक्ति ज्ञान से ज़्यादा आसान और जल्दी फलदायी है.
तुलसीदास ने उत्तर कांड में बताया है कि कलियुग में लोग लोभ और स्वार्थ के वशीभूत होंगे और माता-पिता और गुरु का अनादर करेंगे.
श्रीरामचरितमानस को अवधी साहित्य की एक महान कृति माना जाता है. इसे 'तुलसी रामायण' या 'तुलसीकृत रामायण' भी कहा जाता है
- मंगलाचरण,
- भरत विरह तथा भरत-हनुमान मिलन, अयोध्या में आनंद,
- श्री रामजी का स्वागत, भरत मिलाप, सबका मिलना नन्द,
- राम राज्याभिषेक, वेद स्तुति, शिव स्तुति
- वानरों और निषाद की विदाई
- रामराज्य का वर्णन,
- पुत्रोत्पत्ति, अयोध्या जी की रमणीयता, सनकादि का आगमन और संवाद
- हनुमान जी के द्वारा भरतजी का प्रश्न और श्रीराम जी का उपदेश
- श्री रामजी का प्रजा को उपदेश (श्री रामगीता), पुरवासियों की कृतज्ञता,
- श्री राम-वशिष्ठ संवाद, श्री रामजी का भाइयों सहित अमराई में जाना
- नारदजी का आना और स्तुति करके ब्रह्मलोक को लौट जाना
- शिव-पार्वती संवाद, गरुड़ मोह, गरुड़जी का काकभुशुण्डि से रामकथा और राम महिमा सुनना,
- काकभुशुण्डि का अपनी पूर्व जन्म कथा और कलि महिमा कहना
- गुरुजी का अपमान एवं शिवजी के शाप की बात सुनना
- रुद्राष्टक
- गुरुजी का शिवजी से अपराध क्षमापन, शापानुग्रह और काकभुशुण्डि की आगे की कथा
- काकभुशुण्डिजी का लोमश जी के पास जाना और शाप तथा अनुग्रह पाना,
- ज्ञान-भक्ति-निरूपण, ज्ञान-दीपक और भक्ति की महान् महिमा,
- भजन महिमा
- रामायण-माहात्म्य, तुलसी-विनय और फल स्तुति
- गरुड़ जी के सात प्रश्न तथा काकभुशुण्डि के उत्तर
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