श्री रामचरितमानस किष्किंधा काण्ड सम्पूर्ण हिंदी अर्थ सहित
किष्किंधाकांड: श्रीरामचरितमानस का चतुर्थ खंड
संरचना
गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस के किष्किंधाकांड में:
- 1 श्लोक,
- 30 दोहे,
- 1 सोरठा,
- 2 छंद, और
- 30 चौपाई हैं।
यह कांड भगवान राम और सुग्रीव की मित्रता, बालि-वध, और सीता की खोज की तैयारी का वर्णन करता है।
किष्किन्धा काण्ड
- मंगलाचरण
- श्री राम जी से हनुमान जी का मिलना और श्री राम-सुग्रीव की मित्रता
- सुग्रीव का दुःख सुनाना, बालि वध की प्रतिज्ञा, श्री रामजी का मित्र लक्षण वर्णन
- सुग्रीव का वैराग्य
- बालि-सुग्रीव युद्ध, बालि उद्धार,
- तारा को श्री रामजी द्वारा उपदेश और सुग्रीव का राज्याभिषेक तथा अंगद को युवराज पद
- वर्षा ऋतु वर्णन
- शरद् ऋतु-वर्णन
- श्री राम की सुग्रीव पर नाराजी, लक्ष्मणजी का कोप
- सुग्रीव-राम संवाद और सीताजी की खोज के लिए बंदरों का प्रस्थान,
- गुफा में तपस्विनी के दर्शन
- वानरों का समुद्र तट पर आना, सम्पाती से भेंट और बातचीत
- समुद्र लाँघने का परामर्श, जाम्बवन्त का हनुमान्जी को बल याद दिलाकर उत्साहित करना
- श्रीरामगुणका माहात्म्य
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