हिंदू व्रत और त्योहार /Hindu fasts and festivals / hindoo vrat aur tyohaar,
व्रत-त्योहार जनवरी का महीना 2024
- 4 जनवरी 2024==गुरुवार==कालाष्टमी
- 7 जनवरी 2024==रविवार==सफला एकादशी
- 9 जनवरी 2024==मंगलवार==प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि
- 11 जनवरी 2024==गुरुवार==पौष अमावस्या
- 13 जनवरी 2024==शनिवार==पंचक शुरू
- 14 जनवरी 2024==रविवार==विनायक चतुर्थी
- 15 जनवरी 2024==सोमवार==मकर संक्रांति, पोंगल, उत्तरायण
- 17 जनवरी 2024==बुधवार==गुरु गोविंद सिंह जयंती
- 18 जनवरी 2024==गुरुवार==मासिक दुर्गाष्टमी
- 21 जनवरी 2024==रविवार==पौष पुत्रदा एकादशी
- 22 जनवरी 2024==सोमवार==कूर्म द्वादशी
- 23 जनवरी 2024==मंगलवार==प्रदोष व्रत
- 25 जनवरी 2024==गुरुवार==पौष पूर्णिमा व्रत, गुरु पुष्य योग
- 26 जनवरी 2024==शुक्रवार==माघ माघ शुरू
- 29 जनवरी 2024==सोमवार==सकट चौथ, लंबोदर सकंष्टी चतुर्थी
4 जनवरी 2024==गुरुवार==कालाष्टमी
जानिए 04 जनवरी 2024 को मासिक कालाष्टमी के बारे में -
कालाष्टमी भगवान शिव को समर्पित है। यह प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
कालाष्टमी के दिन पूजा करते समय कुछ मंत्रों का जाप किया जाता
मासिक कालाष्टमी क्या है मासिक कालाष्टमी महत्व और व्रत अनुष्ठान कालाष्टमी की कथा -मासिक कालाष्टमी, हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाने वाला एक त्योहार है
कालाष्टमी के बारे में कुछ रोचक तथ्य महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार: कालाष्टमी हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण एक त्योहार है जो भगवान शिव और माँ काली को समर्पित है।
शिव का त्योहार: कालाष्टमी कालाष्टमी पूजा विधि कालाष्टमी व्रत कथा -बहुत पुराने समय की बात है, एक गांव में एक गरीब व्यक्ति था जिसका नाम सुधामा था। वह बहुत ईमानदार और भगवान शिव के भक्त थे
माघ, कृष्ण अष्टमी शक्रवार ,03 फरवरी 2024
7 जनवरी 2024==रविवार==सफला एकादशी
सफला एकादशी का व्रत पूजा विधि 7 जनवरी 2024 को सफला एकादशी का मंत्रों- संकल्प: व्रत की शुरुआत में संकल्प लें, जिसमें आप यह स्पष्ट करें कि आप सफला एकादशी का व्रत क्यों रख रहे हैं और भगवान विष्णु की पूजा कर रहे हैं।
भगवान विष्णु को अर्पित सफला एकादशी पूजा महत्व सफला एकादशी कथा सफला एकादशी पूजा में भगवान विष्णु को अर्पित किया जाता है। इस पूजा को विशेष ध्यान और श्रद्धा के साथ की जाती है।
21 जनवरी 2024, रविवार -पौष पुत्रदा एकादशी, शुक्ल पक्ष
6 फरवरी 2024, मंगलवार- षटतिला एकादशी, कृष्ण पक्ष
20 फरवरी 2024, मंगलवार-जया एकादशी, शुक्ल पक्ष
6 मार्च 2024, बुधवार- विजया एकादशी, कृष्ण पक्ष
20 मार्च 2024, बुधवार-आमलकी एकादशी, शुक्ल पक्ष
5 अप्रैल 2024, शुक्रवार -पापमोचिनी एकादशी, कृष्ण पक्ष
19 अप्रैल 2024, शुक्रवार -कामदा एकादशी, शुक्ल पक्ष:
4 मई 2024, शनिवार -बरूथिनी एकादशी, कृष्ण पक्ष
19 मई 2024, रविवार -मोहिनी एकादशी, शुक्ल पक्ष
2 जून 2024, रविवार अपरा एकादशी, कृष्ण पक्ष
18 जून 2024, मंगलवार निर्जला एकादशी, शुक्ल पक्ष
2 जुलाई 2024, मंगलवार -योगिनी एकादशी, कृष्ण पक्ष
17 जुलाई 2024, बुधवार-देवशयनी एकादशी, शुक्ल पक्ष
31 जुलाई 2024, बुधवार -कामिका एकादशी, कृष्ण पक्ष
16 अगस्त 2024, शुक्रवार-सावन पुत्रदा एकादशी, शुक्ल पक्ष
29 अगस्त 2024, गुरुवार -अजा एकादशी, कृष्ण पक्ष
14 सितंबर 2024, शनिवार-परिवर्तिनी एकादशी, शुक्ल पक्ष
28 सितंबर 2024 शनिवार-इंदिरा एकादशी, कृष्ण पक्ष:
13 अक्टूबर 2024 रविवार-पापांकुशा एकादशी, शुक्ल पक्ष
28 अक्टूबर 2024,सोमवार -रमा एकादशी, कृष्ण पक्ष
12 नवंबर 2024, रविवार -देवउठनी एकादशी, शुक्ल पक्ष
26 नवंबर 2024, मंगलवार -उत्पन्ना एकादशी, कृष्ण पक्ष
11 दिसंबर 2024, बुधवार -मोक्षदा एकादशी, शुक्ल पक्ष
9 जनवरी 2024==मंगलवार==प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि
प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण त्योहार प्रदोष व्रत कथा ,मंत्र -कथा कहती है कि एक समय की बात है, एक गांव में एक ब्राह्मण थे जिनका नाम सुदामा था। सुदामा ने अपने परिवार के साथ शिव मंदिर में शिवलिंग की
ॐ नमः शिवाय" (Om Namah Shivaya): यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित है
प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि के लाभ और रोचक तथ्य महत्व प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि के पूजन से अनेक लाभ होते हैं। यह व्रत और पूजन भगवान शिव की प्राप्ति, आशीर्वाद, और अच्छे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इन पूजाओं के लाभ में से कुछ हैं:
जानिए प्रदोष व्रत मासिक शिवरात्रि के बारे में 9 जनवरी 2024 प्रदोष व्रत कौन कौन रह सकता , प्रदोष व्रत के दिन कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए:- प्रदोष व्रत को कोई भी शिव भक्त और भगवान शिव की पूजा करने वाला रख सकता है। यह व्रत सामान्यतः शिव भक्तों द्वारा ध्यान, पूजा, और आराधना के लिए रखा जाता है, और इसमें कोई विशेष शर्त नहीं होती।
9 जनवरी 2024 - प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
23 जनवरी 2024-प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
फरवरी 2024 में प्रदोष व्रत
7 फरवरी 2024- प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
21 फरवरी 2024-प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
मार्च 2024 में प्रदोष व्रत
8 मार्च 2024-प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
22 मार्च 2024-प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
अप्रैल 2024 में प्रदोष व्रत
6 अप्रैल 2024 - प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
21 अप्रैल 2024 - प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
मई 2024 में प्रदोष व्रत
5 मई 2024 - प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
20 मई 2024 - प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
जून 2024 में प्रदोष व्रत
4 जून 2024 - प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
19 जून 2024- प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
जुलाई 2024 में प्रदोष व्रत
3 जुलाई 2024- प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
18 जुलाई 2024 - प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
अगस्त 2024 में प्रदोष व्रत
1 अगस्त 2024 - प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
17 अगस्त 2024 - प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
31 अगस्त 2024 - प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
सितंबर 2024 में प्रदोष व्रत
15 सितंबर 2024 - प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
29 सितंबर 2024 - प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
अक्टूबर 2024 में प्रदोष व्रत
15 अक्टूबर 2024 - प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
29 अक्टूबर 2024 - प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
नवंबर 2024 में प्रदोष व्रत
13 नवंबर 2024 - प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
28 नवंबर 2024 - प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
दिसंबर 2024 में प्रदोष व्रत
13 दिसंबर 2024 - प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
28 दिसंबर 2024 - प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
11 जनवरी 2024==गुरुवार==पौष अमावस्या
13 जनवरी 2024==शनिवार==पंचक शुरू
जनवरी 2024 पंचक आरम्भ
शनिवार (13 जनवरी 2024) रात 11:35 बजे
पंचक समाप्त :
गुरुवार (18 जनवरी 2024) प्रातः 03:33 बजे
फ़रवरी 2024 पंचक आरम्भ
शनिवार (10 फरवरी 2024) सुबह 10:02 बजे
पंचक समाप्त :
रविवार (14 फरवरी 2024) सुबह 10:43 बजे
मार्च 2024 पंचक आरम्भ
शुक्रवार (8 मार्च 2024) रात्रि 09:20 बजे
पंचक समाप्त :
मंगलवार (12 मार्च 2024) रात्रि 08:29 बजे
अप्रैल 2024 पंचक आरम्भ
शुक्रवार (5 अप्रैल 2024) प्रातः 07:12 बजे
पंचक समाप्त :
मंगलवार (9 अप्रैल 2024) प्रातः 07:32 बजे
मई 2024पंचक आरम्भ
गुरुवार (2 मई 2024) दोपहर 02:32 बजे
पंचक समाप्त :
सोमवार (6 मई 2024) शाम 05:43 बजे
मई 2024 पंचक आरम्भ
रविवार (29 मई 2024) रात्रि 08:06 बजे
पंचक समाप्त :
सोमवार (3 जून 2024) प्रातः 01:40 बजे
जून 2024 पंचक आरम्भ
रविवार (26 जून 2024) प्रातः 01:49 बजे
पंचक समाप्त :
रविवार (30 जून 2024) प्रातः 07:34 बजे
जुलाई 2024 पंचक आरम्भ
मंगलवार (23 जुलाई 2024) सुबह 09:20 बजे
पंचक समाप्त :
शनिवार (27 जुलाई 2024) दोपहर 01:00 बजे
अगस्त 2024 पंचक आरम्भ
सोमवार (19 अगस्त 2024) शाम 07:00 बजे
पंचक समाप्त :
शुक्रवार (23 अगस्त 2024) शाम 07:54 बजे
सितंबर 2024 पंचक आरम्भ
सोमवार (16 सितंबर 2024) सुबह 05:44 बजे
पंचक समाप्त :
शुक्रवार (20 सितंबर 2024) सुबह 05:15 बजे
अक्टूबर 2024 पंचक आरम्भ
रविवार (13 अक्टूबर 2024) दोपहर 03:44 बजे
पंचक समाप्त :
गुरुवार (17 अक्टूबर 2024) शाम 04:20 बजे
नवंबर 2024 पंचक आरम्भ
शनिवार (9 नवंबर 2024) रात 11:27 बजे
पंचक समाप्त :
गुरुवार (14 नवंबर 2024) सुबह 03:11 बजे
दिसंबर 2024 पंचक आरम्भ
शनिवार (7 दिसंबर 2024) सुबह 05:07 बजे
पंचक समाप्त :
बुधवार (11 दिसंबर 2024) सुबह 11:48 बजे
14 जनवरी 2024==रविवार==विनायक चतुर्थी
जानिए 2024 के सभी माह की शुक्ल चतुर्थी तिथि -
विनायक चतुर्थी का महत्त्व विनायक चतुर्थी हिंदू धर्म में गणेश जी को समर्पित एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इसे भारत और भारतीय संस्कृति में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
शुभ मुहूर्त- विनायक चतुर्थी के व्रत का मुहूर्त तथा पूजा का समय तारीख और समय के अनुसार निर्धारित किया जाता है। आपके दिए गए तारीखों के अनुसार, जनवरी 14, 2024, को सुबह 11 बजकर
15 जनवरी 2024==सोमवार==मकर संक्रांति, पोंगल, उत्तरायण
मकर संक्रांति और पोंगल के पूजा से कई लाभ मकर संक्रांति और पोंगल के त्योहारों के पूजन से कई लाभ होते हैं, जो मानव जीवन को सकारात्मक तरीके से प्रभावित करते हैं।
17 जनवरी 2024==बुधवार==गुरु गोविंद सिंह जयंती
18 जनवरी 2024==गुरुवार==मासिक दुर्गाष्टमी
दुर्गा अष्टमी कथा:-कहानी एक सुखद गाँव की है, जहां एक विशेष रूप से भक्तिभावना रखने वाला शक्ति पूजक रहता था जिसका नाम धनुष था। धनुष ने अपने गाँव में दुर्गा पूजा को बड़े श्रद्धा भाव से मनाने का आयोजन किया।
दुर्गा अष्टमीध्यान यह ध्यान दुर्गा अष्टमी के अवसर पर माँ महागौरी की आराधना और समर्पण के लिए है। इस ध्यान में दुर्गा माता के सुंदर और महाशक्तिशाली स्वरूप की महिमा का वर्णन है।
स्तुति माता महागौरी यह स्तुति माता महागौरी को समर्पित है और उसकी महिमा और शक्ति की प्रशंसा करती है। यह स्तुति माता दुर्गा के आठवें स्वरूप, महागौरी, की महत्वपूर्णता को बयान करती है।
21 जनवरी 2024==रविवार==पौष पुत्रदा एकादशी
शुभ मुहूर्त पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 20 जनवरी है और संध्याकाल 07:26 प्रारंभ होकर अगले दिन 21 जनवरी को संध्याकाल में
पुत्रदा एकादशी व्रत पूजा विधि .लाभ ,फल , शुभ योग, निर्जला व्रत.पौष पुत्रदा एकादशी व्रत को आचरण करते समय निम्नलिखित पूजा विधि का पालन किया जा सकता है। यह एक साधारित पूजा विधि है
22 जनवरी 2024==सोमवार==कूर्म द्वादशी
कूर्म द्वादशी -कूर्म द्वादशी, हिन्दू पंचांग के अनुसार हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भगवान विष्णु की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को आता है,
23 जनवरी 2024==मंगलवार==प्रदोष व्रत
2024 प्रदोष व्रत, प्रदोषम का आचरण पूजा विधि प्रदोष व्रत का आचरण स्थान आधारित होता है और इसे प्रतिमा व्रत भी कहा जाता है, जो कि श्रावण मास के कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी तिथि को आचरण किया जाता है।
क्या है प्रदोष व्रत और उनसे मिलने वाले लाभ,महत्व,कथा प्रदोष व्रत एक हिन्दू धार्मिक परंपरागत व्रत है जो भगवान शिव को समर्पित है। इस व्रत को प्रदोष के दिन, यानी हिन्दी पंचांग के अनुसार त्रयोदशी तिथि को आचरण किया जाता है।
25 जनवरी 2024==गुरुवार==पौष पूर्णिमा व्रत, गुरु पुष्य योग
जानिए 25 जनवरी 2024 पौष पूर्णिमा व्रत, गुरु पुष्य योग ,शुभ मुहूर्त पौष पूर्णिमा व्रत भारतीय हिन्दू पर्व और व्रतों में से एक है, जो पौष मास के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और भक्तगण इस दिन विशेष रूप से उनकी कृपा को प्राप्त करने के लिए व्रत करते हैं।
26 जनवरी 2024==शुक्रवार==माघ माघ शुरू
माघ महीना हिन्दी पंचांग में होने वाले एक महीने का नाम है, जो हिन्दू कैलेंडर के अनुसार माघ मास कहलाता है।
29 जनवरी 2024==सोमवार==सकट चौथ, लंबोदर सकंष्टी चतुर्थी
संकष्टी चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है जो भगवान गणेश को समर्पित है। इस व्रत का आयोजन चतुर्थी तिथि को किया जाता है, जो हर माह की कृष्ण पक्ष चतुर्थी को आती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा विशेष भाव से की जाती है
- होलिका दहन की पूजा विधि और होलीका दहन कब करें
- वृन्दावन की होली उत्सव का महत्व
- होलिका दहन की कथा शिव-पार्वती ( कामदेव )
- वृन्दावन की फूलो वाली होली
- जानिए कब है होली, 2024 शुभ मुहूर्त और होली को रंगों का त्यौहार क्यों कहा जाता है
- होली की कहानियां और होली पौराणिक गाथाओं से जुडा हुआ है
- होली क्यों मनाई जाती है कुछ प्रमुख कथा हैं
- होली की कहानी श्रीकृष्ण ने सुनाई थी युधिष्ठिर को
- होलिका दहन की एक दिलचस्प कहानी
- होली 24 या 25 मार्च, पंचांग के अनुसार विशिष्ट समय या शुभ मुहूर्त
- 2024 ! टॉप 10 + होली शायरी विशेस !
- संदेश होली शायरी टॉप
- होली की स्पेशल शुभकामनाएं शायरी
- रंग बरसे होली शायरी और स्टेटस
- होली राधा-कृष्ण स्पेशल शायरी हिंदी में
- (धुलंडी होली) धुलेंडी से जुड़ी कुछ बातें
- होलिका दहन (होली अग्नि) द्वारकाधीश मंदिर डोला
- होली उत्सव (बरसाना, वृन्दावन और मथुरा ) होली का उत्सव 10 दिनों तक
- होली का उत्सव 10 दिनों तक (होली अनुसूची 2024)
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