श्री राम | Ram bhagwan

भगवान राम के बारे में अनेक स्तोत्र कवच आदि है

श्री राम, हिन्दू धर्म में विष्णु के 10 अवतारों में से एक हैं. राम, अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के सबसे बड़े बेटे थे. उनकी पत्नी का नाम सीता था और उनके तीन भाई थे, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न. राम ने राक्षस जाति के राजा रावण का वध किया था. राम को मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है !

राम के जीवनकाल और पराक्रम को महर्षि वाल्मीकि ने संस्कृत महाकाव्य रामायण में लिखा है. तुलसीदास ने राम पर भक्ति काव्य श्री रामचरितमानस भी लिखा था. राम की किंवदंतियां जैन और बौद्ध धर्म के ग्रंथों में भी पाई जाती हैं. जैन ग्रंथों में राम को 63 शालकपुरुषों में आठवें बलभद्र के रूप में बताया गया है. सिख धर्म में, दशम ग्रंथ में राम का उल्लेख चौबीस अवतारों में से एक के रूप में किया गया है

राम के कई नाम हैं, जैसे कि:-
आदिपुरुष, रघुनंदन, रमण, रामरज, रामकिशोरे, रामजी, रमित, रमेश, रामदेव, रामदास !

Everything about Ram bhagwan

श्री राम का महत्व-

भगवान राम ने सभी रिश्तों को दिल से निभाया. उन्होंने हर वर्ग के लोगों और सभी जातियों के साथ मित्रता की !
भगवान राम में दयालुता का गुण था. उन्होंने अपनी दयालुता से मानव, पक्षी, और दानव सभी को आगे बढ़ने का मौका दिया. रामायण में भगवान राम का चरित्र उन्हें धर्म के प्रति समर्पित इंसान के तौर पर दिखाता है.
भगवान राम ने जीवन में आई मुश्किलों का सामना बहुत ही शिष्टता पूर्वक किया. उन्होंने किसी को कोसा नहीं, न ही घबराए या उत्तेजित हुए. भगवान राम ने अपने 14 साल के वनवास के दौरान भारत की सभी जातियों और संप्रदायों को एकजुट करने का काम किया ! राम नाम का जाप मंत्र के रूप में भी किया जाता है और माना जाता है कि इसमें मन और आत्मा को शुद्ध करने की शक्ति है. राम नाम का जाप करने वाले व्यक्ति को उसके अभिमान, लालच, वासना, क्रोध, और द्वेष जैसी भावनाओं का भी अंत हो जाता है !

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