नवग्रह | Navagrah

नवग्रह के बारे में अनेक स्तोत्र कवच आदि है

हिंदू धर्म में 9 ग्रह कौन से हैं ?

राशि चक्र में स्थिर सितारों की पृष्ठभूमि के संबंध में सभी नवग्रह की सापेक्ष गतिविधि होती है। इसमें ग्रह भी उपस्थित हैं: मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, और शनि, सूर्य, चंद्रमा, और साथ ही साथ आकाश में अवस्थितियां, राहू (उत्तर अथवा आरोही चंद्र आसंधि) और केतु (दक्षिण अथवा अवरोही चंद्र आसंधि) !
नवग्रह पूजन का विशेष महत्व पुराणों में वर्णित है| नवग्रह-पूजन के लिए सर्वप्रथम ग्रहों का आह्वान करके उनकी स्थापना की जाती है| मूर्ति का स्वरूप: नवग्रह शांति के लिए सबसे आवश्यक है उस ग्रह की प्रतिमा का होना।

Everything about Navagrah

मंगल कवच ]   [ गुरु - बृहस्पति कवच ] [ श्री बुध स्तोत्रम् ] [ श्री शनि वज्रपंजर कवच ] [ श्री राहु कवचम ] 

नवग्रह कवच ] [ नवग्रह स्तोत्रम् ]  [ श्री केतु कवच ]  [ ऋण मोचक मंगल स्तोत्र ]  [ श्री केतु स्तोत्र ]

बृहस्पति अष्टोत्तर शतनामावली - बृहस्पति के 108 नाम ]  गुरु - बृहस्पति चालीसा ]   [ श्री राहु स्तोत्र ]

गुरु - बृहस्पति स्तोत्र ]  श्री केतु अष्टोत्तरशतनामावली - केतु के 108 नाम  ] [ शनि देव के 108 नाम ]

मंगल अष्टोत्तर शतनामावली - मंगल देवता के 108 नाम ]  नवग्रह चालीसा ] [ नवग्रह मङ्गलाष्टकं ] 

बुध कवच - बुध ग्रह कवच ]  [ बुध अष्टोत्तर शतनामावली  बुध के 108 नाम ] [ मंगल देवता के 108 नाम ]

शनि सहस्त्रनामावली ] [ श्री शनैश्चर सहस्रनाम स्तोत्र ] [ नवग्रह चालीसा ] [ नवग्रह मङ्गलाष्टकं ] 

श्री शुक्र स्तोत्र ] [ नवग्रह सूक्तम् ] [ श्री चन्द्र स्तोत्र ] [ श्री चन्द्र कवच ] अङ्गारक स्तोत्र ( मंगल स्तोत्र ) ] 

नवग्रह पीड़ाहर स्तोत्र ]  [ श्री राहु अष्टोत्तरशतनामावली ] 

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