माता सरस्वती के बारे में अनेक स्तोत्र कवच आदि

माता सरस्वती के बारे में अनेक स्तोत्र कवच आदि

माता सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा जाता है। सृष्टि में ज्ञान विज्ञान और जितनी भी विद्याएं हैं सबकी देवी माता सरस्वती हैं। माता सरस्वती ज्ञान की प्रकाष्ठा हैं इसलिए इन पर सांसारिक रंग चढ ही नहीं सकता है। इसलिए माता शांति और आत्मिक शुद्धि का प्रतीक रंग रंग का वस्त्र धारण करती हैं। ब्रह्म वैवर्त पुराण में ऐसा उल्लेख है कि मां सरस्वती की कृपा से ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि निर्माण की सामर्थ्य प्राप्त की। वो शुभ्र शुक्ल वर्णा हंस पर विराजमान हैं। उनके हाथ में वीणा, पुस्तक और स्फटिक की माला शोभायमान है। माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि वसंत पंचमी को मां का प्राकट्य दिवस मनाया जाता है।
बौद्ध शास्त्र में मां सरस्वती को मंजुश्री की पत्नी माना जाता है। जिस कमल पर मां सरस्वती विराजमान हैं, उसे सर्वोच्च ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। मां सरस्वती जो वीणा धारण करती हैं, वह न केवल सद्भाव का प्रतीक है, बल्कि बुद्धि और बुद्धि का भी प्रतीक है। लगभग 4000 वर्ष पूर्व भारत में सरस्वती नाम से एक नदी बहती थी।


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