नवमी तिथि पर माँ सिद्धिदात्री को क्यों चढ़ाते हैं नारियल? जानें इसका रहस्य | Navamee tithi par Maa Siddhidatri ko kyon chadhaate hain naariyal? jaanen isaka rahasy
नवमी तिथि पर माँ सिद्धिदात्री को क्यों चढ़ाते हैं नारियल? जानें इसका रहस्य
नवरात्रि की नवमी तिथि देवी दुर्गा के नववें स्वरूप माँ सिद्धिदात्री को समर्पित होती है। यह दिन साधना, शक्ति, सिद्धि और मोक्ष की प्राप्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन माँ को नारियल चढ़ाने की विशेष परंपरा है, जो केवल एक धार्मिक रस्म ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है।
नारियल चढ़ाने का आध्यात्मिक रहस्य
नारियल को वेदों में 'श्रीफल' कहा गया है। यह ब्रह्मांड का प्रतीक माना जाता है:
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बाहरी छिलका (झिल्ली): ब्रह्मा जी का प्रतीक।
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अंदर का पानी: भगवान विष्णु का स्वरूप।
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सफेद गूदा: भगवान शिव का स्वरूप।
इस प्रकार नारियल को चढ़ाना त्रिदेवों को समर्पण के बराबर होता है, और माँ सिद्धिदात्री इन सभी शक्तियों का एकीकृत रूप मानी जाती हैं।
नारियल का कठोर छिलका अहंकार को दर्शाता है, जबकि अंदर की कोमलता और मिठास आत्मिक शुद्धता का संकेत देती है। जब भक्त नारियल माँ को अर्पित करता है, तो वह अपने अहंकार का त्याग कर पूर्ण समर्पण का भाव प्रकट करता है।
माँ सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों की दात्री हैं। नारियल चढ़ाकर भक्त उनसे अष्ट सिद्धियाँ और मोक्ष की प्राप्ति की कामना करते हैं:
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अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व
नारियल को शुभता, पवित्रता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। माँ को नारियल अर्पित करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है।
माँ सिद्धिदात्री को नारियल कैसे चढ़ाएं
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स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
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पूजा स्थल को शुद्ध करें और माँ सिद्धिदात्री की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
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नारियल को जल से धोकर लाल वस्त्र में लपेटें।
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उस पर कुमकुम, रोली और अक्षत लगाएं।
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नारियल को माँ के चरणों में अर्पित करें।
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मंत्र जाप करें:
"ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः"
"या देवी सर्वभूतेषु सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥"
नवमी के दिन नारियल के अन्य लाभकारी उपयोग
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कन्या पूजन में नारियल का प्रसाद स्वरूप वितरण।
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पूजा के बाद नारियल को प्रसाद रूप में ग्रहण करना शुभ।
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नारियल के साथ माँ को खीर, पूड़ी, चना, हलवा, और मौसमी फल भी चढ़ाएं।
निष्कर्ष
नवमी तिथि पर नारियल चढ़ाना केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि माँ सिद्धिदात्री के प्रति आस्था, श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक है। यह हमारे जीवन से अहंकार हटाकर सिद्धि, ज्ञान और मोक्ष की ओर बढ़ने का संकेत देता है। यदि आप अपने जीवन में आध्यात्मिक उन्नति और भौतिक समृद्धि दोनों चाहते हैं, तो इस नवमी माँ को श्रद्धापूर्वक नारियल चढ़ाएं और उनके चरणों में नतमस्तक हों।
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