चैत्र नवरात्रि 2025: माँ सिद्धिदात्री की कृपा से बदलें अपना भाग्य | Chaitra Navratri 2025: Maa Siddhidatri kee krpa se badalen apana bhaagy
चैत्र नवरात्रि 2025: माँ सिद्धिदात्री की कृपा से बदलें अपना भाग्य
चैत्र नवरात्रि 2025 के अंतिम दिन, नवमी तिथि को माँ दुर्गा के नवें स्वरूप माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। माँ सिद्धिदात्री वह देवी हैं जो अपने भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियाँ प्रदान करती हैं और उनके जीवन को धन, ऐश्वर्य, यश और मोक्ष से भर देती हैं।
माँ सिद्धिदात्री का स्वरूप
माँ सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली देवी हैं। वे सिंह पर सवार होती हैं और कमल पुष्प पर भी विराजती हैं। उनके हाथों में कमल, गदा, चक्र और शंख होता है। माँ का एक नाम “सिद्धियों की दात्री” भी है क्योंकि वे अपने भक्तों को अष्ट सिद्धियाँ और नव निधियाँ प्रदान करती हैं।
पुराणों में माँ सिद्धिदात्री की महिमा
मार्कण्डेय पुराण के अनुसार:
अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व – ये अष्ट सिद्धियाँ माँ की कृपा से प्राप्त होती हैं।
माँ सिद्धिदात्री की पूजा विधि (9वें दिन)
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स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें
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पूजा स्थान को शुद्ध करें और माँ की प्रतिमा/चित्र स्थापित करें
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माँ को सिंदूर, चंपा और गुड़हल के फूल, और लाल पुष्प अर्पित करें
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नारियल, खीर, पूड़ी, चना, हलवा, नारियल, और मौसमी फल का भोग लगाएं
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दुर्गा सप्तशती का पाठ करें
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आरती करें और कन्या पूजन करें (9 कन्याएं + 1 बालक)
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हवन करें और माँ के निमित्त आहुति दें
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मंत्र जाप करें:
“ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः”“या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥”
नारियल चढ़ाने का रहस्य
नवमी तिथि पर माँ को नारियल चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है क्योंकि:
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नारियल को शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है
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इसके तीन भाग ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतिनिधित्व करते हैं
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यह कन्या पूजन में भी प्रसाद रूप में दिया जाता है
माँ सिद्धिदात्री की कृपा से जीवन में परिवर्तन
जो साधक पूरे श्रद्धा भाव से माँ सिद्धिदात्री की उपासना करता है, वह सभी सांसारिक कष्टों से मुक्त होकर:
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धन-धान्य से परिपूर्ण हो जाता है
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मोक्ष और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करता है
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सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है
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जीवन में भाग्योदय होता है
निष्कर्ष
चैत्र नवरात्रि 2025 का यह नवमी दिवस सिर्फ पूजन का नहीं, बल्कि आत्मिक जागरण और भाग्य को बदलने का अवसर है। माँ सिद्धिदात्री की उपासना करें, मनोयोग से उनका ध्यान करें और जीवन को सफलता, सिद्धि और सुख से भर दें।
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