नवरात्रि में माँ स्कंदमाता की आराधना से संतान प्राप्ति का शुभ फल कैसे मिलेगा | Navratri Mein Maa Skandamata kee aaraadhana se santaan praapti ka shubh phal kaise milega

नवरात्रि में माँ स्कंदमाता की आराधना से संतान प्राप्ति का शुभ फल कैसे मिलेगा ?

नवरात्रि देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना का विशेष पर्व है। इन नौ दिनों में माता के प्रत्येक रूप की पूजा का अलग-अलग महत्व बताया गया है। नवरात्रि के पांचवें दिन माँ स्कंदमाता की आराधना की जाती है। इन्हें संतान सुख देने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। जो भक्त संतान प्राप्ति की कामना रखते हैं, उनके लिए माँ स्कंदमाता की पूजा विशेष रूप से फलदायी होती है।

माँ स्कंदमाता का स्वरूप

माँ स्कंदमाता का स्वरूप अति दिव्य और मनोहारी है। वे चार भुजाओं वाली देवी हैं, जिनमें दो हाथों में कमल सुशोभित होते हैं, एक हाथ वरद मुद्रा में रहता है और दूसरे हाथ में उन्होंने भगवान स्कंद (कार्तिकेय) को गोद में उठाया हुआ है। इनका वाहन सिंह है, जिससे ये अत्यंत पराक्रमी और दुष्टों का नाश करने वाली मानी जाती हैं।

माँ स्कंदमाता की आराधना से संतान सुख के लाभ

  1. निःसंतान दंपतियों को संतान सुख - जो दंपति संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं, वे श्रद्धापूर्वक माँ स्कंदमाता की पूजा करें।

  2. संतान का स्वास्थ्य और बुद्धि विकास - माता की कृपा से संतान तेजस्वी, स्वस्थ और दीर्घायु होती है।

  3. पारिवारिक सुख-शांति - माँ की पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है और सभी संकट दूर होते हैं।

  4. पापों से मुक्ति - माँ स्कंदमाता की भक्ति से व्यक्ति अपने पूर्व जन्म और इस जन्म के पापों से मुक्ति पाता है।

  5. मानसिक और आध्यात्मिक शांति - माँ की आराधना से भक्त को मानसिक शांति मिलती है और आत्मिक उन्नति होती है।

माँ स्कंदमाता की पूजा विधि

  1. स्नान एवं स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

  2. माँ स्कंदमाता की प्रतिमा या चित्र को चौकी पर स्थापित करें।

  3. रोली, चंदन, अक्षत, पुष्प और धूप-दीप से माता का पूजन करें।

  4. माँ को पीले फूल और केले का भोग अर्पित करें।

  5. माँ के प्रिय मंत्रों का जाप करें -

    "या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥"

  6. माँ स्कंदमाता की कथा सुनें और आरती करें।

  7. जरूरतमंदों को दान दें, विशेषकर पीले वस्त्र, फल और मिठाइयाँ।

  8. संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपति नौ दिनों तक माँ स्कंदमाता का ध्यान करें और निर्जला व्रत रखें।

निष्कर्ष

माँ स्कंदमाता की आराधना से संतान सुख प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। नवरात्रि में विशेष रूप से उनकी पूजा करने से निःसंतान दंपतियों को संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। माता की उपासना से न केवल संतान सुख बल्कि पारिवारिक समृद्धि और जीवन में शांति का संचार होता है। अतः श्रद्धापूर्वक माँ स्कंदमाता की आराधना करें और उनका कृपा प्रसाद प्राप्त करें।

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