नवरात्रि में माँ कूष्माण्डा की पूजा कैसे करें? जानें संपूर्ण विधि और नियम | Navratri mein Maa Kushmanda kee pooja kaise karen? jaanen sampoorn vidhi aur niyam
नवरात्रि में माँ कूष्माण्डा की पूजा कैसे करें? जानें संपूर्ण विधि और नियम
नवरात्रि के चौथे दिन माँ कूष्माण्डा की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इनकी उपासना से भक्त को धन, यश, और आरोग्य की प्राप्ति होती है। माँ कूष्माण्डा को ब्रह्मांड की उत्पत्ति करने वाली देवी माना जाता है। आइए जानते हैं कि नवरात्रि में माँ कूष्माण्डा की पूजा कैसे करें और इसके नियम क्या हैं।
माँ कूष्माण्डा की पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
घर के मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें और एक वेदी स्थापित करें।
माँ कूष्माण्डा की मूर्ति या तस्वीर को रखें।
पूजा के लिए हरे रंग के वस्त्र या आसन का प्रयोग करें।
कलश की स्थापना करें और उसमें जल भरकर उसमें आम के पत्ते, नारियल और सुपारी रखें।
माँ कूष्माण्डा को गंगाजल से स्नान कराएं।
देवी को लाल वस्त्र, लाल चूड़ी, लाल चंदन और लाल पुष्प अर्पित करें।
माँ को अक्षत, धूप, दीप, गंध, और फूल चढ़ाएं।
विशेष रूप से चमेली और पीले फूल अर्पित करें।
माँ कूष्माण्डा के बीज मंत्र "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कूष्मांडायै नमः" का जाप करें।
दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
माँ को मालपुए, हलवा और दही का भोग अर्पित करें।
पूजा के बाद प्रसाद को घर के सदस्यों और ब्राह्मणों को वितरित करें।
माँ कूष्माण्डा की आरती करें और भक्तिभाव से प्रार्थना करें।
"या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥" मंत्र का जाप करें।
पूजा समाप्त होने के बाद माता से अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।
बड़ों का आशीर्वाद लें और प्रसाद ग्रहण करें।
माँ कूष्माण्डा की पूजा के नियम:
माँ की पूजा के दौरान मन को शांत रखें और सात्विक आहार ग्रहण करें।
व्रत के दौरान झूठ, बुरा विचार और अपवित्रता से बचें।
पूजा में सफेद मिठाइयाँ, दूध और फल शामिल करें।
माँ कूष्माण्डा को हरे और पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें।
किसी भी जरूरतमंद को भोजन और वस्त्र दान करें।
माँ कूष्माण्डा की पूजा का महत्व:
माँ कूष्माण्डा की कृपा से स्वास्थ्य, समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है।
माँ की उपासना से भक्त के जीवन के समस्त कष्ट समाप्त होते हैं।
माँ कूष्माण्डा को मालपुए का भोग अर्पित करने से बुद्धि और तेजस्विता बढ़ती है।
माँ की कृपा से आध्यात्मिक शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
नवरात्रि के चौथे दिन माँ कूष्माण्डा की विधिवत पूजा करके जीवन में सुख-समृद्धि और आरोग्य प्राप्त करें। जय माँ कूष्माण्डा
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