माँ स्कंदमाता के चमत्कारी भोग और प्रसाद से कैसे पाएं धन-वैभव | Maa Skandmataa ke chamatkaaree bhog aur prasaad se kaise paen dhan-vaibhav
माँ स्कंदमाता के चमत्कारी भोग और प्रसाद से कैसे पाएं धन-वैभव?
चैत्र नवरात्र की पंचमी तिथि को माँ स्कंदमाता की पूजा की जाती है। मान्यता है कि उनकी आराधना से भक्तों को संतान सुख, धन-वैभव और मोक्ष की प्राप्ति होती है। माँ स्कंदमाता विद्वानों और सेवकों को आशीर्वाद देने वाली देवी मानी जाती हैं।
माँ स्कंदमाता का स्वरूप और महिमा
स्कंदमाता, भगवान शिव और पार्वती के पुत्र कार्तिकेय की माता हैं। स्कंद नाम होने के कारण वे "स्कंदमाता" कहलाती हैं। इनके चार भुजाएँ हैं, जिनमें दाईं ओर की ऊपरी भुजा में भगवान कार्तिकेय, नीचे वाली भुजा में कमल का फूल, बाईं ओर की ऊपरी भुजा में वरदमुद्रा और नीचे की भुजा में भी कमल का फूल है। माँ का यह स्वरूप भक्तों को प्रेम, करुणा और आशीर्वाद प्रदान करता है।
माँ इतनी दयालु हैं कि जो भी उनके चरणों में समर्पण करता है, चाहे वह कितना भी बड़ा पापी क्यों न हो, माँ उसे अपने ममता के आँचल में समेट लेती हैं और उसके सभी पापों का नाश कर देती हैं। उनकी पूजा इस मंत्र से प्रारंभ करनी चाहिए:
माँ स्कंदमाता को प्रसन्न करने के लिए विशेष भोग और प्रसाद
माँ स्कंदमाता को विशेष प्रकार के भोग लगाने से धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
माँ स्कंदमाता को केले का भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि यह माँ को अत्यंत प्रिय है। केले का प्रसाद ग्रहण करने से परिवार में सुख-शांति और आर्थिक उन्नति होती है।
विधि:
केले को शुद्ध जल से धोकर, माँ को अर्पित करें।
"ॐ स्कंदमातायै नमः" मंत्र का जाप करते हुए केला चढ़ाएं।
इसके बाद प्रसाद रूप में इसे ग्रहण करें और भक्तों में बांटें।
केसर की खीर माँ स्कंदमाता को विशेष रूप से प्रिय है। इसे भोग लगाने से भक्तों को वैभव, ऐश्वर्य और यश की प्राप्ति होती है।
विधि:
दूध, चावल, केसर, इलायची और चीनी मिलाकर खीर तैयार करें।
भोग लगाने से पहले इसे चांदी या तांबे के पात्र में रखें।
माँ की आरती करने के बाद प्रसाद रूप में इसे भक्तों में वितरित करें।
कमल का फूल और कमल गट्टे का प्रसाद माँ को अत्यंत प्रिय है। यह भोग लगाने से आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है और जीवन में आने वाली बाधाएँ समाप्त होती हैं।
विधि:
कमल गट्टे को जल में भिगोकर माँ के चरणों में अर्पित करें।
पूजा के बाद इसे सुखाकर ताबीज के रूप में धारण कर सकते हैं, जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
शहद का भोग माँ स्कंदमाता को अर्पित करने से व्यापार, नौकरी और आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होती है। यह जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
विधि:
पूजा के दौरान शुद्ध शहद को एक छोटे पात्र में रखें।
इसे माँ के चरणों में अर्पित करें और प्रसाद स्वरूप स्वयं ग्रहण करें।
भोग और प्रसाद से मिलने वाले लाभ
संतान सुख: जो दंपति संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं, उन्हें माँ स्कंदमाता को केला और केसर की खीर अर्पित करनी चाहिए।
धन-वैभव: व्यापार में वृद्धि और आर्थिक स्थिरता के लिए माँ को शहद और कमल गट्टे का भोग लगाना लाभकारी होता है।
आध्यात्मिक उन्नति: कमल गट्टे का भोग और पूजा से मन की शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
स्वास्थ्य और समृद्धि: केला और केसर की खीर का प्रसाद ग्रहण करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ दूर होती हैं।
निष्कर्ष
माँ स्कंदमाता के चमत्कारी भोग और प्रसाद से भक्तों को सुख-समृद्धि, संतान सुख, और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। यदि सही विधि से भोग लगाया जाए और श्रद्धा भाव से माँ की आराधना की जाए, तो माँ अवश्य ही अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण करती हैं।
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