दैविक साधना के लिए सर्वश्रेष्ठ चैत्र नवरात्र | daivik saadhana ke lie sarvashreshth chaitr navaraatr

दैविक साधना के लिए सर्वश्रेष्ठ चैत्र नवरात्र

नवरात्र देवी शक्ति की उपासना का विशेष पर्व है, जिसमें साधक अपनी आध्यात्मिक, आत्मिक, एवं भौतिक उन्नति के लिए देवी के नौ रूपों की आराधना करते हैं। यह पर्व हमें देवी शक्ति की कृपा से सभी संकटों, रोगों, शत्रुओं एवं प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करता है। चैत्र नवरात्र में माँ भगवती जगत जननी का आह्वान कर दुष्टात्माओं का नाश करने के लिए विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।

चैत्र नवरात्र का महत्व

हिंदू धर्म में प्रत्येक नर-नारी देवी की उपासना किसी न किसी रूप में अवश्य करता है। नवरात्र में व्रत, मंत्र जाप, हवन, अनुष्ठान एवं भजन-कीर्तन के माध्यम से देवी माँ की कृपा प्राप्त की जाती है। चैत्र नवरात्र में घरों में घट-स्थापना कर देवी प्रतिमा का पूजन किया जाता है। इस दिन से नववर्ष की भी शुरुआत होती है, जिसे महाराष्ट्रीयन समाज में गुड़ी पड़वा के रूप में मनाया जाता है।

नवरात्र के नौ देवी स्वरूप एवं उनकी महिमा

  1. शैलपुत्री: नवरात्र की प्रथम तिथि को माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इनकी आराधना से भक्त धन-धान्य से परिपूर्ण रहते हैं।

  2. ब्रह्मचारिणी: दूसरी तिथि को माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है, जो भक्तों को तप, त्याग, संयम एवं वैराग्य का वरदान देती हैं।

  3. चंद्रघंटा: तृतीया तिथि पर माँ चंद्रघंटा की उपासना से वीरता एवं स्वर में मधुरता आती है।

  4. कुष्मांडा: चतुर्थी के दिन माँ कुष्मांडा की आराधना से रोग-शोक समाप्त होते हैं एवं आयु-यश में वृद्धि होती है।

  5. स्कंदमाता: पंचमी तिथि पर माँ स्कंदमाता की पूजा से मोक्ष प्राप्ति के द्वार खुलते हैं एवं समस्त इच्छाओं की पूर्ति होती है।

  6. कात्यायनी: छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा से अद्भुत शक्ति प्राप्त होती है एवं शत्रुओं का नाश होता है।

  7. कालरात्रि: सप्तमी के दिन माँ कालरात्रि की आराधना से समस्त पापों का नाश होता है एवं तेजस्विता बढ़ती है।

  8. महागौरी: अष्टमी तिथि को माँ महागौरी की पूजा से समस्त पापों का नाश होकर सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

  9. सिद्धिदात्री: नवमी तिथि पर माँ सिद्धिदात्री की पूजा से विभिन्न सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं एवं वाकसिद्धि की शक्ति मिलती है।

विशेष साधनाएँ एवं मंत्र

  • शत्रु नाश हेतु मंत्र: ॐ ह्रीं बगुलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिव्हामकीलय बुद्धिविनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा।

  • वाकसिद्धि हेतु मंत्र: ॐ ह्रीं दुं दुर्गायै नम: ॐ वद बाग्वादिनि स्वाहा।

  • वाकशक्ति प्राप्ति: माँ वाघेश्वरी देवी के समक्ष जाप करने से वाणी में शक्ति आती है, जिससे व्यक्ति जो कहता है वह पूर्ण होता है। वाघेश्वरी मंदिर, बुरहानपुर से 15 किलोमीटर आगे धमनगाँव की टेकरी पर स्थित है।

चैत्र नवरात्र देवी साधना का परम अवसर है, जो हमें आध्यात्मिक शक्ति, आत्मबल, एवं समृद्धि प्रदान करता है। आइए, इस पावन अवसर पर माँ दुर्गा की आराधना करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भरपूर बनाएं।

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