नवरात्रि 2025: माँ शैलपुत्री की पूजा विधि, मंत्र और महिमा | Navratri 2025: Maa Shailputri kee pooja vidhi, mantr aur mahima
नवरात्रि 2025: माँ शैलपुत्री की पूजा विधि, मंत्र और महिमा
नवरात्रि के पहले दिन, 30 मार्च 2025 को, माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इस दिन साधक विशेष श्रद्धा और भक्तिभाव से माता की आराधना करते हैं। माँ शैलपुत्री, हिमालयराज की पुत्री होने के कारण "शैलपुत्री" कहलाती हैं। इनकी उपासना से साधकों को आत्मबल, संयम और शक्ति प्राप्त होती है।
माँ शैलपुत्री की पूजा विधि
स्नान और वस्त्र: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
चौकी और प्रतिमा स्थापना: चौकी पर माँ दुर्गा या माँ शैलपुत्री की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
कलश स्थापना: शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से कलश स्थापना करें।
ध्यान और आह्वान: माँ शैलपुत्री का ध्यान करें और सभी नदियों, तीर्थों और दिशाओं का आह्वान करें।
षोड्शोपचार पूजा: पुष्प, कुमकुम, अक्षत, धूप, दीप, नैवेद्य आदि से षोड्शोपचार विधि से माँ की पूजा करें।
आरती और पाठ: माँ शैलपुत्री की आरती करें तथा दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
माँ शैलपुत्री के मंत्र
- ध्यान मंत्र:
वन्दे वांछितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
- स्तुति मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
- बीज मंत्र:
ॐ शं शैलपुत्री देव्यै नमः॥
माँ शैलपुत्री की महिमा
माँ शैलपुत्री की पूजा से साधकों को स्थिरता और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
इनकी कृपा से चंद्र ग्रह से संबंधित दोषों का निवारण होता है।
जो साधक माँ शैलपुत्री की आराधना करता है, उसके सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं।
माँ को सफेद रंग अत्यंत प्रिय है, इसलिए उन्हें सफेद वस्त्र, फूल और भोग अर्पित करें।
माँ शैलपुत्री को अर्पित भोग
खीर, रसगुल्ले, पताशे आदि सफेद रंग के खाद्य पदार्थ।
गाय के घी से बना प्रसाद या घी का दीपक जलाना अत्यंत शुभकारी होता है।
माँ शैलपुत्री की उपासना से जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है। भक्तों को चाहिए कि वे इस दिन पूरी श्रद्धा और भक्ति से माता की आराधना करें ताकि माँ की कृपा प्राप्त हो सके।
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