माँ स्कंदमाता की पूजा का सही समय और शुभ मुहूर्त 2025 | Maa Skandamata kee pooja ka sahee samay aur shubh muhoort 2025

माँ स्कंदमाता की पूजा का सही समय और शुभ मुहूर्त 2025

नवरात्रि के पांचवें दिन, 03 अप्रैल 2025 (गुरुवार) को माँ स्कंदमाता की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन भक्तगण माता की आराधना कर सुख, समृद्धि और संतान सुख की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

पूजा का शुभ मुहूर्त:

  • शुभ मुहूर्त: सुबह 11:40 से 12:30 बजे तक

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:45 से 5:34 बजे तक

  • अभिजीत मुहूर्त: 11:43 से दोपहर 12:29 बजे तक

माँ स्कंदमाता की पूजा का महत्व:

मान्यता है कि माँ स्कंदमाता की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। साथ ही, यह पूजा यश, बल और धन की वृद्धि के लिए भी की जाती है। माँ स्कंदमाता सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं और उनकी कृपा से भक्तों को आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है।

स्कंदमाता की पूजा के मंत्र:

  1. ॐ स्कन्दमात्रै नम:

  2. ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥

  3. या देवी सर्वभू‍तेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

माँ स्कंदमाता का स्वरूप:

भगवान कार्तिकेय को 'स्कंद' भी कहा जाता है, और उनकी माता के रूप में देवी के इस स्वरूप को 'स्कंदमाता' कहते हैं।

  • देवी स्कंदमाता सिंह पर विराजमान हैं।

  • उनकी चार भुजाएँ हैं, जिनमें से दो भुजाओं में कमल का फूल धारण किया हुआ है।

  • एक हाथ से भगवान कार्तिकेय को संभाले हुए हैं।

  • उनका एक हाथ अभय मुद्रा में रहता है, जिससे वे अपने भक्तों को अभय और आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

माँ स्कंदमाता की पूजा विधि:

  1. माँ स्कंदमाता को केले का भोग लगाएं, यह उन्हें अति प्रिय है।

  2. माता को सफेद रंग अत्यंत प्रिय है, अतः सफेद रंग के वस्त्र धारण करें।

  3. पूजन के दौरान "या देवी सर्वभू‍तेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥" मंत्र का जाप करें।

  4. माँ की प्रतिमा के समक्ष दीप जलाकर, पुष्प अर्पित कर विधिपूर्वक पूजा करें।

माँ स्कंदमाता का आशीर्वाद:

माँ स्कंदमाता की कृपा से भक्तों को संतान सुख, धन-वैभव और मोक्ष की प्राप्ति होती है। माता की पूजा करने से मन की शुद्धि होती है और भक्तगण हर प्रकार के संकट से मुक्त होते हैं।

इस नवरात्रि माँ स्कंदमाता की पूजा विधिपूर्वक करें और उनके आशीर्वाद से जीवन को सफल एवं समृद्ध बनाएं।

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