चैत्र नवरात्रि 2025: माँ स्कंदमाता की कृपा पाने के लिए क्या करें और क्या न करें | Chaitra Navratri 2025: Maa Skandamata kee krpa paane ke lie kya karen aur kya na karen
चैत्र नवरात्रि 2025: माँ स्कंदमाता की कृपा पाने के लिए क्या करें और क्या न करें ?
नवरात्रि के पाँचवें दिन माँ स्कंदमाता की पूजा की जाती है। यह दिन विशेष रूप से संतान सुख, बुद्धि और समृद्धि प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। यदि माँ स्कंदमाता की कृपा प्राप्त करनी है तो हमें कुछ नियमों का पालन करना चाहिए और कुछ गलतियों से बचना चाहिए।
क्या करें ?
- स्नान और शुद्धता:
प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
- पूजा विधि:
माँ स्कंदमाता की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
पीले फूल, फल, मिठाई, अक्षत, धूप, दीप और लौंग-इलायची अर्पित करें।
दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
कपूर और घी का दीप जलाकर माँ की आरती करें।
- मंत्र जाप:
"ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः" मंत्र का जाप करें।
ध्यान मंत्र: "या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥"
- भोग अर्पण:
माँ स्कंदमाता को केले और केसर की खीर का भोग लगाएं।
पीले रंग की मिठाई चढ़ाएं।
- व्रत और उपवास:
श्रद्धा और भक्ति भाव से व्रत रखें।
सात्विक भोजन ग्रहण करें।
क्या न करें ?
- पूजा में लापरवाही न करें:
पूजा विधि का पालन करें और श्रद्धा से माँ की आराधना करें।
- अशुद्ध वस्त्र न पहनें:
पूजा के समय स्वच्छ और हल्के रंग के कपड़े पहनें, विशेष रूप से पीले रंग को प्राथमिकता दें।
- पूजा स्थल को अशुद्ध न करें:
पूजा स्थल को स्वच्छ रखें और वहाँ कोई अपवित्र वस्तु न रखें।
- माँ को अर्पित किए गए प्रसाद को स्वयं न खाएं:
पहले माँ को भोग लगाएं, फिर उसे भक्तों में बाँटें।
- क्रोध और नकारात्मकता से बचें:
पूजा के दौरान शांत और धैर्यवान रहें।
घर में कलह-क्लेश न करें।
- अनादर न करें:
माँ स्कंदमाता की पूजा सच्चे मन और भक्ति भाव से करें।
किसी भी देवी-देवता का अनादर न करें।
निष्कर्ष:
माँ स्कंदमाता की पूजा भक्तों को सुख, समृद्धि और संतान प्राप्ति का वरदान देती है। यदि श्रद्धा और विधिपूर्वक पूजा की जाए, तो माँ की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसलिए, इन नियमों का पालन करें और माँ का आशीर्वाद प्राप्त करें।
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