भगवान कल्कि का म्लेच्छों पर विजय का वर्णन | Description of Lord Kalki's victory over the Mlechchas

भगवान कल्कि का म्लेच्छों पर विजय का वर्णन

भगवान कल्कि का युद्ध और म्लेच्छों का नाश

सूतजी ने कहा, इसके बाद भगवान कल्कि ने अपनी तलवार और बाणों की शक्ति से म्लेच्छों को यमलोक पहुंचा दिया। उनके साथ विशाखयूप, कवि, प्राज्ञ, सुमंत्रक, गर्ग्य, भर्ग्य, विशाल आदि योद्धाओं ने भी म्लेच्छों को पराजित किया।

युद्ध का वर्णन: 

म्लेच्छों और भगवान कल्कि की सेना के बीच घोर युद्ध हुआ। युद्धभूमि खून से लाल हो गई, और चारों ओर गिरे हुए योद्धाओं के शरीर खून की नदी का रूप ले चुके थे। खून की इस नदी में गिरे सिर कछुए, हाथ मछलियों की तरह प्रतीत हो रहे थे। गीदड़ और बाज़ खुशी से ऐसी आवाज़ कर रहे थे, मानो नगाड़े बज रहे हों।

योद्धाओं ने समानता के आधार पर युद्ध किया – हाथी सवार योद्धा हाथी सवारों से, घोड़े सवार घोड़े सवारों से, और रथ पर सवार रथियों से। युद्ध इतना भयानक था कि घायल और भयभीत म्लेच्छ योद्धा युद्धभूमि से भागने लगे।

📖 अद्भुत कथा का संपूर्ण वर्णन पढ़ें ! click to read 👇

श्री कल्कि पुराण तीसरा अंश \पहला अध्याय |

म्लेच्छ स्त्रियों का युद्ध में प्रवेश

जब म्लेच्छ सेना पराजित होने लगी, तो उनकी पत्नियां, जो पतिव्रता, सुन्दर और वीरांगनाएं थीं, युद्धभूमि में आ गईं। ये स्त्रियां विभिन्न सवारियों पर सवार होकर शस्त्र-धारण कर युद्ध के लिए तैयार हो गईं। उनकी सुंदरता और पराक्रम को देखकर कल्कि जी ने उनसे कहा:

“हे वीरांगनाओ! पुरुषों का स्त्रियों से युद्ध करना अनुचित है। तुम्हारी सुन्दरता और तेज को देखकर कोई पुरुष तुम्हारे साथ कैसे युद्ध कर सकता है?”

लेकिन अपने पतियों की मृत्यु से दुखी होकर वे स्त्रियां बदला लेने के लिए युद्ध में उतर आईं।

अस्त्र-शस्त्रों का चमत्कार

जब म्लेच्छ स्त्रियों ने शस्त्रों का उपयोग करना चाहा, तो शस्त्रों के अधिष्ठाता देवता प्रकट हुए और बोले:

“हे स्त्रियों! भगवान कल्कि स्वयं परमात्मा हैं। हम अस्त्र-शस्त्र उन्हीं के आदेश से चलते हैं। यह समझ लो कि संसार की सभी घटनाएं ईश्वर की माया हैं। यदि आप उन्हें परमात्मा मान लेंगी, तो आपका कल्याण होगा।”

भगवान कल्कि का उपदेश और स्त्रियों का मोक्ष

शस्त्रों के यह वचन सुनकर म्लेच्छ स्त्रियां भगवान कल्कि की शरण में आ गईं। भगवान कल्कि ने उन्हें भक्ति, ज्ञान और कर्मयोग का उपदेश दिया। उन्होंने बताया कि सांसारिक भेदभाव को त्यागकर ईश्वर की शरण में आना ही मोक्ष का मार्ग है।

इन स्त्रियों ने भगवान के उपदेश को समझा और भक्ति के मार्ग पर चलकर मोक्ष प्राप्त किया। इस प्रकार भगवान कल्कि ने न केवल म्लेच्छों का नाश किया, बल्कि उनकी आत्माओं को तारामंडल में स्थान देकर और उनकी पत्नियों को मोक्ष प्रदान करके धर्म की स्थापना की।

कथा का महत्व

यह कथा हमें धर्म, भक्ति और ईश्वर की महिमा का संदेश देती है। जो व्यक्ति इसे श्रद्धापूर्वक सुनता और सुनाता है, उसके समस्त दुख और शोक का नाश होता है। भगवान कल्कि के इस पराक्रम की गाथा हमें यह सिखाती है कि धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने वालों की सदैव विजय होती है।

टिप्पणियाँ