श्री शिव अष्टोत्तर शतनामावली ( पीडीएफ ) | Shri Shiv Ashtottara Shatnamavali (PDF)
परिचय
शिवाष्टोत्तर शतनामावलि, भगवान शिव के 108 पवित्र नामों का संग्रह है। इन नामों का जाप भगवान शिव की कृपा, आशीर्वाद और उनके दिव्य गुणों को प्राप्त करने के लिए किया जाता है। प्रत्येक नाम शिव के विभिन्न गुणों, शक्ति और दिव्यता का प्रतीक है। शिव भक्त इस नामावली का पाठ करके अपने जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति प्राप्त कर सकते हैं। इस ब्लॉग में हम शिवाष्टोत्तर शतनामावलि की पूजा विधि, नियम, लाभ और इसके निष्कर्ष पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
श्री शिव अष्टोत्तर शतनामावली PDF 👇
श्री शिवाष्टोत्तर शतनामावलि: विधि, नियम, लाभ और निष्कर्ष
1. शिवाष्टोत्तर शतनामावलि की विधि
- स्थान और समय: इस नामावली का जाप सुबह या शाम के समय एक शांत और पवित्र स्थान पर करना चाहिए।
- पूजन सामग्री: शिवलिंग या भगवान शिव की प्रतिमा के सामने दीपक, धूप, चंदन, बेलपत्र, गंगाजल, और सफेद फूलों से पूजा करें।
- ध्यान: भगवान शिव का ध्यान करते हुए इस नामावली का जाप करें। नामों के उच्चारण के समय शिव के विभिन्न स्वरूपों का ध्यान करें।
- जाप की विधि:
- शिवाष्टोत्तर शतनामावलि के 108 नामों का उच्चारण शांत मन से करें।
- जाप माला (रुद्राक्ष माला) का उपयोग करते हुए प्रत्येक मनके पर एक नाम का जाप करें।
- प्रार्थना: पूजा के अंत में भगवान शिव से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति और उनकी कृपा की प्रार्थना करें।
2. शिवाष्टोत्तर शतनामावलि के नियम
- नियमितता: इस नामावली का जाप नियमित रूप से करने से अधिक लाभ प्राप्त होता है। सोमवार, महाशिवरात्रि, या प्रदोष व्रत के दिन विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं।
- शुद्धता का ध्यान: इस नामावली का पाठ करते समय शरीर, मन और स्थान की शुद्धता का विशेष ध्यान रखें।
- बेलपत्र और सफेद फूल: शिव पूजा में बेलपत्र और सफेद फूल अर्पित करना आवश्यक माना गया है। यह भगवान शिव को अति प्रिय हैं।
- संयम: इस जाप के दौरान संयम और श्रद्धा बनाए रखें। भोजन में सात्विकता रखें और अहिंसा का पालन करें।
- व्रत का पालन: शिवाष्टोत्तर शतनामावलि का पाठ उपवास के साथ करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
3. शिवाष्टोत्तर शतनामावलि के लाभ
- मानसिक शांति और संतुलन: इस नामावली का जाप मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करता है। शिव के नामों का जाप मन को स्थिरता और शक्ति प्रदान करता है।
- कष्टों से मुक्ति: शिव के इन पवित्र नामों का जाप करने से सभी प्रकार के कष्ट, दुख और विपत्तियों से मुक्ति मिलती है।
- सकारात्मक ऊर्जा: शिवाष्टोत्तर शतनामावलि का जाप करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।
- स्वास्थ्य और सुरक्षा: भगवान शिव के नामों का जाप करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। इससे सभी प्रकार के रोगों और भय से मुक्ति मिलती है।
- धन-धान्य और समृद्धि: शिव की कृपा से घर में सुख-शांति, धन-धान्य, और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- परिवारिक कल्याण: यह नामावली पारिवारिक जीवन में सौहार्द, प्रेम और आपसी समझ बढ़ाती है। भगवान शिव के आशीर्वाद से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
- मोक्ष प्राप्ति: भगवान शिव का स्मरण मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है। शिव के 108 नामों का जाप व्यक्ति को सांसारिक बंधनों से मुक्ति की ओर ले जाता है।
श्री शिवाष्टॊत्तर शतनामावलि ! Shiva Stotra Ashtottara Shatnamavali
- ॐ शिवाय नम:
- ॐ महेश्वराय नम:
- ॐ शंभवे नम:
- ॐ पिनाकिने नम:
- ॐ शशिशेखराय नम:
- ॐ वामदेवाय नम:
- ॐ विरूपाक्षाय नम:
- ॐ कपर्दिने नम:
- ॐ निललोहिताय नम:
- ॐ शंकराय नम:
- ॐ शूलपाणये नम:
- ॐ खट्वांगिने नम:
- ॐ विष्णुबल्लभाय नम:
- ॐ शिपिविष्टाय नम:
- ॐ अंबिकानाथाय नम:
- ॐ श्रीकण्ठाय नम:
- ॐ भक्तवत्सलाय नम:
- ॐ भवाय नम:
- ॐ शर्वाय नम:
- ॐ त्रिलोकेशाय नम:
- ॐ शितिकण्ठाय नम:
- ॐ शिवाप्रियाय नम:
- ॐ उग्राय नम:
- ॐ कपालिने नम:
- ॐ कामारये नम:
- ॐ अन्धकासुर सूदनाय नम:
- ॐ गंगाधराय नम:
- ॐ ललताक्षाय नम:
- ॐ कालकालाय नम:
- ॐ कृपानिधये नम:
- ॐ कृपानिधये नम:
- ॐ भीमाय नम:
- ॐ परशुहस्ताय नम:
- ॐ मृगपाणये नम:
- ॐ जटाधराय नम:
- ॐ कैलासवासिने नम:
- ॐ कवचिने नम:
- ॐ कटोराय नम:
- ॐ त्रिपुरान्तकाय नम:
- ॐ वृषांकाय नम:
- ॐ वृषभारूढय नम:
- ॐ भस्मोद्धूलित विग्रहाय नम:
- ॐ सामप्रियाय नम:
- ॐ स्वरमयाय नम:
- ॐ त्रयीमूर्तये नम:
- ॐ अनीश्वराय नम:
- ॐ सर्वज्ञाय नम:
- ॐ परमात्मने नम:
- ॐ सोमसूर्याग्निलोचनाय नम:
- ॐ हविषे नम:
- ॐ यज्ञमयाय नम:
- ॐ सोमाय नम:
- ॐ पंचवक्त्राय नम:
- ॐ सदाशिवाय नम:
- ॐ विश्वेश्वराय नम:
- ॐ विरभद्राय नम:
- ॐ गणनाथाय नम:
- ॐ प्रजापतये नम:
- ॐ हिरण्यरेतसे नम:
- ॐ दुर्धर्षाय नम:
- ॐ गिरिशाय नम:
- ॐ अनघाय नम:
- ॐ भुजंगभूषणाय नम:
- ॐ भर्गाय नम:
- ॐ गिरिधन्वने नम:
- ॐ गिरिप्रियाय नम:
- ॐ कृत्तिवाससे नम:
- ॐ पुरारातये नम:
- ॐ भगवते नम:
- ॐ प्रमथाधिपाय नम:
- ॐ मृत्युंजयाय नम:
- सूक्ष्मतनवे नम:
- ॐ जगद्यापिने नम:
- ॐ जगद्गुरवे नम:
- ॐ व्योमकेशाय नम:
- ॐ महासेनजनकाय नम:
- ॐ चारुविक्रमाय नम:
- ॐ रुद्राय नम:
- ॐ भूतपतये नम:
- ॐ स्थाणवे नम:
- ॐ अहिर्बुध्न्याय नम:
- ॐ दिगंबराय नम:
- ॐ अष्टमूर्तये नम:
- ॐ अनेकात्मने नम:
- ॐ सात्विकाय नम:
- ॐ शुद्दविग्रहाय नम:
- ॐ शाश्वताय नम:
- ॐ खण्डपरशवे नम:
- ॐ अजाय नम:
- ॐ पाशविमोचकाय नम:
- ॐ मृडाय नम:
- ॐ पशुपरये नम:
- ॐ देवाय नम:
- ॐ महादेवाय नम:
- ॐ अव्ययाय नम:
- ॐ हरये नम:
- ॐ भगनेत्रभिदे नम:
- ॐ अव्यक्ताय नम:
- ॐ हराय नम:
- ॐ दक्षाध्वरहराय नम:
- ॐ पूषदन्तभिदे नम:
- ॐ अव्यग्राय नम:
- ॐ सहस्राक्षाय नम:
- ॐ सहस्रपदे नम:
- ॐ अपवर्गप्रदाय नम:
- ॐ अनन्ताय नम:
- ॐ तारकाय नम:
- ॐ परमेश्वराय नम:
4. निष्कर्ष
श्री शिवाष्टोत्तर शतनामावलि भगवान शिव के 108 पवित्र नामों का भव्य संग्रह है। इस नामावली का जाप भगवान शिव के प्रति समर्पण, आस्था और भक्ति को और अधिक गहरा बनाता है। नियमित रूप से शिवाष्टोत्तर शतनामावलि का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि, शांति और शिव कृपा का संचार होता है।
भगवान शिव की भक्ति के माध्यम से जीवन के कठिनाइयों से मुक्ति और मोक्ष का मार्ग खुलता है। शिवाष्टोत्तर शतनामावलि का जाप उन भक्तों के लिए विशेष लाभकारी है जो भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं। शिव की शरण में व्यक्ति अपने समस्त दुखों और समस्याओं से मुक्त हो सकता है।
ध्यान मंत्र
"ॐ नमः शिवाय"
भगवान शिव के आशीर्वाद से सभी भक्तों का कल्याण हो और वे जीवन के सभी कष्टों से मुक्त हों।
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