दरिद्रता निवारण शिव स्तोत्र (पीडीएफ) | Poverty Burning Shiv Stotra ( PDF )

दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र PDF

विषय सूचि

  • दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र: जीवन में समृद्धि और सुख-शांति पाने का उपाय
  • दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र का महत्व
  • दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र का पाठ विधि
  • दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र का पाठ नियम
  • दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र का पाठ के लाभ
  • दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र ! Daaridray Dahan Shiv Stotr
  • निष्कर्ष:

दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र: जीवन में समृद्धि और सुख-शांति पाने का उपाय

दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र की रचना महर्षि वशिष्ठ ने की है, और यह स्तोत्र भगवान शिव की महिमा का गुणगान करते हुए यह प्रकट करता है कि शिव जी गरीबी और दुखों को समाप्त कर देते हैं। इस स्तोत्र का पाठ व्यक्ति को दरिद्रता, दुख और संकटों से मुक्ति दिलाने के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है।

दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र का महत्व:

भगवान शिव को असीमित कृपा और आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र का नियमित पाठ करने से न केवल व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार आता है, बल्कि मानसिक शांति, शारीरिक स्वास्थ्य और समृद्धि भी मिलती है। यह स्तोत्र जीवन के सभी संकटों को हरने के लिए प्रभावी है।

इस स्तोत्र के पाठ के माध्यम से, व्यक्ति के जीवन से दरिद्रता का नाश होता है और शिव जी की कृपा से उसे सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। यह स्तोत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी है, जो आर्थिक तंगी, मानसिक तनाव या कष्टों का सामना कर रहे हैं।

दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र का पाठ विधि:

दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति की दरिद्रता, दुख और परेशानियों का नाश होता है। यह स्तोत्र भगवान शिव की उपासना का एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली तरीका है। इस स्तोत्र का पाठ विधि से करना चाहिए ताकि इसके पूर्ण लाभ प्राप्त हो सकें।

पाठ विधि:

  1. स्थान और वातावरण:

    • सबसे पहले, आपको एक शांत और शुद्ध स्थान चुनना चाहिए, जहां कोई विघ्न न हो।
    • इस पाठ को किसी पूजा स्थल या घर के पूजा कक्ष में किया जा सकता है।
    • अगर संभव हो, तो भगवान शिव की प्रतिमा या चित्र के सामने बैठें और उसे स्नान कराकर शुद्ध करें।
  2. शुद्धता:

    • पाठ करने से पहले स्वयं को शुद्ध करना जरूरी है। स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें।
    • किसी विशेष तिथि का पालन नहीं है, लेकिन रविवार या शिवरात्रि जैसे खास दिन इस पाठ को करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।
  3. दीपक और धूप:

    • भगवान शिव की पूजा में दीपक और धूप का विशेष महत्व है। एक शुद्ध तेल का दीपक जलाएं और धूप दिखाएं।
    • साथ ही, शुद्ध जल से भगवान शिव का अभिषेक करें।
  4. मन और भावना की शुद्धता:

    • पाठ करते समय, अपनी मनोवृत्तियों को शुद्ध रखें। ध्यान और एकाग्रता के साथ पाठ करें।
    • भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और भक्ति को बनाए रखें, और विश्वास करें कि भगवान शिव आपके जीवन में दरिद्रता और दुखों को दूर करेंगे।
  5. स्तोत्र का पाठ:

    • दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र का पाठ ध्यानपूर्वक करें। आप इसे 11, 21, 108 बार या निर्धारित दिनों तक पढ़ सकते हैं।
    • यदि समय की कमी हो, तो आप हर रविवार को इसे एक बार पाठ करके भी लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
  6. पाठ के बाद:

    • पाठ के बाद भगवान शिव के समक्ष आशीर्वाद लें।
    • "ओम नम: शिवाय" का जाप करें और अपने जीवन में आने वाले किसी भी संकट के बारे में शिव जी से प्रार्थना करें।
    • पाठ समाप्त करने के बाद, प्रसाद के रूप में मिठाई या फल चढ़ाएं।
  7. पाठ की अवधि:

    • दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र का पाठ 11, 21, 108 या अधिक दिनों तक किया जा सकता है।
    • नियमित रूप से पाठ करने से इसके शुभ परिणाम जल्द ही प्राप्त होने लगते हैं।

विशेष टिप्स:

  • स्वच्छता: पाठ करते समय शुद्धता और स्वच्छता का ध्यान रखें।
  • विश्वास: पाठ करते समय यह मानकर करें कि भगवान शिव आपके जीवन में दरिद्रता को समाप्त करेंगे और समृद्धि का आशीर्वाद देंगे।
  • रक्षा मंत्र: साथ में "ॐ नम: शिवाय" का जाप भी करते रहें। यह भगवान शिव के आशीर्वाद को और अधिक शक्तिशाली बनाता है।

दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र का पाठ नियम:

दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को दरिद्रता, दुख, और संकटों से मुक्ति मिलती है। इस स्तोत्र का पाठ करने के कुछ विशेष नियम और विधियाँ हैं, जिन्हें ध्यान में रखते हुए पाठ करना चाहिए। ये नियम पाठ के लाभ को अधिकतम करने में मदद करते हैं।

1. स्वच्छता और शुद्धता:

  • पाठ शुरू करने से पहले स्वयं को शुद्ध करना आवश्यक है। स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें।
  • स्थान को भी स्वच्छ रखें और किसी एकांत स्थान पर बैठकर ही पाठ करें, ताकि ध्यान भंग न हो।
  • शिवजी की पूजा करने से पहले भगवान शिव की मूर्ति या चित्र को स्वच्छ जल से स्नान कराएं और शुद्ध करें।

2. समय का निर्धारण:

  • श्रेष्ठ समय: इस स्तोत्र का पाठ सुबह जल्दी या शाम के समय करना अधिक शुभ होता है। खासकर सोमवार या शिवरात्रि के दिन इसका पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है।
  • इस स्तोत्र का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन रविवार को विशेष रूप से करना लाभकारी होता है।

3. पाठ की संख्या:

  • 11, 21, 108 बार इस स्तोत्र का पाठ किया जा सकता है। अगर एक बार में इतनी संख्या में पाठ करना संभव न हो तो, कम से कम 1 बार रोज़ पाठ जरूर करें।
  • पाठ का समय बढ़ाकर 21 या 108 दिनों तक भी किया जा सकता है। अधिक समय तक पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है।

4. मन की एकाग्रता:

  • पाठ के दौरान अपने मन को शांत रखें और पूरी एकाग्रता के साथ भगवान शिव की पूजा करें।
  • किसी भी प्रकार की मानसिक व्याकुलता या असमर्थता को दूर करने के लिए मन और ह्रदय की शुद्धता आवश्यक है।

5. दीपक और धूप:

  • पाठ करते समय भगवान शिव के सामने एक दीपक और धूप लगाएं।
  • यह वातावरण को शुद्ध करने के साथ-साथ भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और भक्ति को बढ़ाता है।

6. नियमित पाठ:

  • यदि पाठ को नियमित रूप से करना संभव हो, तो हर दिन इसका पाठ करें। यदि रोज़ नहीं कर सकते तो रविवार को यह पाठ विशेष रूप से लाभकारी होता है।
  • पाठ को 11, 21, 108 बार पढ़ने के बाद भगवान शिव के समक्ष आशीर्वाद लें और "ॐ नम: शिवाय" का जाप करते रहें।

7. समर्पण और श्रद्धा:

  • पाठ करते समय अपनी पूरी श्रद्धा और विश्वास भगवान शिव के प्रति रखें। यह आत्मसमर्पण की भावना से किया जाना चाहिए, जिससे भगवान शिव आपके जीवन में दरिद्रता और दुखों का नाश करें।

8. प्रसाद:

  • पाठ समाप्त करने के बाद, भगवान शिव को फल, मिठाई या ताजे फूल चढ़ाएं। इससे पूजा का फल अधिक होता है।
  • घर के सदस्य भी प्रसाद ग्रहण करें ताकि पूरा परिवार भगवान शिव की कृपा से लाभान्वित हो।

9. संकल्प:

  • पाठ शुरू करने से पहले, अपने जीवन में सुख, समृद्धि और दरिद्रता के नाश के लिए संकल्प लें। संकल्प से पाठ में और अधिक प्रभावशीलता आती है।

दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र का पाठ के लाभ:

दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र का पाठ विशेष रूप से दरिद्रता, कष्ट, मानसिक तनाव और आर्थिक परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है। यह स्तोत्र भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक प्रभावी तरीका है। इसके पाठ से विभिन्न प्रकार के लाभ होते हैं, जो जीवन को समृद्ध और सुखमय बनाने में मदद करते हैं।

1. दरिद्रता का नाश:

  • इस स्तोत्र का मुख्य लाभ यह है कि यह दरिद्रता (गरीबी) को समाप्त करने में सहायक होता है। भगवान शिव की कृपा से जीवन में आ रही आर्थिक तंगी और कष्ट समाप्त होते हैं।
  • यह स्तोत्र दरिद्रता को भस्म कर देता है और व्यक्ति को समृद्धि की दिशा में अग्रसर करता है।

2. कष्टों और दुखों से मुक्ति:

  • दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र का पाठ करते समय भगवान शिव से प्रार्थना की जाती है कि वे जीवन के सभी दुखों, संकटों और कष्टों को समाप्त करें।
  • व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है और जीवन में आने वाली हर कठिनाई का समाधान मिलता है।

3. व्यवसाय और करियर में सफलता:

  • यदि कोई व्यक्ति व्यापार या नौकरी में विफल हो रहा है या आर्थिक संकट से जूझ रहा है, तो इस स्तोत्र का पाठ उसे सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करता है।
  • यह स्तोत्र व्यापार में उन्नति, समृद्धि और आर्थिक सुरक्षा लाने के लिए अत्यधिक लाभकारी है।

4. मन की शांति और संतुलन:

  • शिव जी की पूजा और यह स्तोत्र मानसिक शांति और संतुलन लाता है। यह व्यक्ति को आंतरिक शक्ति प्रदान करता है और उसके मन को स्थिर और शांत करता है।
  • मानसिक तनाव, चिंता, और नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है।

5. जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन:

  • दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र का नियमित पाठ करने से जीवन में खुशहाली आती है। व्यक्ति के घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।
  • यह स्तोत्र घर में सकारात्मक ऊर्जा और अच्छे स्वास्थ्य का संचार करता है, जिससे व्यक्ति का जीवन और परिवार खुशहाल रहता है।

6. पारिवारिक सुख और सौभाग्य:

  • इस स्तोत्र का पाठ पारिवारिक संबंधों को मधुर बनाता है। यह परिवार में सुख-शांति और प्रेम बनाए रखने में मदद करता है।
  • साथ ही, यह स्तोत्र सौभाग्य, विशेष रूप से दाम्पत्य जीवन में सुख और सामंजस्य प्रदान करता है।

7. शिवजी की कृपा प्राप्त होती है:

  • यह स्तोत्र भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम साधन है। शिवजी की पूजा करने से व्यक्ति को भगवान शिव के आशीर्वाद से सारी बाधाएं पार हो जाती हैं।
  • शिवजी की कृपा से जीवन के सारे संकट दूर होते हैं और व्यक्ति को जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता मिलती है।

8. आध्यात्मिक उन्नति:

  • इस स्तोत्र का पाठ मानसिक शुद्धता, आत्मज्ञान और आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी उपयोगी है। यह व्यक्ति को जीवन के उच्चतम लक्ष्य की ओर मार्गदर्शन करता है और उसकी आत्मा को शुद्ध करता है।
  • शिवजी की उपासना से व्यक्ति की आत्मा में उन्नति होती है और उसे आत्मा के सत्य को समझने की क्षमता मिलती है।


दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र ! Daaridray Dahan Shiv Stotr

विश्वेश्वराय नरकार्णव तारणाय
कर्णामृताय शशिशेखर धारणाय
कर्पूरकांति धवलाय जटाधराय
दारिद्र्य दु:ख दहनाय नम: शिवाय !

गौरी प्रियाय रजनीशकलाधराय
कालान्तकाय भुजगाधिप कंकणाय
गंगाधराय गजराज विमर्दनाय
दारिद्र्य दु:ख दहनाय नम: शिवाय !

भक्तिप्रियाय भवरोग भयापहाय
उग्राय दुर्गभवसागर तारणाय
ज्योतिर्मयाय गुणनाम सुनृत्यकाय
दारिद्र्य दु:ख दहनाय नम: शिवाय !

चर्माम्बराय शवभस्म विलेपनाय
भालेक्षणाय मणिकुंडल मण्डिताय
मंजीर पादयुगलाय जटाधराय
दारिद्र्य दु:ख दहनाय नम: शिवाय !

पंचाननाय फनिराज विभूषणाय
हेमांशुकाय भुवनत्रय मण्डिताय
आनंदभूमिवरदाय तमोमयाय
दारिद्र्य दु:ख दहनाय नम: शिवाय !

भानुप्रियाय भवसागर तारणाय
कालान्तकाय कमलासन पूजिताय
नेत्रत्रयाय शुभलक्षण लक्षिताय
दारिद्र्य दु:ख दहनाय नम: शिवाय !

रामप्रियाय रघुनाथवरप्रदाय
नागप्रियाय नरकार्णवतारणाय
पुण्येषु पुण्यभरिताय सुरर्चिताय
दारिद्र्य दु:ख दहनाय नम: शिवाय !

मुक्तेश्वराय फलदाय गणेश्वराय
गीतप्रियाय वृषभेश्वर वाहनाय
मातंग चर्मवसनाय महेश्वराय
दारिद्र्य दु:ख दहनाय नम: शिवाय !

॥ इति वसिष्ठ विरचितं दारिद्र्यदहनशिवस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

निष्कर्ष:

दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र का नियमित पाठ व्यक्ति के जीवन में आ रही दरिद्रता, कष्ट और दुखों को समाप्त करता है। इसके पाठ से व्यक्ति को आर्थिक समृद्धि, मानसिक शांति, पारिवारिक सुख और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। यह स्तोत्र उन सभी व्यक्तियों के लिए अति लाभकारी है, जो अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार चाहते हैं या जीवन के किसी भी संकट से उबरने के लिए भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं।

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