गोवर्धन पूजा 2024: तिथि, समय, मंत्र, और महत्व

गोवर्धन पूजा 2024: तिथि, समय, मंत्र, और महत्व

गोवर्धन पूजा की तिथि

इस साल गोवर्धन पूजा की तिथि को लेकर थोड़ी असमंजस बनी हुई है, क्योंकि अलग-अलग क्षेत्रों में दिवाली की तिथि में भिन्नता है। अगर आपके राज्य या क्षेत्र में दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाती है, तो गोवर्धन पूजा 1 नवंबर को होगी। वहीं, अगर दिवाली 1 नवंबर को मनाई जा रही है, तो गोवर्धन पूजा 2 नवंबर, शनिवार को मनाई जाएगी।

गोवर्धन पूजा का समय

गोवर्धन पूजा के लिए सबसे शुभ समय सुबह 6:32 बजे से लेकर 8:4 बजे तक है। इस समय पूजा करने से भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इसके अलावा, शाम का समय भी शुभ माना गया है, जो 03:23 बजे से 05:36 बजे तक है। इस दौरान भक्त भगवान को विशेष भोग अर्पित करते हैं जिसमें मिठाइयाँ, सब्जियाँ और अन्य स्वादिष्ट व्यंजन शामिल होते हैं।

गोवर्धन पूजन मंत्र

  1. गोवर्धन पूजन मंत्र:
    “ॐ गोवर्धन धराधराय नमः।”
    यह मंत्र गोवर्धन पर्वत की शक्ति और स्थिरता का प्रतीक है। इस मंत्र का जाप हमें जीवन में स्थिरता और संतुलन प्रदान करता है।

  2. कृष्ण गायत्री मंत्र:
    “ॐ देवकीनंदनाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो कृष्णः प्रचोदयात्॥”
    इस मंत्र का जाप श्रीकृष्ण के प्रति हमारी आस्था को मजबूत बनाता है और मन एवं आत्मा को शुद्ध करता है।

  3. अन्नकूट स्तुति:
    “अन्नकूटाय विद्महे गोवर्धनाय धीमहि। तन्नो कृष्णः प्रचोदयात्॥”
    यह स्तुति गोवर्धन पर्वत की शक्ति और भक्ति का प्रतीक है, जिससे हमारे जीवन में संतोष और समर्पण की भावना जाग्रत होती है।

गोवर्धन पूजा का महत्व

गोवर्धन पूजा भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की स्मृति में मनाई जाती है। कथा के अनुसार, जब इन्द्रदेव ने गोकुलवासियों पर कड़ी वर्षा कर दी थी, तब श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठा लिया और गांववासियों को सुरक्षित किया। इस दिन भक्त गोवर्धन का पूजन करते हैं और 'गोवर्धन' के प्रतीक रूप में अन्नकूट का आयोजन करते हैं, जिससे भोग की भावना नहीं बल्कि सेवा और निष्ठा प्रकट होती है।

गोवर्धन पूजा का यह पर्व हमें भगवान के प्रति भक्ति, संतोष, और समर्पण की भावना सिखाता है, और यह हमें जीवन में संतुलन बनाए रखने का संदेश देता है।

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