विजयदशमी क्या है? और कब है
विजयादशमी, जिसे दशहरा भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। यह हर साल अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। विजयादशमी मुख्य रूप से भगवान राम द्वारा रावण के वध और माता सीता की मुक्ति का उत्सव है। रामलीला के रूप में, भगवान राम और रावण के बीच के संघर्ष को मंचित किया जाता है, और अंत में रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाता है।
इस दिन को अच्छाई के जीतने और बुराई के पराजित होने के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। समाज में यह त्योहार एकता, समर्पण और नैतिकता का संदेश देता है। 2024 में, विजयादशमी का पर्व 12 अक्टूबर को सुबह 10:58 बजे शुरू होगा और 13 अक्टूबर को सुबह 9:08 बजे समाप्त होगा।
10+ बेस्ट विजयदशमी (दशहरा) की शुभकामनाएं
- बुराई का होता है विनाश,दशहरा लाता है उम्मीद की आस, रावण की तरह आपके दुखों का होगा नाश, इस पावन पर्व पर यह है हमारी आशा।
- श्री राम जी करें आपके घर सुख की बरसात, शुभ कामना हमारी करें स्वीकार,दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएं
- बुराई का होता हैं विनाश, दशहरा लाता है उम्मीदों की आस, आपके घर में हो ईश्वर का सदा वास।
- हो असत्य पर सत्य की विजय, बुराई पर अच्छाई की विजय,पाप पर पुण्य की विजय,अत्याचार पर सदाचार की विजय।
- हर बुराई पर हो अच्छाई की जीत, दशहरा लाता है ये एक उम्मीद, रावण की तरह हमारे दुखों का भी अंत हो, एक नई शुरुआत हो, एक नए सवेरे के साथ
- हर दिन एक नई शुरुआत है। इस दशहरा, हम सबके जीवन में नई शुरुआत का स्वागत करें।
- इस दशहरा, आइए हम सब अपने जीवन के हर बुरे अध्याय को खत्म करें और नए अध्याय की शुरुआत करें।
- जैसे ही रावण का पुतला जलता है, वैसे ही आपके जीवन की नकारात्मकता भी जलकर राख हो जाती है, और आपको प्यार और सकारात्मकता का आशीर्वाद मिलता है। दशहरा की शुभकामनाएँ!
- अच्छाई को बुराई पर विजय अवश्य मिलती है। जीवन में ऐसा अक्सर होता है और किसी भी मामले में युवा लोगों का यह मानना बुरा है कि ऐसा नहीं होता।
- असत्य पर सत्य की जीत के त्यौहार, विजयदशमी की आपको और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं
- रावण की तरह मन के विकारों का नाश हो, प्रभु श्रीराम का हृदय में सर्वदा वास हो।
- बुराई का नाश हो सुख का आवास हो, राम बसे आपके मन में, रावण कभी न आपके आसपास हो
FQA:- 5 विजयदशमी
विजयदशमी पर्व क्यों मनाया जाता है?
दशहरा (विजयादशमी व आयुध-पूजा) हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। अश्विन (क्वार) मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इसका आयोजन होता है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था तथा देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है।
विजयदशमी को रावण क्यों जलाया जाता है?
दशहरे का महत्व त्रेता युग में आश्विन महीने की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को ही भगवान श्रीराम ने रावण को पराजित किया था। रावण को अधर्म का प्रतीक माना जाता है। इसलिए दशहरे के दिन रावण का पुतला जलाकर बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है। असत्य पर सत्य और अधर्म पर धर्म की जीत हुई थी।
विजय दशमी और दशहरा में क्या अंतर है?
उल्लेखनीय है कि अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी के दिन माता दुर्गा के रूप कात्यायिनी ने महिषासुर का वध किया था। इसी की याद में विजयादशमी का उत्सव यानी विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है जबकि इसी दिन जब प्रभु श्रीराम ने इसी दिन दशानन रावण का वध कर दिया तो इस दिन को दशहरा भी कहा जाने लगा।
विजयदशमी पर क्या किया जाता है?
विजज दशमी यानी दशहरे के दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था इसलिए हर साल विजय दशमी के दिन रावण का पुतला जलाया जाता है. इस दिन शस्त्रों की भी पूजा की जाती हैविजयदशमी को किसकी पूजा होती है?
दशहरे का पर्व असत्य पर सत्य की जीत और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन 10 दिन से चलने वाले युद्ध में मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया था और भगवान राम ने रावण का अंत करके लंका पर विजय प्राप्त की थी। इस वजह से इस दिन शस्त्र पूजा, दुर्गा पूजा, राम पूजा और शमी पूजा का महत्व है।
टिप्पणियाँ