विनायक चतुर्थी: भगवान गणेश की उपासना का विशेष पर्व,Vinayaka Chaturthi: Special festival of worship of Lord Ganesha

विनायक चतुर्थी: भगवान गणेश की उपासना का विशेष पर्व

विनायक चतुर्थी, जिसे वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और शुभता के प्रतीक के रूप में माना जाता है, इसलिए इस दिन उनकी पूजा से सभी बाधाएं दूर होती हैं और समृद्धि प्राप्त होती है।

विनायक चतुर्थी पूजा विधि:

  • स्नान और तैयारी:
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थल की शुद्धि:
पूजा स्थल को साफ़ करें और गंगाजल छिड़कें जिससे पवित्र वातावरण बन सके।
  • मूर्ति स्थापना:
लकड़ी की चौकी पर भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
  • तिलक और पुष्प अर्पण:
गणेश जी को कुमकुम का तिलक लगाएं और पीले फूलों की माला अर्पित करें। पीला रंग भगवान गणेश को प्रिय है।
  • भोग और दीपक:
भगवान गणेश को मोदक या लड्डू का भोग लगाएं, जो उनका प्रिय भोजन है। इसके बाद, देसी घी का दीपक प्रज्वलित करें।
  • मंत्रोच्चार:
वैदिक मंत्रों का उच्चारण करते हुए भगवान गणेश का आह्वान करें।
  • व्रत कथा पाठ:
चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करें और गणेश जी की महिमा का गुणगान करें।
  • आरती:
अंत में, भगवान गणेश की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।
  • व्रत पारण:
अगले दिन सुबह विधि-विधान से व्रत का पारण करें।

विनायक चतुर्थी से जुड़े विशेष उपाय

इस दिन भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित करने से सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं। पांच इलायची और पांच लौंग का जोड़ा गणेश जी को अर्पित करने से वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि आती है। शमी के पेड़ की पूजा करने से जीवन में आने वाली कठिनाइयां दूर होती हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। विनायक चतुर्थी का यह पर्व न केवल भगवान गणेश की उपासना के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आस्था, समर्पण और समृद्धि का भी प्रतीक है।

7 FQA:Vinayak Chaturthi

विनायक चतुर्थी पर चंद्रमा देखने से क्या होता है?

भगवान गणेश ने चंद्र देव को श्राप दिया था कि जो व्यक्ति भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दौरान चंद्र दर्शन करेगा वह मिथ्या दोष से अभिशापित हो जायेगा और समाज में चोरी के झूठे आरोप से कलंकित हो जायेगा।

विनायक चतुर्थी पर किसकी पूजा की जाती है?

Vinayak Chaturthi: सावन माह की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है. यह तिथि भगवान गणेश को समर्पित है. कहते हैं कि सावन की विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा, अर्चना से मनोवांछित फल की प्राप्ति हो जाती है

विनायक चतुर्थी और गणेश चतुर्थी में क्या अंतर है?

जीवन मंत्र डेस्क. गणेश पुराण के अनुसार, चतुर्थी तिथि भगवान श्री गणेश को समर्पित है। हर हिंदी महीने में दो चतुर्थी तिथि आती है, एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं जबकि शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है।

विनायक चतुर्थी का मतलब क्या होता है?

ऐसे में भगवान गणेश की खास पूजा के लिए विनायक चतुर्थी का व्रत समर्पित किया गया है. इस दिन गणेश जी का जन्मदिन मनाया जाता है. शुक्ल पक्ष के दौरान अमावस्या के बाद पड़ने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं

विनायक चतुर्थी पर क्या खाना चाहिए?

गणेश चतुर्थी के व्रत के दौरान सात्विक भोजन या फलाहार ही ग्रहण करना चाहिए। व्रत में साबूदाने की खीर, मिठाई और कुट्टू के आटे की पकौड़ी का सेवन किया जा सकता है। सेब, अनार, केला आदि चीजों को भी फलाहार में शामिल कर सकते हैं।

विनायक चतुर्थी के दिन क्या करना चाहिए?

विनायक चतुर्थी के दिन 'श्री गणधिपतये नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें। गणेशजी की विधि-विधान से पूजा करें। मान्यता है कि ऐसा करने से धन, सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। विनायक चतुर्थी के दिन शमी के पेड़ की पूजा करने बेहद शुभ माना जाता है।

विनायक चतुर्थी पर चंद्रमा देखने से क्या होता है?

नारद ऋषि ने भगवान कृष्ण को आगे बताया कि भगवान गणेश ने चंद्र देव को श्राप दिया था कि जो व्यक्ति भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दौरान चंद्र दर्शन करेगा वह मिथ्या दोष से अभिशापित हो जायेगा और समाज में चोरी के झूठे आरोप से कलंकित हो जायेगा।

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