Vinayak Chaturthi: व्रत और पूजा के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी है, Vinayak Chaturthi: It is important to keep some special things in mind during fasting and worship

विनायक चतुर्थी: व्रत और पूजा के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी है

विनायक चतुर्थी हिंदू धर्म में भगवान गणेश की तिथि मानी जाती है।प्रत्येक माह में दो चतुर्थी होती है। जिन्हें गणेश भगवान की तिथि माना जाता है। अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। वहीं पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। हिंदू धर्म में गणेश भगवान को सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान गणेश को चतुर्थी तिथि अति प्रिय है इसलिए चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की आराधना करना बेहद मंगलमय माना जाता है।

विनायक चतुर्थी व्रत के दौरान क्या करें और क्या न करें

  • विनायक चतुर्थी पर चंद्रमा को न देखें
विनायक चतुर्थी व्रत के दिन चंद्रमा को देखना शुभ नहीं माना जाता है. माना जाता है कि विनायक चतुर्थी के अवसर पर चंद्रमा देखने से जातक पर गलत आरोप लगने शुरू हो जाते हैं. वह झूठे आरोपों का हिस्सा बन जाता है. इसलिए विनायक चतुर्थी के अवसर पर चंद्रमा नहीं देखना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चतुर्थी व्रत करने से जीवन के सभी संकट समाप्त हो जाते हैं और जीवन में खुशिया ही खुशिया आती है
  • भगवान गणेश भक्तों के सभी विघ्न दूर करते हैं
इस दिन पूजा के बाद भगवान गणेश जी को मस्तक पर सिंदूर अर्पित करें और इसके बाद इसे अपने माथे पर लगा लें. इससे आपको सभी कार्यों में सफलता मिलेगी। भगवान गणेश की पूजा से सभी तरह के कष्टों से छुटकारा मिलता है और जीवन में खुशियां आती हैं भगवान गणेश को दूर्वा चढ़ाने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाने से घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं रहती । गणेश जी को प्रिय चीज़ें चढ़ाने से मनचाही नौकरी मिलती है और जीवन में आ रही बाधा से मुक्ति मिलती है
  • तुलसी का उपयोग न करें : 
धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार भगवान गणेश को कभी भी तुलसी अर्पित नहीं करनी चाहिए. हिंदू धर्म में तुलसी बेहद पवित्र मानी जाती है. भगवान विष्णु को यह अति प्रिय है लेकिन गणेश जी की पूजा के दौरान तुलसी का इस्तेमाल वर्जित माना गया है।
  • फलाहार में नमक न लें : 
व्रत के दौरान नमक का सेवन न करें। विनायक चतुर्थी के व्रत में नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. गणेश चतुर्थी के व्रत में सात्विक भोजन या फलाहार ही करना चाहिए. इस दिन मीठे फल, जूस, साबूदाने की खीर, मिठाई, कुट्टू के आटे की पकौड़ी, सेब, अनार, केला, दूध, और दही का सेवन किया जा सकता है. भगवान गणेश को मेवे का भोग लगाकर भी खाया जा सकता है. मान्यता है कि ऐसा करने से गणपति प्रसन्न होकर सभी इच्छाएं पूरी करते हैं
  • काले कपड़े : 
काले रंग को नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इस दिन काकाले वस्त्र ना पहने।
  • वॉयस पर नियंत्रण रखें : 
इस दिन अपशब्दों से सलाह और किसी से भी विवाद या झगड़ा न करें। बड़ों का सम्मान करें ताकि पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो सके।

व्रत खोलने का तरीका

अगले दिन सूर्योदय के बाद और दोपहर के भोजन से पहले व्रत खोलें. शुद्ध जल से स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें. भगवान गणेश की मूर्ति के सामने दीपक जलाएं और धूप करें. गणेश जी की आरती करें और उन्हें मोदक, दूध, फल आदि का भोग लगाएं

विनायक चतुर्थी का महत्व 

मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति को ज्ञान और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही उनकी आराधना करने से जीवन में आ रहे तमाम कष्टों से मुक्ति भी मिलती है। कहा जाता है कि भगवान गणेश विघ्नहर्ता हैं, इनकी उपासना से किसी भी कार्य में आ रही रुकावट दूर हो जाती हैं। इतना ही नहीं विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की भक्ति करने से व्यापार में भी बरकत होती है। इसलिए हमारे शास्त्र में विनायक चतुर्थी की महिमा का बेहद महत्व है।

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