जानिए पापमोचनी एकादशी का व्रत कैसे करें और व्रत से जुड़ी विशेष बातें,Know how to fast on Papmochani Ekadashi and special things related to the fast
जानिए पापमोचनी एकादशी का व्रत कैसे करें और व्रत से जुड़ी विशेष बातें,
हिंदू धर्म में पापमोचनी एकादशी का खास महत्व है. ऐसी मान्यता है कि अगर जातक के जीवन में भूलवश किसी प्रकार का पाप हो गया है, तो इस दिन व्रत रखकर विधि विधान के साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से वो पाप नष्ट हो जाता है. मृत्यु के बाद स्वर्ग की प्राप्ति होती है
पापमोचनी एकादशी व्रत से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। व्रत करने का सही तरीका इस प्रकार है:
- प्रातःकाल उठना और स्नान: इस दिन सुबह जल्दी उठें, स्नान करें, और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- मंदिर की साफ़-सफ़ाई: अपने घर के मंदिर को साफ करें और वहां दीप प्रज्वलित करें।
- भगवान विष्णु का अभिषेक: भगवान विष्णु की प्रतिमा पर जल या गंगा जल चढ़ाएं।
- विष्णु पूजन: भगवान विष्णु को पीला चंदन, पीले फूल, और तुलसी दल अर्पित करें।
- घी का दीपक जलाना: मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें और भगवान की आरती करें।
- व्रत का संकल्प: भगवान विष्णु के समक्ष व्रत करने का संकल्प लें।
- व्रत कथा सुनना: पापमोचनी एकादशी की कथा का श्रवण या पाठ करें।
- मंत्र जाप: "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें।
- दिनभर उपवास: पूरे दिन निराहार रहें, सिर्फ फलाहार या जल ग्रहण कर सकते हैं।
- संध्या पूजा: शाम को फिर से विष्णुजी की पूजा करें और घी का दीपक जलाएं।
- भोग अर्पण: भगवान विष्णु को तुलसी दल सहित नैवेद्य अर्पित करें।
- क्षमा प्रार्थना: भगवान से अपने जाने-अनजाने में किए गए पापों के लिए क्षमा मांगें।
- अगले दिन पारण: एकादशी के अगले दिन, द्वादशी को शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण करें।
व्रत से जुड़ी विशेष बातें:
- इस दिन अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए।
- गंधयुक्त भोजन या मसालेदार चीज़ें खाने से बचना चाहिए।
- पारण के समय तुलसी के पत्ते का उपयोग करें और भगवान से अपने पापों के लिए क्षमा प्रार्थना करें।
पापमोचनी एकादशी पर मंत्र जाप:
- "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें।
टिप्पणियाँ