हैप्पी दशहरा विसेज और दशहरे पर दोहे,
दशहरा एक उम्मीद जगाता है,
बुराई के अंत की याद दिलाता है,
जो चलता है सत्य की राह पर
वो विजय का प्रतीक बन जाता हैं
विजयादशमी के पावन पर्व की शुभकामनाएं
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दशहरे पर दोहे
रावन ज़िंदा ही रहा सदियों जला शरीर
तरकश में था ही नहीं कभी राम के तीर
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दशहरे के दोहे
भक्ति शक्ति की कीजिये, मिले सफलता नित्य।
स्नेह-साधना ही 'सलिल', है जीवन का सत्य।।
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बुराई का होता है विनाश, दशहरा लाता है उम्मीद की आस,
रावण की तरह आपके दुखों का हो नाश,
आप सभी को दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएं
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दशहरे पर दोहे
नाभि में था भरा अमिय, मगर न आया काम।
मिलता कभी बुराई का, नहीं भला परिणाम।।
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दशहरे पर दोहे
सोने की लंका जली, रावण था हैरान।
उसे हुआ हनुमान की, तब ताकत का ज्ञान ।।
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इस दशहरा प्रण लेना होगा,
रावण नहीं राम बनकर रहना होगा,
बुराई के खिलाफ आवाज उठाना होगा,
हर बच्ची को आज दुर्गा बनाना होगा।
हैप्पी दशहरा
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दशहरा विशेष दोहे
आज दशहरा के पावन पर्व पर प्रस्तुत है मेरे द्वारा रचित दोहे।
आप सभी को दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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दशहरा विशेष दोहे
कोप, लोभ, दंभ, आलस, त्यजो सब यह काम।
रखो मुक्ति की आस, नित भजो राम नाम।।
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जब तक इंसान प्रभु राम के पथ पर चलेगा,
तब तक हर आतंकी रावण ऐसे ही जलेगा
दशहरा के पावन पर्व की शुभकामनाएं
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दशहरे पर दोहे
मात केकयी हो गई, पुत्र मोह में चूर।
किया तभी श्री राम को,राजमहल से दूर।।
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दशहरे पर दोहे
विजयादशमी का बड़ा, पावन है त्यौहार।
रावण रूपी दम्भ का,कर डालो संहार।।
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इससे पहले की दशहरे की शाम हो जाए,
मेरा मैसेज औरों की तरह आम हो जाए,
सारे मोबाइल नेटवर्क जाम हो जाएं,
और दशहरा विश करना आम हो जाए
आप सभी को दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएं
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दशहरे पर दोहे
रावण ने जब भूल का, किया न पश्चाताप।
उसके कुल ने इसलिये, सहा बड़ा संताप।।
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दशहरे पर दोहे
गले दशहरे पर मिले,दुश्मन हों या मीत।
नफरत यूँ दिल से मिटा, आगे बढ़ती प्रीत।।
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कितनी बार बेरहमी से मरे हुए रावण को जलाओगे,
अपने भीतर झांकोगे तो एक नही अनके रावण पाओगे
दशहरा की शुभकामनाएं
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दशहरे पर दोहे
आना-जाना नियति है, धर्म-कर्म पुरुषार्थ।
फल की चिंता छोड़कर, करता चल परमार्थ।।
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दशहरे पर दोहे
राम-नाम जो जप रहे, कर रावण सा काम।
'सलिल' राम ही करेंगे, उनका काम तमाम।।
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फूल खिले खुशी आप के कदम चूमे,
कभी ना हो दुखों का सामना,
धन ही धन आए आप के अंगना,
यही है दशहरे के शुभ अवसर पर मनोकामना।
आप सभी को दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएं
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दशहरे पर दोहे
निर्बल के बल राम हैं, निर्धन के धन राम।
रावण वह जो किसी के, आया कभी न काम।।
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