दशहरा पर निबंध 500 + words और दशहरा के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य,Essay on Dussehra 500+ words and important facts about Dussehra

दशहरा पर निबंध 500 + words और दशहरा के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य,

दशहरा अर्थात विजयादशमी

`दश’ का अर्थ है दस और हरा अर्थात हार गया या पराजित हुआ । आश्विन शुक्ल दशमीकी तिथिपर दशहरा मनाते हैं । दशहरेके पूर्वके नौ दिनोंमें अर्थात नवरात्रिकालमें दसों दिशाएं देवीमांकी शक्तिसे आवेशित होती हैं । दशमीकी तिथिपर ये दिशाएं देवीमांके नियंत्रणमें आ जाती हैं अर्थात् दिशाओं पर विजय प्राप्त होती है । इसी कारण इसे `दशहरा’ कहते हैं । दशमीके दिन विजयप्राप्ति होनेके कारण इस दिनको `विजयादशमी’ के नामसे भी जानते हैं । विजयादशमी साढेतीन मुहूर्तोंमेंसे एक है । इस दिन कोई भी कर्म शुभफलदायी होता है ।

दशहरा पर निबंध 500 + words

अधर्म पर धर्म की जीत यानि की दशहरा। इस त्यौहार के बारे में तो सारा संसार जानता है। रावण के अंत का कारण उसका खुद का अहंकार था। अहंकार इस बात का कि वही सबसे महान है। इसी नशे में चूर होकर ही रावण ने सीता जी को भगवान् राम को वापस नहीं किया। उसके बाद जो हुआ वह भी सब जानते हैं। अश्विन और कार्तिक के महीनों में, हिंदू देवी मां के सम्मान और राक्षस रावण पर भगवान राम की विजय के लिए उपवास, अनुष्ठान, समारोह, उत्सव का 10 दिवसीय समारोह मनाते हैं। दशहरा भैंस राक्षस, महिषासुर पर योद्धा देवी दुर्गा की विजय का भी प्रतीक है। इस प्रकार, यह बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव है। यह उत्सव नवरात्रि से शुरू होता है और "दशहरा" के दसवें दिन के त्योहार के साथ समाप्त होता है। नवरात्रि और दशहरा पूरे देश में एक ही समय में अलग-अलग अनुष्ठानों के साथ मनाया जाता है, लेकिन बहुत उत्साह और ऊर्जा के साथ क्योंकि यह चिलचिलाती गर्मी के अंत और सर्दियों के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है।
नवरात्रि के बाद दसवें दिन को दशहरा कहा जाता है, जिस दिन पूरे उत्तर भारत में कई मेले आयोजित किए जाते हैं, विजयादशमी भारतीय गृहस्थ के लिए एक शुभ दिन माना जाता है, जिस दिन वह शक्ति की पूजा, रक्षा और संरक्षण करता है। शास्त्रों के अनुसार, इन नौ दिनों में शक्ति की पूजा करने से गृहस्थ को तीन गुना शक्ति यानी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है, जो उसे बिना किसी कठिनाई के जीवन में प्रगति करने में मदद करती है।
दशहरे से पहले के नौ दिनों में भगवान राम के जीवन का मंचन करने वाली 'रामलीला' का आयोजन किया जाता है। दसवें दिन (दशहरा या विजय दशमी) रावण, उसके बेटे और भाई - मेघनाद और कुंभकर्ण के जीवन से भी बड़े पुतलों को आग के हवाले कर दिया जाता है। इस नाटकीय मुठभेड़ का नाट्य मंचन पूरे देश में किया जाता है जिसमें हर वर्ग के लोग उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं। पुतलों को जलाने में लोगों से अपने भीतर की बुराई को जलाने और इस तरह सच्चाई और अच्छाई के मार्ग पर चलने के लिए कहा जाता है, रावण का उदाहरण याद रखें, जो अपनी सारी शक्ति और महिमा के बावजूद अपने बुरे कामों के कारण नष्ट हो गया था।

दशहरा के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य:

  • कहा जाता है कि अगर रावण का वध भगवान राम ने नहीं किया होता तो सूर्य हमेशा के लिए अस्त हो जाता।
  • दशहरा का महत्व इस रूप में भी होता कि मां दुर्गा ने दसवें दिन महिषासुर राक्षस का वध किया था।
  • महिषासुर असुरों को राजा था, जो लोगों पर अत्याचार करता था, उसके अत्याचारों को देखकर भगवान ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश ने शक्ति (माँ दुर्गा) का निर्माण किया, महिषासुर और शक्‍ति (माँ दुर्गा) के बीच 10 दिनों तक युद्ध हुआ और आखिरकार मां ने 10 वें दिन विजय हासिल कर ली।
  • ऐसी मान्यता है कि नवरात्र में देवी मां अपने मायके आती हैं और उनकी विदाई हेतु लोग नवरात्र के दसवें दिन उन्हें पानी में विसर्जित करते हैं।
  • एक मान्यता यह भी है कि श्री राम ने रावण के दसों सिर यानी दस बुराइयाँ को ख़त्म किया जो हमारे अंदर, पाप, काम, क्रोध, मोह, लोभ, घमंड, स्वार्थ, जलन, अहंकार, अमानवता और अन्‍याय के रूप में विराजमान है।
  • ऐसा लोगों का मानना है की मैसूर के राजा के द्वारा 17वीं शताब्दी में मैसूर में दशहरा मनाई गयी थी।
  • मलेशिया में दशहरा पर राष्ट्रीय अवकाश होता है, यह त्योहार सिर्फ भारत ही नहीं बांग्लादेश और नेपाल में भी मनाया जाता है।
  • दशहरा भगवान राम और माता दुर्गा दोनों का महत्व दर्शाता है. रावण को हराने के लिए श्री राम ने मां दुर्गा की पूजा की थी और आर्शीवाद के रूप में मां ने रावण को मारने का रहस्‍य बताया था।

ये भी पढ़ें:-

टिप्पणियाँ