Sharadiya Navratri 2024 Day 9: शारदीय नवरात्रि के नौवां दिन मां सिद्धिदात्री पूजा का महत्व,मंत्र,पूजा विधि,स्तुति,स्तोत्र,कवच,आरती,

Sharadiya Navratri 2024 Day 9: शारदीय नवरात्रि के नौवां दिन मां सिद्धिदात्री पूजा का महत्व,मंत्र,पूजा विधि,स्तुति,स्तोत्र,कवच,आरती

मां सिद्धिदात्री, मां दुर्गा के नौवें स्वरूप के रूप में पूजी जाती हैं और इनकी पूजा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इनकी कृपा से भक्त सभी प्रकार की सिद्धियों को प्राप्त कर सकते हैं। मां सिद्धिदात्री की पूजा से व्यक्ति को यश, बल, कीर्ति, और धन की प्राप्ति होती है, और जीवन में सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इनके आशीर्वाद से शोक, भय, और रोग का नाश होता है, जिससे व्यक्ति मानसिक और शारीरिक समस्याओं से मुक्त हो जाता है। मां सिद्धिदात्री की उपासना मोक्ष प्राप्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि यह जन्म और मरण के चक्र से मुक्ति प्रदान करती है। इनकी पूजा से जीवन में आने वाले ग्रह दोषों और रोगों से मुक्ति मिलती है, और किसी भी प्रकार की अनहोनी नहीं होती। मां सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने के लिए तिल का भोग लगाया जाता है और कमल का फूल अर्पित किया जाता है। इनके प्रिय प्रसाद में मौसमी फल, चना, पूड़ी, खीर, नारियल, और हलवा शामिल हैं, जो भक्तों द्वारा विशेष रूप से अर्पित किए जाते हैं।

शारदीय नवरात्रि के नौवां दिन: Maa Siddhidatri Mantr

नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. इस दिन मां सिद्धिदात्री के कुछ मंत्रों का जाप किया जाता है: 
  • ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः
  • या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम,
  • मां सिद्धिदात्री का बीज मंत्र है
  • ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम इस मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए. 

शारदीय नवरात्रि के नौवां दिन: Maa Siddhidatri Pooja Vidhi

मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि इस प्रकार है: 
  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ़ कपड़े पहनें।
  • मां सिद्धिदात्री की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना करें।
  • मां को गंगाजल से अभिषेक करें।
  • मां को लाल चुनरी, अक्षत, फूल, माला, सिंदूर, फल, नारियल, चना, खीर, हलवा, पूड़ी आदि अर्पित करें।
  • मां को रोली, कुमकुम, पुष्प और चुनरी चढ़ाएं। 
  • मां को सफ़ेद रंग के वस्त्र अर्पित करें। 
  • मां को मिष्ठान, पंच मेवा, फल अर्पित करें। 
  • मां को भोग लगाएं।
  • मां के मंत्रों का जाप करें।
  • दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
  • पान के पत्ते पर कपूर और लौंग रखकर माता की आरती करें।
  • अंत में क्षमा प्रार्थना करें। 
  • इस दिन कन्या पूजन करने का भी विशेष विधान है। 
  • कन्याओं को श्रृंगार सामग्री दें।
  • कन्याओं को माता का प्रसाद हलवा, पूड़ी और उबले हुए चने खिलाएं। 
  • कन्याओं के साथ एक बालक को भी बुलाएं।
  • इस दिन बैंगनी या जामुनी रंग पहनना शुभ रहता है।
  • ऐसा कहा जाता है कि माता सिद्धिदात्री को हलवा-पूड़ी और चना का भोग लगाना चाहिए। 
  • इस प्रसाद को कन्याओं और ब्राह्मणों में बांटना बेहद शुभ माना गया है। 

शारदीय नवरात्रि के नौवां दिन: Maa Siddhidatri Stuti

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः

कंचनाभा शंखचक्रगदामधरामुकुटोज्वला। 
स्मेरमुखीशिवपत्नीसिद्धिदात्रीनमोअस्तुते॥

परमानंदमयीदेवि परब्रह्म परमात्मा। 
परमशक्ति,परमभक्तिसिद्धिदात्रीनमोअस्तुते॥

विश्वकतींविश्वभर्तीविश्वहतींविश्वप्रीता। 
विश्व चताविश्वतीतासिद्धिदात्रीनमोअस्तुते॥

भुक्तिमुक्तिकारणीभक्तकष्टनिवारिणी। 
भवसागर तारिणीसिद्धिदात्रीनमोअस्तुते॥

धर्मार्थकाम प्रदायिनीमहामोह विनाशिनी। 
मोक्षदायिनीसिद्धिदायिनीसिद्धिदात्रीनमोअस्तुते॥

शारदीय नवरात्रि के नौवां दिन: Maa Siddhidatri Stotr

कञ्चनाभा शङ्खचक्रगदापद्मधरा मुकुटोज्वलो।
स्मेरमुखी शिवपत्नी सिद्धिदात्री नमोऽस्तुते॥

पटाम्बर परिधानां नानालङ्कार भूषिताम्।
नलिस्थिताम् नलनार्थी सिद्धीदात्री नमोऽस्तुते॥

परमानन्दमयी देवी परब्रह्म परमात्मा ।
परमशक्ति, परमभक्ति, सिद्धिदात्री नमोऽस्तुते॥

विश्वकर्ती, विश्वभर्ती, विश्वहर्ती, विश्वप्रीता।
विश्व वार्चिता, विश्वातीता सिद्धिदात्री नमोऽस्तुते॥

भुक्तिमुक्तिकारिणी भक्तकष्टनिवारिणी ।
भवसागर तारिणी सिद्धिदात्री नमोऽस्तुते॥

धर्मार्थकाम प्रदायिनी महामोह विनाशिनीं ।
मोक्षदायिनी सिद्धीदायिनी सिद्धिदात्री नमोऽस्तुते।।

शारदीय नवरात्रि के नौवां दिन: Maa Siddhidatri Kavach

ॐकारः पातु शीर्षो माँ, ऐं बीजम् माँ हृदयो।
हीं बीजम् सदापातु नभो गृहो च पादयो॥
ललाट कर्णो श्रीं बीजम् पातु क्लीं बीजम् माँ नेत्रम् घ्राणो।
कपोल चिबुको हसौ पातु जगत्प्रसूत्यै माँ सर्ववदनो।।

शारदीय नवरात्रि के नौवां दिन: Maa Siddhidatri Aarti

तु भक्तों की रक्षक तू दासों की माता॥ 
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।

तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि॥ 
कठिन काम सिद्ध करती हो तुम।

जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम॥ 
तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है।

तू जगदम्बें दाती तू सर्व सिद्धि है॥ 
रविवार को तेरा सुमिरन करे जो।

 तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो॥ 
तू सब काज उसके करती है पूरे।

कभी काम उसके रहे ना अधूरे॥ 
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया।

रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया॥ 
सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।

जो है तेरे दर का ही अम्बें सवाली॥ 
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा।

महा नंदा मंदिर में है वास तेरा॥ 
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता।

भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता॥

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