Sharadiya Navratri 2024 Day 8: शारदीय नवरात्रि के आठवां दिन मां महागौरी पूजा का महत्व,मंत्र,पूजा विधि,स्तुति,स्तोत्र,कवच,आरती,
Sharadiya Navratri 2024 Day 8: शारदीय नवरात्रि के आठवां दिन मां महागौरी पूजा का महत्व,मंत्र,पूजा विधि,स्तुति,स्तोत्र,कवच,आरती
मां महागौरी की पूजा का महत्व
नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि वे शक्ति, सौभाग्य, और शुद्धता का प्रतीक मानी जाती हैं। मां महागौरी की कृपा से साधकों को जीवन में कई अद्भुत लाभ प्राप्त होते हैं। उनकी पूजा से विवाह में आने वाली समस्याएं समाप्त होती हैं और जिनका विवाह नहीं हो रहा होता, उनके विवाह के योग बनते हैं। मां महागौरी की पूजा से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, और वे पापों से मुक्त होते हैं। उनके आशीर्वाद से सुख-समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है। यहां तक कि असंभव प्रतीत होने वाले कार्य भी संभव हो जाते हैं। मां महागौरी की कृपा से व्यक्ति के सभी रोग और व्याधियां दूर हो जाती हैं, और सोमचक्र जाग्रत हो जाता है। यह चक्र मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का स्रोत माना जाता है। उनकी पूजा से तप, वैराग्य, सदाचार, और संयम की वृद्धि होती है, जिससे जीवन में स्थिरता और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मां महागौरी की पूजा करने से सभी नौ देवियां प्रसन्न होती हैं, जिससे साधक को नवरात्रि की साधना का संपूर्ण फल प्राप्त होता है।
शारदीय नवरात्रि के आठवां दिन: Maa Mahagauri Mantr
नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है. इस दिन मां महागौरी के ये मंत्र पढ़े जाते हैं:- ॐ देवी महागौर्यै नमः॥
- या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
- वन्दे वांछित कामार्थेचन्द्रार्घकृतशेखराम्। सिंहारूढा चतुर्भुजा महागौरीयशस्विनीम्॥
- श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥
- वन्दे वांछित कामार्थे चन्द्रार्घकृतशेखराम्। सिंहारूढा चतुर्भुजा महागौरी यशस्विनीम्॥
- पूर्णन्दु निभाम् गौरी सोमचक्रस्थिताम् अष्टमम् महागौरी त्रिनेत्राम्। वराभीतिकरां त्रिशूल डमरूधरां महागौरी भजेम्॥
शारदीय नवरात्रि के आठवां दिन: Maa Mahagauri Pooja Vidhi
मां महागौरी की पूजा के लिए, नवरात्रि के आठवें दिन इन बातों का ध्यान रखें:- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- साफ़-स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं।
- मां महागौरी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- मां को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं।
- मां को सफ़ेद रंग के वस्त्र पहनाएं।
- मां को सफ़ेद फूल अर्पित करें।
- मां को रोली-कुमकुम लगाएं।
- मां को नारियल से बनी मिठाई, हलवे, और काले चने का भोग लगाएं।
- मां को मोगरे के फूलों से बनी माला अर्पित करें।
- मां महागौरी के मंत्रों का जाप करें।
- दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
- मां महागौरी की आरती करें।
- भोग को प्रसाद के रूप में वितरित करें।
- अगर अष्टमी के दिन कन्या पूजन हो रहा है, तो कन्याओं को भोजन भी कराएं ।
शारदीय नवरात्रि के आठवां दिन: Maa Mahagauri Stuti
या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
वन्दे वांछित कामार्थेचन्द्रार्घकृतशेखराम्।
शारदीय नवरात्रि के आठवां दिन: Maa Mahagauri Stotr
सर्वसङ्कट हन्त्री त्वंहि धन ऐश्वर्य प्रदायनीम्।
ज्ञानदा चतुर्वेदमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥
सुख शान्तिदात्री धन धान्य प्रदायनीम्।
डमरूवाद्य प्रिया अद्या महागौरी प्रणमाम्यहम्॥
त्रैलोक्यमङ्गल त्वंहि तापत्रय हारिणीम्।
वददम् चैतन्यमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥
शाशारदीय नवरात्रि के आठवां दिन: Maa Mahagauri Kavach
ॐकारः पातु शीर्षो माँ, हीं बीजम् माँ, हृदयो।
क्लीं बीजम् सदापातु नभो गृहो च पादयो॥
ललाटम् कर्णो हुं बीजम् पातु महागौरी माँ नेत्रम् घ्राणो।
कपोत चिबुको फट् पातु स्वाहा माँ सर्ववदनो॥
शारदीय नवरात्रि के आठवां दिन: Maa Mahagauri Aarti
जय महागौरी जगत की माया।
जया उमा भवानी जय महामाया।।
हरिद्वार कनखल के पासा।
महागौरी तेरा वहां निवासा।।
चंद्रकली और ममता अंबे।
जय शक्ति जय जय मां जगदंबे।।
भीमा देवी विमला माता।
कौशिकी देवी जग विख्याता।।
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा।।
सती ‘सत’ हवन कुंड में था जलाया।
उसी धुएं ने रूप काली बनाया।।
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया।।
तभी मां ने महागौरी नाम पाया।
शरण आनेवाले का संकट मिटाया।।
शनिवार को तेरी पूजा जो करता।
मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता।।
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो।
महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो।।
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