Sharadiya Navratri 2024 Day 6: शारदीय नवरात्रि के छठा दिन मां कात्यायनी पूजा का महत्व,मंत्र,पूजा विधि,स्तुति,स्तोत्र,कवच,आरती,
Sharadiya Navratri 2024 Day 6: शारदीय नवरात्रि के छठा दिन मां कात्यायनी पूजा का महत्व,मंत्र,पूजा विधि,स्तुति,स्तोत्र,कवच,आरती
मां कात्यायनी की पूजा का महत्व
मां कात्यायनी की पूजा का विशेष महत्व है, खासकर उनके भक्तों के लिए जो जीवन में विभिन्न प्रकार की बाधाओं से मुक्ति पाना चाहते हैं। उन्हें विवाह में आने वाली अड़चनें दूर करने वाली देवी माना जाता है, और उनकी उपासना से गुरु ग्रह की स्थिति भी सुदृढ़ होती है। मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाने से सुंदर रूप और आकर्षक व्यक्तित्व की प्राप्ति होती है।
उनकी पूजा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, शत्रुओं से भय समाप्त होता है, और सेहत संबंधी परेशानियों से मुक्ति मिलती है। मां कात्यायनी की कृपा से इंद्रियों को वश में किया जा सकता है, जिससे आत्मसंयम और मानसिक स्थिरता आती है। चूंकि मां कात्यायनी ने महिषासुर का वध किया था, इसलिए उन्हें "महिषासुर मर्दिनी" के नाम से भी पूजा जाता है। उनकी पूजा से धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष की प्राप्ति होती है, जो जीवन के चार महत्वपूर्ण लक्ष्य माने गए हैं। मां कात्यायनी को लाल रंग अत्यंत प्रिय है, और उनकी उपासना में लाल रंग का महत्व है। दुश्मनों का संहार करने और जीवन में विजय प्राप्त करने की शक्ति उनकी पूजा से प्राप्त होती है। मां कात्यायनी का ध्यान गोधूलि बेला (शाम के समय) में करना विशेष फलदायी माना जाता है।
शारदीय नवरात्रि के छठा दिन: Maa Katyayani Mantr
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. इस दिन मां कात्यायनी के इन मंत्रों का जाप किया जाता है- ॐ देवी कात्यायन्यै नमः
- या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
- चंद्र हासोज्ज्वलकरा शार्दूलवर वाहना, कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी
- क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।
शारदीय नवरात्रि के छठा दिन: Maa Katyayani Pooja Vidhi
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ़-सुथरे कपड़े पहनें।
- मां कात्यायनी की चौकी लगाएं।
- मां कात्यायनी की मूर्ति या तस्वीर को शुद्ध जल या गंगाजल से स्नान कराएं।
- मां को पीले रंग के वस्त्र पहनाएं।
- मां को पीले रंग के फूल, हल्दी का तिलक, रोली, कुमकुम, अक्षत चढ़ाएं।
- मां को पांच तरह के फल और मिठाई का भोग लगाएं. शहद का भोग भी लगाएं।
- मां कात्यायनी की आरती करें।
- मां कात्यायनी के मंत्रों का जाप करें।
- दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
- घर के मंदिर में धूपबत्ती और घी का दीपक जलाएं।
- क्षमा प्रार्थना करें.
शारदीय नवरात्रि के छठा दिन: Maa Katyayani Stuti
या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
शारदीय नवरात्रि के छठा दिन: Maa Katyayani Stotr
कंचनाभं वरभयं पद्मधरा मुक्तोज्ज्वलां।
स्मेर्मुखी शिवपत्नी कात्यायनसुते नमोऽस्तुते॥
पाटम्बर पसियाना नानालङ्कार भूषिताम्।
सिंहस्थिताम् पद्महस्तां कात्यायनसुते नमोऽस्तुते॥
परमानंदमयी देवी परमब्रह्म परमात्मा।
परमशक्ति, परमभक्ति, कात्यायनसुते नमोऽस्तुते॥
विश्वभर्ती, विश्वभर्ती, विश्वभर्ती, विश्वप्रेमा।
विश्वचिन्ता, विश्वातीता कात्यायनसुते नमोऽस्तुते॥
कं बीजा, कं जपानंदकं बीज जप तोषिते।
कं कं बीज जपदसक्तकं कं संतुता॥
कंकारहर्षिणीकं धनदाधनमासना।
कं बीज जपकारिणीकं बीज तप मनसा॥
कं कारिणी कं मंत्रपूजिताकं बीज धारिणी।
कं किं कुंकै क: ठ: छ: स्वाहारूपिणी॥
शारदीय नवरात्रि के छठा दिन: Maa Katyayani Kavach
कात्यायनौमुख पातु कां स्वाहास्वरूपिणी।
ललाटे विजया पातु मालिनी नित्य सुन्दरी॥
कल्याणी हृदयम् पातु जया भगमालिनी॥
शारदीय नवरात्रि के छठा दिन: Maa Katyayani Aarti
जय जय अंबे जय कात्यायनी,जय जगमाता जग की महारानी ।।
बैजनाथ स्थान तुम्हारा, वहां वरदाती नाम पुकारा ।।
कई नाम हैं कई धाम हैं, यह स्थान भी तो सुखधाम है।।
हर जगह उत्सव होते रहते, हर मंदिर में भक्त हैं कहते।।
कात्यायनी रक्षक काया की, ग्रंथि काटे मोह माया की ।।
झूठे मोह से छुड़ानेवाली, अपना नाम जपानेवाली।।
बृहस्पतिवार को पूजा करियो, ध्यान कात्यायनी का धरियो।।
हर संकट को दूर करेगी,भंडारे भरपूर करेगी ।।
जो भी मां को भक्त पुकारे,कात्यायनी सब कष्ट निवारे।।
जय जय अंबे जय कात्यायनी,जय जगमाता जग की महारानी ।।
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