Sharadiya Navratri 2024 Day 2: शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी पूजा का महत्व,मंत्र,पूजा विधि,स्तुति,स्तोत्र,कवच,आरती,Sharadiya Navratri ke second day Maa Brahmacharini Puja ka mahatv,mantr,pooja vidhi,stuti,stotr,kavach,aarti
Sharadiya Navratri 2024 Day 2: शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी पूजा का महत्व,मंत्र,पूजा विधि,स्तुति,स्तोत्र,कवच,आरती
मां ब्रह्मचारिणी पूजा महत्व
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विशेष महत्व है। मां ब्रह्मचारिणी तपस्या, संयम, और ज्ञान की देवी मानी जाती हैं, और उनकी पूजा करने से साधक को इन गुणों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उनके पूजन से व्यक्ति में त्याग, वैराग्य, और सदाचार की भावना प्रबल होती है, जिससे जीवन के कठिन संघर्षों में भी मन स्थिर रहता है और कर्तव्य-पथ से विचलित नहीं होता।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से ज्ञान में वृद्धि होती है और जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। यह पूजा तन और मन के दोषों को दूर कर, जीवन में उत्साह, धैर्य और साहस का संचार करती है। परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है, और साधक को जप-तप की शक्ति मिलती है, जिससे जीवन की अनेक परेशानियों का नाश होता है। मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से सर्वत्र सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती है, जो साधक के जीवन को सकारात्मक और सफल बनाती है।
शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन: Maa Brahmacharini ka mantr
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. इस दिन मां ब्रह्मचारिणी के इन मंत्रों का जाप किया जाता है:-
- ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः
- ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं ब्रह्मचारिणीय नमः
- ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम:
- या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: !
- दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा !
शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन: Maa Brahmacharini pooja vidhi
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि इस प्रकार है:- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ़-सुथरे कपड़े पहनें।
- मंदिर की सफ़ाई करें और चौकी पर मां ब्रह्मचारिणी की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करें।
- मां को पंचामृत से स्नान कराएं।
- मां को सफ़ेद फूल, रोली, चंदन, अक्षत, लाल गुड़हल का फूल चढ़ाएं।
- मां को दूध से बनी चीज़ें, चीनी, मिश्री, और पंचामृत का भोग लगाएं।
- मां को पान-सुपारी भेंट करें।
- मां के मंत्रों का जाप करें।
- घी और कपूर से बने दीपक से माता की आरती उतारें।
- दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
- माता के जयकारे लगाएं।
- पूजा के बाद कलश देवता और नवग्रह की पूजा करें।
- पूरे दिन निराहार रहें।
- शाम को आरती करें और फलाहार करें।
शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन: Maa Brahmacharini Stuti
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन: Maa Brahmacharini Stotr
तपश्चारिणी त्वंहि तापत्रय निवारणीम्।
ब्रह्मरूपधरां ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥
नवचक्र भेंदनी त्वंहि नवऐश्वर्य प्रदायनीम्।
धनदा-सुखदा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥
शंकरप्रिया त्वंहि भुक्ति-मुक्ति दायिनी।
शान्तिदा मानदा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्।
शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन: Maa Brahmacharini Kavach
त्रिपुरा में हृदयं पातु ललाटे पातु शंकरभामिनी।
अर्पण सदापातु नेत्रो, अर्धरी च कपोलो॥
पंचदशी कण्ठे पातुमध्यदेशे पातुमहेश्वरी॥
षोडशी सदापातु नाभो गृहो च पादयो।
अंग प्रत्यंग सतत पातु ब्रह्मचारिणी।
शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन: Maa Brahmacharini Aarti
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।
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