Sharadiya Navratri 2024 Day 1: शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री पूजा का महत्व,मंत्र,पूजा विधि,स्तुति,स्तोत्र,कवच,आरती,
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री पूजा का महत्व,मंत्र,पूजा विधि,स्तुति,स्तोत्र,कवच,आरती
मां शैलपुत्री पूजा का महत्व
मां शैलपुत्री के कुछ मंत्र
- वन्दे वांछितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्
- ऊं ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नमः
- या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:
शारदीय नवरात्रि प्रथम दिन:मां शैलपुत्री की पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ़ कपड़े पहनें ।
- चौकी पर लाल या सफ़ेद कपड़ा बिछाकर मां शैलपुत्री की मूर्ति, तस्वीर, या फ़ोटो स्थापित करें ।
- कलश स्थापित करें ।
- मां शैलपुत्री का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
- मां शैलपुत्री को सफ़ेद फूल, अक्षत, सिंदूर, कुमकुम, माला, और सफ़ेद मिठाई अर्पित करें।
- मां के सामने घी का दीपक, धूप, और पांच देसी घी के दीपक जलाएं ।
- मां शैलपुत्री की आरती करें।
- मां शैलपुत्री की कथा, दुर्गा चालिसा, दुर्गा स्तुति, या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें ।
- पूजा के बाद भोग लगाएं. मां शैलपुत्री को दूध से बनी बर्फ़ी, खीर, या कद्दू का हलवा भोग में लगाया जा सकता है।
- शाम के समय में भी मां शैलपुत्री की आरती करें और मंत्र जप व ध्यान करें ।
शारदीय नवरात्रि प्रथम दिन: Maa Shailputri Stuti
शारदीय नवरात्रि प्रथम दिन: Maa Shailputri Stotr
प्रथम दुर्गा त्वहिभवसागर तारणीम्।
धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम्॥
त्रिलोकजननींत्वंहिपरमानंद प्रदीयनाम्।
सौभाग्यारोग्यदायनीशैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम्॥
चराचरेश्वरीत्वंहिमहामोह विनाशिन।
भुक्ति, मुक्ति दायनी,शैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम्॥
चराचरेश्वरीत्वंहिमहामोह विनाशिन।
भुक्ति, मुक्ति दायिनी शैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम् ॥
शारदीय नवरात्रि प्रथम दिन: Maa Shailputri Kavach
ओमकार:में शिर: पातुमूलाधार निवासिनी।
हींकार,पातुललाटेबीजरूपामहेश्वरी॥
श्रीकार:पातुवदनेलज्जारूपामहेश्वरी।
हूंकार:पातुहृदयेतारिणी शक्ति स्वघृत॥
फट्कार:पातुसर्वागेसर्व सिद्धि फलप्रदा।
शारदीय नवरात्रि प्रथम दिन: Maa Shailputri Aarti,
शैलपुत्री मां बैल असवार।
करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी।
तेरी महिमा किसी ने ना जानी।।
पार्वती तू उमा कहलावे।
जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू।
दया करे धनवान करे तू।।
सोमवार को शिव संग प्यारी।
आरती तेरी जिसने उतारी।
उसकी सगरी आस पुजा दो।
सगरे दुख तकलीफ मिला दो।।
घी का सुंदर दीप जला के।
गोला गरी का भोग लगा के।
श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं।
प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।।
जय गिरिराज किशोरी अंबे।
शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।
मनोकामना पूर्ण कर दो।
भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।।
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