नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों का भोग,Navratri ke nau dinon mein Maa Durga ke nau svaroopon ka bhog

मां दुर्गा नवरात्रि के नौ दिनों का भोग

नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को भोग अर्पित करने का विशेष धार्मिक महत्व है। ये भोग हर देवी के स्वरूप के साथ उनके आशीर्वाद और प्रकृति से जुड़े होते हैं। साथ ही, इन भोगों का स्वास्थ्य से भी संबंध है, जो उपवास के दौरान शरीर को ऊर्जा और संतुलन प्रदान करते हैं।

पहला दिन - मां शैलपुत्री

  • भोग: घी और दूध से बनी चीज़ें
  • महत्व: घी और दूध में पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को मजबूती और ऊर्जा प्रदान करते हैं।

दूसरा दिन - मां ब्रह्मचारिणी

  • भोग: मिश्री
  • महत्व: मिश्री और शहद शरीर की ऊर्जा को संतुलित रखते हैं और शुगर लेवल को नियंत्रित करते हैं।

तीसरा दिन - मां चंद्रघंटा

  • भोग: दूध से बनी चीज़ें (जैसे समां की खीर, पंचामृत)
  • महत्व: दूध की ठंडक और पौष्टिकता शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करती है।

चौथा दिन - मां कूष्मांडा

  • भोग: मालपुआ
  • महत्व: कुट्टू या सिंघाड़े के आटे से बना मालपुआ व्रत के दौरान ऊर्जा प्रदान करता है।

पांचवां दिन - मां स्कंदमाता

  • भोग: केला
  • महत्व: केला फाइबर से भरपूर होता है, जो पाचन को सही रखता है और कमजोरी से बचाता है।

छठा दिन - मां कात्यायनी

  • भोग: शहद और मीठा पान
  • महत्व: शहद में औषधीय गुण होते हैं, और यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।

सातवां दिन - मां कालरात्रि

  • भोग: गुड़
  • महत्व: गुड़ शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालता है और पाचन को दुरुस्त रखता है।

आठवां दिन - मां महागौरी

  • भोग: नारियल
  • महत्व: नारियल शरीर को ठंडक और ऊर्जा प्रदान करता है, साथ ही यह स्वस्थ व्रत आहार का हिस्सा है।

नौवां दिन - मां सिद्धिदात्री

  • भोग: सफेद तिल
  • महत्व: तिल में कैल्शियम और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को मजबूत बनाते हैं।
इन भोगों के माध्यम से मां दुर्गा को प्रसन्न करने के साथ-साथ भक्तों को उपवास के दौरान आवश्यक ऊर्जा और पोषण भी मिलता है।

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