Navratri Ka First Day - मां शैलपुत्री की आरती,Maa Shailputri Ki Aarti

Navratri Ka First Day - मां शैलपुत्री की आरती

मां शैलपुत्री की आरती करने से कई लाभ मिलते हैं

मां शैलपुत्री की आरती और पूजा करने से अद्भुत लाभ मिलते हैं, जो भक्तों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाते हैं। मां शैलपुत्री, देवी दुर्गा के पहले स्वरूप के रूप में पूजित होती हैं, और उनकी पूजा विशेष रूप से नवरात्रि के पहले दिन की जाती है।
मां शैलपुत्री को 'पर्वतों की देवी' कहा जाता है, क्योंकि वे पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं। उन्हें सफ़ेद रंग अत्यंत प्रिय है, इसलिए पूजा में सफ़ेद फूल, वस्त्र और मिष्ठान अर्पित किए जाते हैं। उनकी सवारी वृषभ (बैल) है, और वे त्रिशूल और कमल धारण करती हैं, जो शक्ति और शांति का प्रतीक हैं।

मां शैलपुत्री की आरती करने से:

  • सुख-समृद्धि और यश की प्राप्ति होती है।
  • बाधाओं से मुक्ति मिलती है, और रुके हुए कार्य सफल होते हैं।
  • साधक को धन-धान्य, सौभाग्य और आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है।
  • कुंवारी कन्याओं को सुयोग्य जीवनसाथी मिलता है, और गृहस्थ जीवन में सुख शांति बनी रहती है।
  • उनकी पूजा भक्तों के जीवन में स्थिरता, धैर्य और शक्ति का संचार करती है।

 मां शैलपुत्री की आरती - Maa Shailputri Ki Aarti

ॐ जय शैलपुत्री माता, मैया जय शैलपुत्री माता।
रूप अलौकिक पावन, शुभ फल की दाता।।

ॐ जय शैलपुत्री माता…

हाथ त्रिशूल कमल दल, मैया को साजे।
शीश मुकुट शोभा मयी, मैया के राजे।।

ॐ जय शैलपुत्री माता…

दक्ष राज की कन्या, शिव अर्धांगिनी तुम।
तुम ही हो सती माता,पाप विनाशिनी तुम।।

ॐ जय शैलपुत्री माता…

क्रिश्द सवारी माँ की, सुंदर अति पावन।
सौभाग्यशाली बनता, जो करले दर्शन।।

ॐ जय शैलपुत्री माता…

आदी अनादि अनामय, माँ तुम अविनाशी।
अटल अनंत अगोचर, अजआनंद राशि।।

ॐ जय शैलपुत्री माता…

नवदुर्गो में मैया, प्रथम तेरा ये स्थान।
रिद्धि सिद्धि पा जाता, जो धरता तेरा ध्यान।।

ॐ जय शैलपुत्री माता…

प्रथम नवरात्रे जो माँ, व्रत तेरा धारे।
करदे कृपा उस जन पे, तू मैया तारे।।

ॐ जय शैलपुत्री माता…

मूलाधार निवासिनी, हमपे कृपा करना।
लाल तुम्हारे ही हम, दृष्टी दया रखना।।

ॐ जय शैलपुत्री माता…

करुणामयी जग जननी, दया नज़र कीजे।
शिवा सती है मैया, चरण शरण लीजिये।।

ॐ जय शैलपुत्री माता…

ॐ जय शैलपुत्री माता, मैया जय शैलपुत्री माता।
रूप अलौकिक पावन, शुभ फल की दाता।।

ॐ जय शैलपुत्री माता…

दुसरी आरती माँ शैलपुत्री की आरती | Maa Shailputri Ki Aarti

शैलपुत्री मां बैल पर सवार। 
करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी। 
तेरी महिमा किसी ने ना जानी।

ॐ जय शैलपुत्री माता…

पार्वती तू उमा कहलावे।
जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू। 
दया करे धनवान करे तू।

ॐ जय शैलपुत्री माता…

सोमवार को शिव संग प्यारी। 
आरती तेरी जिसने उतारी।
उसकी सगरी आस पुजा दो। 
सगरे दुख तकलीफ मिला दो।

ॐ जय शैलपुत्री माता…

घी का सुंदर दीप जला के। 
गोला गरी का भोग लगा के।
श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं। 
प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।

ॐ जय शैलपुत्री माता…

जय गिरिराज किशोरी अंबे। 
शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।
मनोकामना पूर्ण कर दो। 
भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।

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