नवरात्रि का पंचम दिन माता स्कंदमाता विशेष पूजा, भजन, कथा का पाठ और ध्यान
- स्नान और स्वच्छता: प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- मंदिर की स्थापना: घर के मंदिर में एक साफ स्थान पर पीले या लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर मां स्कंदमाता की तस्वीर स्थापित करें। मां को पीले या लाल रंग की चुन्नी अर्पित करें।
- पूजा सामग्री: पूजा के लिए फूल (विशेषकर लाल फूल), मिठाई, लौंग, इलायची, दीपक, और केला अर्पित करें। मां को रोली और कुमकुम से तिलक लगाएं।
- आह्वान: पूजा के दौरान हाथ में लाल पुष्प लेकर मां स्कंदमाता का आह्वान करें। उनकी विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए ध्यान करते हुए शांति से प्रार्थना करें।
- घी का दीपक और धूप: पूजा के बाद घी का दीपक जलाएं और धूप दिखाएं।
- पाठ और स्तोत्र: मां दुर्गा चालीसा, स्कंदमाता मंत्र, दुर्गा सप्तशती, और अन्य स्तोत्रों का पाठ करें। इससे पूजा को अधिक प्रभावी माना जाता है।
- आरती: अंत में मां की आरती करें और परिवार के सभी सदस्यों के साथ आरती में शामिल हों।
- महत्व: ऐसा माना जाता है कि मां स्कंदमाता की पूजा से संतान प्राप्ति में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और संतान सुख का आशीर्वाद मिलता है।
जय माता स्कंदमाता नवरात्रि भजन | By; Anuradha Paudwal bhajan lyrics
नवरात्रि के पांचवी स्कन्दा माता माहारानी।
इसका ममता रूप है ध्याए ग्यानी ध्यानी॥
कार्तिक्ये को गोद ले करती अनोखा प्यार।
अपनी शक्ति दी उसे करे रकत संचार॥
भूरे सिंह पे बैठ कर मंद मंद मुस्काए।
कमल का आसन साथ में उसपर लिया सजाए॥
आशीर्वाद दे हाथ से, मन में भरे उमंग।
कीर्तन करता आपका छाडे नाम का रंग॥
जैसे रूठे बालक की सुनती आप पुकार।
मुझको भी वो प्यार दो मत करना इनकार॥
नवरात्रों की माँ कृपा कर दो माँ।
नवरात्रों की माँ कृपा कर दो माँ॥
जय माँ सकंदा माता।
जय माँ सकंदा माता॥
माँ स्कंदमाता कथा का पाठ
स्कंदमाता का ध्यान
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
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