नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा करने से अनेक लाभ
नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है। देवी कात्यायनी का प्राकट्य महर्षि कात्यायन के आश्रम में हुआ था, और उनकी पुत्री होने के कारण उन्हें "कात्यायनी" कहा जाता है। देवी कात्यायनी को दानवों और पापियों का नाश करने वाली शक्ति के रूप में जाना जाता है। वैदिक युग में, उन्होंने अपने तेज और शक्ति से ऋषि-मुनियों को कष्ट देने वाले दानवों का नाश किया था।
मां कात्यायनी सिंह पर सवार होती हैं और उनकी चार भुजाएं हैं। उनके बाएं हाथ में कमल और तलवार सुशोभित हैं, जबकि दाएं हाथ में स्वस्तिक और आशीर्वाद की मुद्रा होती है। उनका आभामंडल अत्यंत तेजस्वी है, जो उनके अद्वितीय दिव्य स्वरूप को दर्शाता है। देवी कात्यायनी की पूजा से भक्तों को भय और रोगों से मुक्ति मिलती है, और विशेष रूप से विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए उनकी आराधना की जाती है।
मंत्र: चंद्रहासोज्जवलकरा शाइलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।
मां कात्यायनी की पूजा से अनेक लाभ
मां कात्यायनी की पूजा से कई लाभ मिलते हैं, जो भक्तों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। इनमें प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:-
- विवाह में रुकावटें दूर होती हैं - जिन लोगों के विवाह में बाधाएं आ रही हों, मां कात्यायनी की पूजा करने से वे दूर हो जाती हैं।
- गुरु ग्रह की स्थिति मज़बूत होती है - मां कात्यायनी की कृपा से गुरु ग्रह की कमजोर स्थिति में सुधार आता है, जिससे जीवन में समृद्धि और शुभता बढ़ती है।
- शत्रु भय से मुक्ति - शत्रुओं का भय दूर होता है और जीवन में शांति आती है।
- सेहत से जुड़ी समस्याओं का समाधान - मां की पूजा से स्वास्थ्य संबंधी कष्ट दूर होते हैं और शरीर में स्फूर्ति आती है।
- धन, वैभव और यश की प्राप्ति - मां कात्यायनी की कृपा से धन, वैभव और यश की प्राप्ति होती है।
- रोग और व्याधियों से मुक्ति - मां की उपासना से रोग और व्याधियों का नाश होता है।
- संतान प्राप्ति - संतान प्राप्ति में आने वाली कठिनाइयां दूर होती हैं।
- राहु और कालसर्प दोष से मुक्ति - पूजा करने से राहु और कालसर्प दोष के कारण आने वाली समस्याएं दूर होती हैं।
- शरीर की आभा में वृद्धि - मां कात्यायनी की कृपा से शरीर कांतिमान हो जाता है।
- सुखी गृहस्थ जीवन - विवाह और गृहस्थ जीवन में सुख-शांति का वास होता है।
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