नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से अनेक लाभ,

नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से अनेक लाभ

नवरात्रि के नवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है, जो सभी प्रकार की सिद्धियां प्रदान करने वाली देवी मानी जाती हैं। उनकी उपासना से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। देवी सिद्धिदात्री कमल के आसन पर विराजमान हैं और उनके चार हाथों में क्रमशः कमल, शंख, गदा, और सुदर्शन चक्र सुशोभित होते हैं। भक्त उनकी पूजा से यश, बल, और धन की प्राप्ति करते हैं।
मां सिद्धिदात्री की आराधना के लिए नवाहन का प्रसाद, नवरस युक्त भोजन, और नौ प्रकार के फल-फूल अर्पित किए जाते हैं। इस प्रकार, नवरात्र का समापन करने वाले भक्तों को धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष की प्राप्ति होती है, जो जीवन के चार पुरुषार्थ माने जाते हैं। देवी सिद्धिदात्री को सरस्वती का रूप भी माना जाता है, जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं और महाज्ञान का प्रतीक हैं। उनकी मधुर वाणी और ज्ञान से भक्त मोहित होकर आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर होते हैं। उनकी पूजा से सभी सिद्धियों का वरदान प्राप्त होता है, जिससे जीवन में संपूर्णता और शांति आती है।

 मंत्र : सिद्धगंधर्वयक्षाद्यैरसुरैररमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।

मां सिद्धिदात्री की पूजा से अनेक लाभ

मां सिद्धिदात्री की पूजा के कई महत्वपूर्ण लाभ माने जाते हैं, जो इस प्रकार हैं:

  • सिद्धियों की प्राप्ति:- मां सिद्धिदात्री की पूजा से भक्तों को विभिन्न सिद्धियां प्राप्त होती हैं, जिनसे वे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
  • यश, बल, कीर्ति, और धन:- मां सिद्धिदात्री की कृपा से भक्तों को यश, बल, कीर्ति और आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है, जिससे उनका जीवन समृद्ध और खुशहाल होता है।
  • शोक, भय, और रोग से मुक्ति:- मां की आराधना से शोक, भय और रोगों से मुक्ति मिलती है, जिससे जीवन में शांति और स्थिरता आती है।
  • धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष:- मां सिद्धिदात्री की पूजा से भक्तों को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है, जो जीवन के चार प्रमुख उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं।
  • सृष्टि का ज्ञान और ब्रह्मांड पर विजय:- मां की कृपा से भक्तों को संपूर्ण सृष्टि का ज्ञान प्राप्त होता है और वे ब्रह्मांड पर विजय प्राप्त करने की क्षमता हासिल कर सकते हैं।
  • अलौकिक और लौकिक कामनाओं की पूर्ति:- मां सिद्धिदात्री की पूजा से भक्तों की लौकिक और अलौकिक इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
  • शांति की प्राप्ति:- मां की पूजा से भक्तों को मानसिक और आत्मिक शांति प्राप्त होती है, जिससे उनका जीवन संतुलित और सुखमय बनता है।
  • रुके हुए कार्यों की पूर्ति:- मां सिद्धिदात्री की कृपा से भक्तों के जीवन में अटके हुए कार्य पूरे होते हैं और उन्हें सफलता का मार्ग मिलता है।

जीवन से दोष, बुराई और डर का अंत:- मां की आराधना से जीवन में आने वाली बाधाएं, दोष, शोक, बुराइयां और डर समाप्त हो जाते हैं, जिससे जीवन सुखी और समृद्ध बनता है।

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