नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा करने से अनेक लाभ
नवरात्रि की चतुर्थी तिथि की प्रमुख देवी मां कूष्मांडा हैं। देवी कूष्मांडा रोगों को तुरंत नष्ट करने वाली हैं। इनकी भक्ति करने वाले श्रद्धालु को धन-धान्य और संपदा के साथ-साथ अच्छा स्वास्थ्य भी प्राप्त होता है। कूष्मांडा देवी की आठ भुजाएँ है, इसलिए अष्टभुजा धारी कहलाईं इनके सात हाँथों में क्रमशः कमंडल, धनुष, बाण, कमल पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा है, आठवें हाँथ में सभी सिद्धयों और निधियों को देने वाली जय माला है।
मां कुष्मांडा का वाहन सिंह है, और उनका वास सूर्य मंडल के भीतरी लोक में माना जाता है। देवी कुष्मांडा ही एकमात्र ऐसी देवी हैं, जिनमें सूर्यलोक में निवास करने की क्षमता है। उनके शरीर की कांति और प्रभा सूर्य के समान दैदैदीप्यमान है, और उनके तेज से दसों दिशाएँ आलोकित होती हैं। उनकी आराधना से साधक को ऊर्जा, शक्ति, और आध्यात्मिक प्रकाश प्राप्त होता है।
मंत्र: सुरासम्पूर्णकलशं रूधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कुष्मांडा शुभदास्तुमे।।
मां कुष्मांडा की पूजा करने के अनेक लाभ
मां कुष्मांडा की पूजा के अनेक लाभ हैं, जो व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाते हैं। मां की आराधना करने से निम्नलिखित फायदे होते हैं:
- रोग और शोक से मुक्ति: मां कुष्मांडा की पूजा से सभी प्रकार के रोग और शोक दूर होते हैं, और व्यक्ति की आयु, यश, बल, और आरोग्य में वृद्धि होती है।
- शारीरिक और मानसिक शांति: मां की कृपा से व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक विकारों से मुक्ति मिलती है, जिससे जीवन में शांति और स्थिरता बनी रहती है।
- सुख और समृद्धि: मां कुष्मांडा की पूजा से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है और जीवन में उन्नति के नए द्वार खुलते हैं।
- मोक्ष की प्राप्ति: मां की कृपा से साधक को परम पद की प्राप्ति होती है, जिससे आत्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश: मां की पूजा से घर की नकारात्मकता दूर होती है, और वातावरण पवित्र और सकारात्मक होता है।
- विवाह में सफलता: अविवाहित लड़कियों को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है, और उनका विवाह जीवन सुखमय होता है।
- अखंड सौभाग्य: सुहागिन स्त्रियों को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे उनका दांपत्य जीवन सुदृढ़ और सुखमय बना रहता है।
- बुद्धि और निर्णय क्षमता: मां की कृपा से बुद्धि, यश, और निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है, जिससे जीवन में सफलताएं मिलती हैं।
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