नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से अनेक लाभ,

नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से अनेक लाभ

नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है, जो तप और संयम की देवी मानी जाती हैं। "ब्रह्मचारिणी" का अर्थ है तप का आचरण करने वाली, और उनका यह स्वरूप तप, त्याग, वैराग्य, और सदाचार का प्रतीक है। देवी ब्रह्मचारिणी श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, और उनके दाहिने हाथ में अष्टदल की माला और बाएं हाथ में कमंडल होता है, जो तपस्या और त्याग का प्रतीक है।
मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी पूर्व जन्म में पार्वती थीं, जिन्होंने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की। उन्होंने 1000 वर्षों तक केवल फल खाकर और 3000 वर्षों तक पेड़ों से गिरी पत्तियां खाकर शिव की आराधना की। उनकी इस कठिन तपस्या के कारण उन्हें "ब्रह्मचारिणी" नाम से जाना गया। उनकी आराधना से साधक को तप, संयम, और आत्मनियंत्रण के गुण प्राप्त होते हैं, और उनके जीवन में अनंत फल की प्राप्ति होती है।

मंत्र:- दधाना कपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से अनेक लाभ

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं, जैसे:

  • यम-नियमों से मुक्ति: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा व्यक्ति को यम-नियमों के बंधन से मुक्त करती है, जिससे आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  • संकटों में साहस: कठिन परिस्थितियों में भी पूजा करने वाले को घबराहट नहीं होती और उसकी इच्छाशक्ति में वृद्धि होती है।
  • कार्य में सफलता: मां की कृपा से व्यक्ति को अपने कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
  • त्याग और संयम: इस पूजा से त्याग, तपस्या, संयम, ब्रह्मचर्य, और सदाचार जैसे गुणों का विकास होता है।
  • समस्याओं से मुक्ति: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से व्यक्ति की समस्याएं दूर होती हैं और जीवन में सुख-शांति का अनुभव होता है।
  • शक्ति, बुद्धि और ज्ञान: मां की कृपा से व्यक्ति को शक्ति, बुद्धि और ज्ञान का आशीर्वाद मिलता है।
  • लंबी आयु और सौभाग्य: इस पूजा से व्यक्ति को लंबी आयु और सौभाग्य का वरदान मिलता है।
  • शारीरिक और मानसिक दोषों का नाश: मां की पूजा करने से तन-मन के दोष दूर हो जाते हैं और स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  • पूजा विधि: मां को प्रसन्न करने के लिए पीले वस्त्र पहनें और पीले फूल, फल, तथा दूध से बने पदार्थ अर्पित करें।

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