मां शैलपुत्री से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
मां शैलपुत्री के बारे में दिए गए तथ्य उनके महत्व को दर्शाते हैं। उनका सफ़ेद स्वरूप, वृषभ वाहन, और त्रिशूल व कमल का धारण करना उनके शांति, शक्ति और सौंदर्य का प्रतीक है। नवरात्रि के पहले दिन उनकी पूजा जीवन में स्थिरता और शांति लाती है।
Maa Shailputri se jude kuchh important facts |
मां शैलपुत्री से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- पहला रूप: मां शैलपुत्री देवी दुर्गा के नौ रूपों में से प्रथम हैं और नवरात्रि के पहले दिन इनकी पूजा की जाती है।
- जन्म: इनका जन्म पर्वतराज हिमालय के घर हुआ था, इसीलिए इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है।
- वेशभूषा: मां शैलपुत्री का रंग सफेद है और ये सफेद वस्त्र धारण करती हैं, जो शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक है।
- वाहन: मां शैलपुत्री का वाहन वृषभ (बैल) है, और यह उन्हें स्थिरता और शक्ति का प्रतीक बनाता है।
- अस्त्र: इनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल होता है, जो शक्ति और शांति का प्रतीक है।
- अन्य नाम: इन्हें वृषोरूढ़ा और उमा के नाम से भी जाना जाता है।
- पूजा से लाभ: मां शैलपुत्री की पूजा से जीवन में स्थिरता और संतुलन आता है, और भक्तों के सभी बाधित कार्य बनने लगते हैं।
- भोग: मां को गाय के घी और दूध से बनी चीजों का भोग विशेष रूप से प्रिय है।
- पाठ और आरती: पूजा के दौरान पार्वती चालीसा का पाठ और मां की आरती अवश्य करनी चाहिए।
- वन्य जीवों की रक्षक: मां शैलपुत्री समस्त वन्य जीव-जंतुओं की भी रक्षक मानी जाती हैं, और प्रकृति के प्रति उनकी विशेष कृपा रहती है।
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