मां कुष्मांडा से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
मां कुष्मांडा, नवरात्रि के चौथे दिन पूजी जाने वाली देवी हैं. मां कुष्मांडा को प्रकाश और ऊर्जा की देवी माना जाता है. उन्हें अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है
Maa Kushmanda se jude kuchh important facts |
मां कुष्मांडा से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- अष्टभुजा देवी: मां कुष्मांडा को अष्टभुजा देवी कहा जाता है क्योंकि उनकी आठ भुजाएं हैं, जिनमें वे कमंडल, धनुष, बाण, कमल, अमृतपूर्ण कलश, चक्र, गदा, और जपमाला धारण करती हैं।
- सृष्टि की रचयिता: यह माना जाता है कि मां कुष्मांडा ने अपनी हल्की मुस्कान से ही पूरे ब्रह्मांड की रचना की थी। उन्हें सृष्टि की आरंभ करने वाली देवी माना जाता है।
- प्रकाश और ऊर्जा की देवी: मां कुष्मांडा को ब्रह्मांड में प्रकाश और ऊर्जा का संचार करने वाली देवी माना जाता है। उनका नाम 'कुष्मांडा' का अर्थ है, 'कुम्हड़े (पेठे) से सृजन करने वाली'।
- शेर की सवारी: मां कुष्मांडा शेर की सवारी करती हैं, जो उनकी शक्ति और साहस का प्रतीक है।
- अनाहत चक्र: मां कुष्मांडा का निवास अनाहत चक्र (हृदय चक्र) में होता है, जो करुणा, प्रेम और सामंजस्य का केंद्र है।
- भक्तों के कष्ट निवारण: मां कुष्मांडा की पूजा से भक्तों के रोग, शोक, कष्ट और मानसिक संताप दूर होते हैं।
- पसंदीदा भोग: मां कुष्मांडा को कुम्हड़ा (पेठा) बहुत प्रिय है और इसे उनकी पूजा में विशेष रूप से चढ़ाया जाता है।
- नवरात्रि का चौथा दिन: नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है। इस दिन उन्हें विशेष भोग, लाल पुष्प, फल और धूप-दीप अर्पित किए जाते हैं।
- स्वास्थ्य और समृद्धि: मां कुष्मांडा की कृपा से व्यक्ति को अच्छा स्वास्थ्य, समृद्धि, और दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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