मां चंद्रघंटा से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य,
मां चंद्रघंटा देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों में से तीसरी हैं, जिन्हें नवरात्रि के तीसरे दिन पूजा जाता है। इनके बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य इस प्रकार हैं:Maa Chandraghanta se jude kuchh important facts |
मां चंद्रघंटा से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- स्वरूप: मां चंद्रघंटा का स्वरूप अलौकिक और दिव्य है, और उनका रंग स्वर्ण के समान चमकीला है।
- मस्तक पर अर्धचंद्र: उनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र स्थित है, इसीलिए उन्हें 'चंद्रघंटा' कहा जाता है।
- अस्त्र-शस्त्र: मां के दस हाथ हैं, जिनमें वे खड्ग, बाण सहित विभिन्न अस्त्र-शस्त्र धारण करती हैं, जो उनके युद्ध मुद्रा में तैयार रहने का संकेत हैं।
- वाहन: मां का वाहन सिंह है, जो शक्ति और साहस का प्रतीक है।
- विवाहित रूप: मां चंद्रघंटा देवी पार्वती का विवाहित रूप मानी जाती हैं, जो भगवान शिव से विवाह के पश्चात प्रकट हुईं।
- नवरात्रि: मां चंद्रघंटा की पूजा नवरात्रि के तीसरे दिन विधि-विधान से की जाती है।
- पसंदीदा भोग: मां चंद्रघंटा को दूध और दूध से बने पकवान विशेष रूप से प्रिय हैं। उन्हें केसर की खीर और दूध से बनी मिठाइयों का भोग लगाया जाता है।
- ध्वनि का प्रभाव: उनके घंटे की ध्वनि से सभी प्रकार की प्रेत-बाधाएं दूर हो जाती हैं और नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है।
- दिव्य प्रकाश: मां चंद्रघंटा के भक्तों के शरीर से अदृश्य रूप से दिव्य प्रकाश युक्त परमाणुओं का विकिरण होता है, जो उनकी आध्यात्मिक शक्ति को प्रकट करता है।
मां चंद्रघंटा की पूजा से व्यक्ति को साहस, शक्ति, और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है।
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