मां चंद्रघंटा की पूजा के लाभ और मां चंद्रघंटा से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर,Benefits of worshiping Maa Chandraghanta and answers to frequently asked questions related to Maa Chandraghanta

मां चंद्रघंटा की पूजा के लाभ और मां चंद्रघंटा से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर

मां चंद्रघंटा नवरात्रि के तीसरे दिन पूजी जाती हैं। उनका यह रूप शांति, साहस और शक्ति का प्रतीक है। मां चंद्रघंटा के माथे पर घंटे के आकार का चंद्रमा है, जिससे उनका नाम "चंद्रघंटा" पड़ा। उनकी पूजा से भक्तों को भय से मुक्ति, साहस, और शांति की प्राप्ति होती है।

मां चंद्रघंटा की पूजा के लाभ 

मां चंद्रघंटा की पूजा से कई अद्भुत लाभ प्राप्त होते हैं:

  • इच्छाओं की पूर्ति: मां चंद्रघंटा की कृपा से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
  • ऐश्वर्य और समृद्धि: उनकी पूजा से ऐश्वर्य और समृद्धि प्राप्त होती है, जिससे जीवन में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
  • सुखी दाम्पत्य जीवन: मां की कृपा से सुखी और समृद्ध दाम्पत्य जीवन का आशीर्वाद मिलता है।
  • विवाह में समस्याओं का समाधान: विवाह में आने वाली बाधाएं और समस्याएं दूर होती हैं।
  • साहस और पराक्रम: मां की आराधना से भक्त को साहस और पराक्रम प्राप्त होता है, जिससे वह हर चुनौती का सामना कर सकता है।
  • आध्यात्मिक शक्ति: पूजा से भक्त को आध्यात्मिक शक्ति मिलती है, जो मानसिक शांति और ध्यान के लिए सहायक होती है।
  • सुख-समृद्धि में वृद्धि: मां चंद्रघंटा की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है और घर में खुशहाली आती है।
  • रोग और कष्टों का नाश: मां की पूजा से शरीर के सभी रोग, दुख, और कष्ट समाप्त हो जाते हैं, जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

मां चंद्रघंटा की आराधना से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और समृद्धि का अनुभव होता है।

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मां चंद्रघंटा से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर

चंद्रघंटा की पूजा करने से क्या होता है?

इस पर्व को नौ दिनों तक मनाया जाता है जो मां दुर्गा और उनके नौ रूपों को समर्पित है। नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है। मां चंद्रघंटा मां दुर्गा का तीसरा रूप हैं। ऐसी मान्यता है कि मां अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उन्हें शांति और समृद्धि प्रदान करती हैं

मां चंद्रघंटा को क्या प्रसाद चढ़ाया जाता है?

मां की अराधना उं देवी चंद्रघंटायै नम: का जप करके की जाती है। माता चंद्रघंटा को सिंदूर, अक्षत, गंध, धूप, पुष्प अर्पित करें। आप मां को दूध से बनी हुई मिठाई का भोग भी लगा सकती हैं। नवरात्रि के हर दिन नियम से दुर्गा चालीस और दुर्गा आरती करें

चंद्रघंटा मां को कौन सा रंग पसंद है?

मां चंद्रघंटा का पसंदीदा रंग भूरा है. ऐसे में नवरात्रि के तीसरे दिन भूरे रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है. नवरात्रि के चौथे दिन देवी दुर्गा के चौथे रूप मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है.

मां चंद्रघंटा को कौन सा फल पसंद है?

तृतीय दिवस मां चंद्रघंटा का पूजन अर्चन किया जाता है मां चंद्रघंटा के लिए केले का फल पसंद है और उनके लिए दूध का भोग लगाया जाता है.

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चंद्रघंटा का अर्थ क्या होता है?

माँ का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। इनके मस्तक में घंटे का आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण से इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है।

मां चंद्रघंटा की सवारी क्या है?

मां चंद्रघंटा की सवारी शेर है। दस हाथों में कमल और कमडंल के अलावा अस्त-शस्त्र हैं। माथे पर अर्ध चंद्र ही इनकी पहचान है। इनके कंठ में श्वेत पुष्प की माला और शीर्ष पर रत्नजड़ित मुकुट विराजमान है।

देवी चंद्रघंटा की कहानी क्या है?

जब मां ब्रह्मचारिणी भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त कर लेती हैं तब वह आदिशक्ति के रूप में प्रकट होती है और चंद्रघंटा बन जाती हैं . मां दुर्गा ने मां चंद्रघंटा का अवतार तब लिया था जब संसार में दैत्यों का आतंक बढ़ने लगा था. साथ ही उस समय महिषासुर का भयंकर युद्ध देवताओं से चल रहा था.

मां चंद्रघंटा का मंत्र क्या है?

पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥ 
या देवी सर्वभू‍तेषु मां चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां चंद्रघंटा को कौन सा फूल पसंद है?

तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है. इस दिन इनकी पूजा में कमल और शंखपुष्पी का फूल अर्पित करने से देवी प्रसन्न होंगी. चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा होती है.

मां चंद्रघंटा की पूजा क्यों की जाती है?

मां चंद्रघंटा की कृपा से साधक के समस्त पाप व बाधाएं ख़त्म हो जाती हैं। मां चंद्रघंटा की कृपा से साधक पराक्रमी व निर्भय हो जाता है। मां चंद्रघंटा प्रेतबाधा से भी रक्षा करती है, इनकी आराधना से वीरता-निर्भयता के साथ ही सौम्यता एवं विनम्रता का विकास होकर मुख, नेत्र तथा संपूर्ण काया का भी विकास होता है।

मां चंद्रघंटा को कौन सा फूल चढ़ाया जाता है?

कमल या कमल के फूल आत्मा को नकारात्मकता से अलग करने और एक शक्ति से जुड़ने का प्रतिनिधित्व करते हैं। कमल के फूल का उपयोग माँ चंद्रघंटा की पूजा करने के लिए किया जाता है।

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