मां कात्यायनी की पूजा के लाभ और मां कात्यायनी से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर, Benefits of worshiping Maa Katyayani and answers to frequently asked questions related to Maa Katyayani

मां कात्यायनी की पूजा के लाभ और मां कात्यायनी से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर

मां कात्यायनी की पूजा का महत्वपूर्ण धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। उनके उपासक उन्हें शत्रुओं पर विजय, समृद्धि, विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने, स्वास्थ्य में सुधार, और संतान सुख जैसे आशीर्वाद के लिए पूजते हैं। यहां मां कात्यायनी की पूजा के प्रमुख लाभ और उनसे संबंधित कुछ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर दिए जा रहे हैं:

मां कात्यायनी की पूजा के लाभ

मां कात्यायनी की पूजा से भक्तों को कई महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त होते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

  • विवाह में बाधाओं का निवारण: मां कात्यायनी की पूजा विशेष रूप से विवाह में आने वाली रुकावटों को दूर करने में सहायक मानी जाती है। उनकी कृपा से शीघ्र विवाह का योग बनता है।
  • गुरु ग्रह की स्थिति मज़बूत करना: मां कात्यायनी की पूजा गुरु ग्रह को मज़बूत करने का प्रभावी उपाय मानी जाती है, जिससे व्यक्ति को विद्या, ज्ञान, और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
  • शत्रु भय का नाश: उनके उपासकों को शत्रुओं से मुक्ति मिलती है और भय से छुटकारा प्राप्त होता है। मां कात्यायनी की पूजा से साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • स्वास्थ्य में सुधार: मां कात्यायनी की आराधना से व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से मुक्ति मिलती है, जिससे दीर्घायु और सुखमय जीवन की प्राप्ति होती है।
  • धन और वैभव की प्राप्ति: मां कात्यायनी की कृपा से व्यक्ति को धन, संपत्ति, और यश की प्राप्ति होती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
  • संतान की प्राप्ति: मां कात्यायनी की आराधना से संतान प्राप्ति की कामना पूर्ण होती है और संतान सुख का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • अर्थ, धर्म, काम, और मोक्ष: उनकी पूजा से व्यक्ति को जीवन के चार पुरुषार्थ (अर्थ, धर्म, काम, और मोक्ष) की प्राप्ति होती है।
  • रोगों और व्याधियों से मुक्ति: मां कात्यायनी की कृपा से व्यक्ति को शारीरिक कष्टों और बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
  • इंद्रियों पर नियंत्रण: उनकी पूजा से व्यक्ति अपनी इंद्रियों को वश में कर सकता है, जिससे जीवन में अनुशासन और आत्म-संयम आता है।
  • हर प्रकार की समस्याओं का समाधान: मां कात्यायनी की पूजा से जीवन की विभिन्न समस्याओं और चुनौतियों का समाधान होता है।

नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की विशेष पूजा की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऋषि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर देवी मां ने उनके घर पुत्री रूप में जन्म लिया, इसलिए इन्हें "मां कात्यायनी" कहा जाता है।

मां कात्यायनी से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर

कात्यायनी माता कौन थी?

कात्यायनी नवदुर्गा या हिंदू देवी पार्वती (शक्ति) के नौ रूपों में छठवीं रूप हैं। चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहन। कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी ॥ 'कात्यायनी' अमरकोष में पार्वती के लिए दूसरा नाम है, संस्कृत शब्दकोश में उमा, कात्यायनी, गौरी, काली, हेेमावती व ईश्वरी इन्हीं के अन्य नाम हैं।

मां कात्यायनी का मंत्र क्या है?

इसके बाद माता के नीचे दिये गये मंत्र का जप करना चाहिए। या देवी सर्वभूतेषु कात्यायनी रुपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।। इसके बाद आप दुर्गा सप्तशती का पाठ कर सकते हैं या फिर कम से कम दुर्गा सप्तशती के 12 वें अध्याय का पाठ कर सकते हैं।

कात्यायनी माता किसकी कुलदेवी थी?

मां दुर्गा की छठी विभूति हैं मां कात्यायनी। शास्त्रों के मुताबिक जो भक्त दुर्गा मां की छठी विभूति कात्यायनी की आराधना करते हैं मां की कृपा उन पर सदैव बनी रहती है

शीघ्र विवाह के लिए मां कात्यायनी की पूजा कैसे करें?

मां कात्यायनी की पूजा में पीले रंग का ज्यादा प्रयोग करना चाहिए, क्योंकि उन्हें पीला रंग पसंद है। देवी मां की उपासना हमेशा गोधूलि वेला में करना चाहिए। मां के कात्यायनी स्वरूप को दूध में केसर मिलाकर देवी कात्यायनी का अभिषेक करना चाहिए। इसके बाद उन्हें रोली, मौली, हल्दी, अक्षत, फूल अर्पित करना चाहिए।

मां कात्यायनी किसका रूप है?

मां कात्यायनी देवी दुर्गा का ही छठा रूप है। स्कंद पुराण में कहा गया है कि देवी के कात्यायनी रूप की उत्पत्ति परमेश्वर के नैसर्गिक क्रोध से हुई थी। वहीं वामन पुराण के अनुसार सभी देवताओं ने अपनी ऊर्जा को बाहर निकालकर कात्यायन ऋषि के आश्रम में इकट्ठा किया और कात्यायन ऋषि ने उस शक्तिपूंज को एक देवी का रूप दिया।

मां कात्यायनी का प्रिय भोग क्या है?

प्रिय भोग- मां कात्यायनी को शहद का भोग प्रिय है। ऐसे में पूजा के समय मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाना चाहिए।

मां कात्यायनी की सवारी क्या है?

इनकी चार भुजाओं में अस्त्र, शस्त्र और कमल है, इनका वाहन सिंह है. ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं मां कात्यायनी को कौन सा फूल चढ़ाया जाता है? मां कात्यायनी देवी को पूजा में पीले और लाल रंग के गुलाब चढ़ाएं। आप चाहें, तो कात्यायनी देवी को गेंदे के फूल भी चढ़ा सकते हैं।

मां कात्यायनी का मंत्र कौन सा है?

या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥ 
वन्दे वाञ्छित मनोरथार्थ चन्द्रार्धकृतशेखराम्। सिंहारूढा चतुर्भुजा कात्यायनी यशस्विनीम्॥

मां कात्यायनी को कैसे प्रसन्न करें?

माता कात्यायनी को प्रसन्न करने के लिए आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करना चाहिए और पीले वस्त्र धारण करने चाहिए। माता कात्यायनी को पीला रंग अति प्रिय है। इसके साथ ही आपको माता को पीले फूल अर्पित करने चाहिए और उनसे सुख-समृद्धि की कामना करनी चाहिए। ये छोटा सा उपाय करके आप अपने जीवन में सुख-शांति ला सकते हैं।

देवी कात्यायनी की कहानी क्या है?

उनकी कोई पुत्री नहीं थी. महर्षि ने पुत्री प्राप्ति की इच्छा के लिए भगवती जगदम्बा की उपासना और कठिन तपस्या की. महर्षि की कठिन तपस्या से मां जगदम्बा प्रसन्न हुईं और उन्होंने महर्षि कात्यायन के यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया. यही देवी मां कात्यायनी के नाम से विख्यात हुईं 

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