जन्माष्टमी पर निबंध हिंदी में, Essay on janmashtami in hindi
- जन्माष्टमी पर निबंध कैसे लिखें?
कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार भारत में धूम धाम से मनाया जाता है। यह हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो हिंदू माह श्रावण के कृष्ण पक्ष के 8वें दिन मनाया जाता है। यह दिन भगवान कृष्ण के जन्म का प्रतीक है। लोग इसे खुशी से मनाते हैं।
- स्कूल निबंध में जन्माष्टमी कैसे मनाएं?
लोग अपने घरों और मंदिरों को फूलों और रोशनी से सजाते हैं । भगवान कृष्ण के सम्मान में भक्त उपवास रखते हैं और भक्ति गीत गाते हैं। मंदिरों में उनके जन्म का जश्न मनाने के लिए विशेष प्रार्थना और अनुष्ठान किए जाते हैं। दही हांडी जैसे कृष्ण की बचपन की कहानियों का पुनः मंचन किया जाता है।
प्रस्तावना:-
आप सभी को पता ही है , की जन्माष्टमी हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है और इसे हमारे भारत देश के अलावा अब, विदेशों में भी बडे धूमधाम से मनाया जाता है। श्री कृष्ण हमारी धरती पर मानव रूप में ही प्रकट हुए थे। जिन्हने कंश जैसे पापी का सर्वनाश कर दिया था। जब कंश का वध हुआ। तब पूरे मथुरा में हाहाकार मच गया था। कृष्णजन्माष्टमी बड़े उल्लास और हर्ष के साथ मनाने वाला त्योहार है। जिन्हें बच्चों से लेकर बड़े सभी बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाते है।
जन्माष्टमी पर निबंध
जन्माष्टमी का त्योहार भादों के महीने में कृष्ण पक्ष के आठवें दिन मनाया जाता है। आज से पांच हजार साल पहले आज ही के दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। यह श्री कृष्ण की याद में मनाया जाने वाला एक धार्मिक त्योहार है।
इस धार्मिक पर्व पर सनातनी लोग बड़े ही प्रेम और श्रद्धा के साथ व्रत रखते हैं। रात में, वे भगवान के मंदिरों में जाते हैं और पूजा और भजन-कीर्तन करते हैं।
मध्यरात्रि में, जब श्री कृष्ण का जन्म हुआ, मंदिरों में शंख, घंटियाँ और घड़ियाल बजाया जाता है और प्रसाद का वितरण किया जाता है। इस प्रसाद को खाकर लोग अपना व्रत तोड़ते हैं।
जन्माष्टमी पर गांवों और शहरों में कई जगहों पर झूले और झांकी प्रदर्शित की जाती हैं। इस मौके पर गांवों में एक दिन पहले से ही तरह-तरह की मिठाइयां आदि बनाना शुरू कर देते हैं. शहरों में मिष्ठान्न की दुकानें सजी हैं। मंदिरों की सुंदरता विशेष रूप से मथुरा और वृंदावन में दिखाई देती है। इतने सारे मंदिरों और धार्मिक स्थलों में इस दिन गीता का अखंड पाठ होता है। मंदिरों को रंगीन बल्बों से सजाया जाता है।
भारतीय जीवन में इस महान पर्व का बहुत महत्व है। जन्माष्टमी का त्योहार हमें आध्यात्मिक और लौकिक संदेश देता है। यह हर साल नई प्रेरणा, नए उत्साह और नए संकल्पों का मार्ग प्रशस्त करता है। जन्माष्टमी के पावन दिन भगवान श्रीकृष्ण के गुणों को आत्मसात करने का व्रत रखना और अपने जीवन को सार्थक बनाना हमारा कर्तव्य है।
- जन्माष्टमी की विशेषता क्या है?
माना जाता है कि भगवान कृष्ण का जन्म यहीं हुआ था और उन्होंने अपने बड़े होने के वर्ष यहीं बिताए थे। हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक विष्णु के आठवें अवतार, भगवान कृष्ण - देवकी और वासुदेव के पुत्र - का जन्म मथुरा के राक्षस राजा कंस को नष्ट करने के लिए जन्माष्टमी पर हुआ था। कंस, देवकी का भाई था।
- जन्माष्टमी का संदेश क्या है?
“आपके जीवन में भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद हमेशा बना रहे, और आपको सुख, समृद्धि, और शांति प्रदान करें. जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं!” “मुरली की धुन, माखन की मिठास, गोपियों का प्यार और कन्हैया का आशीर्वाद, ये सब मिले आपको इस जन्माष्टमी के पावन पर्व पर. जय श्रीकृष्ण!
- जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है?
- जन्माष्टमी स्पेशल क्या है?
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