शनि की महादशा में अंतर्दशाओं का फल,Shani Kee Mahaadasha Mein Antardashaon Ka Phal

शनि की महादशा में अंतर्दशाओं का फल

जिस समय जिस ग्रह की महादशा चल रही होती है उस ग्रह के महादशा काल (अविध) में नौ ग्रहों की दशाएं अपना भोग करती है और जातक के जीवन पर प्रभाव डालती हैं । उन दशाओं को ' अन्तर्दशा' कहते हैं । शनि की महादशा में नौ ग्रहों की अन्तर्दशाओं का फल इस प्रकार जाने-

शनि की महादशा में सूर्य की अन्तर्दशा का फल - जातक अनेक प्रकार की विपत्तियों से ग्रसित हो सकता है, स्वयं जातक को उदर विकार या नेत्ररोग हो। जातक को शत्रुओं का भय, मान-सम्मान, धन-सम्पत्ति का नाश। पत्नी, पुत्र को कष्ट, शारीरिक एवम्‌ मानसिक पीड़ा आदि।

  • उपाय - आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। भगवान भास्कर (सूर्य) का अर्घ्य (जल) चढ़ायें।
शनि की महादशा में चन्द्र की अन्तर्दशा का फल - यह दशा जातक की पत्नी और स्वयं जातक के लिए मृत्युकारक हो सकती है। अनावश्यक क्रोध की अधिकता जातक रोग व्याधियों से पीड़ित । जातक को जल से भय।
  • उपाय - गोदान, तिलहोम, महिषदान ( भैंस) करें।
शनि की महादशा में मंगल की अन्तर्दशा का फल - पारिवारिक क्लेश की अधिकता, सुखों का नाश, नौकरी छूट सकती है, शत्रुओं की वृद्धि, घर त्याग करना, अग्नि से हानि, नेत्ररोग, पुत्र-पत्नी आदि से क्लेश, स्वजनों से वैमनस्य आदि।
  • उपाय - बैल का दान करें।
शनि की महादशा में बुध की अन्तर्दशा का फल - शनि की महादशा में बुध की अन्तर्दशा का समय जातक के भाग्य का सितारा बुलन्द करता है। जातक धन-सम्पत्ति, मान-सम्मान, शत्रुओं पर विजय, स्त्री सुख, कारोबार व्यवसाय की उन्नति, मित्रों से सहयोग आदि सहज ही पा लेता है किन्तु बात, पित्त या कफ आदि किसी रोग से जातक का पुत्र, भाई अथवा बहन-कोई ग्रसित हो सकता है।
  • उपाय - श्री विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें। श्री विष्णु सहस्त्रगम की पुस्तक यदि उपलब्ध न हो तो ' अमित पाकेट बुक्स, जालन्धर' से मंगवा सकते हैं।
शनि की महादशा में वृहस्पति की अन्तर्दशा का फल - जिस प्रकार शनि की महादशा में बुध की अन्तर्दशा जातक के सौभाग्य की वृद्धि करती है। ठीक उसी तरह गुरु की अन्तर्दशा भी जातक को शुभ होती है जातक धन और स्त्री पुत्र आदि से सुखी होगा। जातक धार्मिक प्रकृति का होगा।
  • उपाय - भगवान शिव सहतस्त्रनाम का जप करने से सुख सौभाग्य की वृद्धि होगी आने वाली आपदाओं का भी नाश होगा।
शनि की महादशा में शुक्र की अन्तर्दशा का फल - शनि कौ महादशा में शुक्र की अन्तर्दशा जातक को यशस्वी बनाता है। धन-मान, पुत्र सुख, स्त्री सुख, मित्रों का सद्‌व्यवहार, कृषि की उन्नति तथा व्यवसाय की प्रगति होती हैं। आयात निर्यात का व्यापार बहुत अधिक लाभ देता 
  • उपाय - जातक विधिपूर्वक दुर्गा सप्तशती का अनुष्ठान करे। मां भगवती की कृपा से सभी विघ्न दूर रहेंगे।
शनि की महादशा में शनि की अन्तर्दशा का फल - शनि की महादशा में शनि की अन्तर्दशा का समय जातक के लिए अत्यन्त कष्टदायी होता है। आलस्य और पाप की वृद्धि होती है। अपयश और अपमान मिलता है। खेती (कृषि) में वृद्धि, भैसों की वृद्धि। जातक वात रोग, कफ, ज्वर आदि से पीड़ित होता है | किसी शुद्र जाति के व्यक्ति से धन लाभ हो सकता है।
  • उपाय - भगवान शिव के 'महामृत्युंजय मंत्र' का विधिपूर्वक अनुष्ठान करायें।
शनि की महादशा में राहु की अन्तर्दशा का फल - शनि की महादशा में जब राहु की अन्तर्दशा आती है। उस समय जातक के प्राणों का संकट बन सकता है जातक प्रमेह, ज्वर आदि अनेक प्रकार के शारीरिक रोगों से पीड़ित हो सकता है। चोट लगने की भी सम्भावना रहती है। चूंकि दोनों (शनि, राहु) पाप ग्रह हैं अत: क्षति ज्यादा कर सकते हैं।
  • उपाय - बैल दान करना पुण्य प्रद होता है महामृत्युंजय जप करना चाहिए। भगवान शिव की कृपा से पीड़ा का निवारण हो सकता है । अत: सच्चे मन से ध्यान और जप करें।
शनि की महादशा में केतु की अन्तर्दशा का फल - शनि की महादशा में केतु की अन्तर्दशा हो तो जातक का स्त्री एवम्‌ पुत्र से क्लेश रहता है पित्त एवम्‌ वात जानित व्याधियों से जातक पीड़ित रहता है। शत्रु से कष्ट रहता है। आर्थिक परेशानी, सर्पों से भय ।
  • उपाय - बकरी का दान करने से उपरोक्त कष्टों का निवारण हो सकता है।

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