श्री लक्ष्मी प्रदायक अनुभूत चमत्कारी टोटके | Shri Lakshmi Pradaayak Anubhoot Chamatkaaree Totake
पाठकों! यदि घर में गरीबी व दरिद्रता व्याप्त हो तो इसका एक मुख्य कारण "वास्तु दोष" भी होता है। इस बात को समझने के लिए अपने परिवार के सभी सदस्यों की जन्म कुण्डलियां किसी योग्य जानकार ज्योतिषी को दिखानी चाहिए।
आमतौर पर जन्म लग्न कुण्डली के चतुर्थ स्थान में राहु-मंगल, राहु-शनी, जैसी ग्रह स्थिति हो एवं चतुर्थेसे पाप कर्तरी में बैठा हो या वह षष्ठ, अष्टम या द्वादश स्थान में हो तो यह सब "वास्तु दोष" के संकेत समझना चाहिए। जन्म कुण्डली में-"कालसर्प योग" हो तो भी वास्तु दोष उत्पन्न होता है। यह हमारा अनुभव है।
वास्तु दोष युक्त मकान में रहने वाले दरिद्रता का शिकार होते हैं, हमेशा बीमार रहते हैं। उनके रोग का निदान नहीं हो पाता। घर में छोटी-छोटी बात को लेकर बतंगड़ बन जाता है। मेहनत व परिश्रम से अर्जित घन कहां चला जाता है- पता ही नहीं चलता। बरकत ही निकल जाती है। खाने वाले गिनती के होने पर भी पूरे महिने लिए खरीदा हुआ अनाज समय से पहले समाप्त हो जाता है, उसमें कमी होती जाती है। परिवार के लड़के-लड़कियों के उचित उम्र होने पर भी विवाह नहीं हो पाता। संतान नहीं होती, या हो तो जीवित नहीं रहती। परिवार की सम्पत्ति का नाश होता है। पति-पत्नी का आपस में मेल नहीं रहता। तलाक देने की नौबत आ जाती है, विद्याध्ययन में विघ्न खड़े होते हैं। धंधे का दिवाला निकल जाता है।
वास्तु शास्त्र एक प्राचीन शास्त्र है किन्तु विगत 15-20 वर्षों में इंजीनयिरों और आर्किटेक्टों ने इसका थोड़ा बहुत ज्ञान प्राप्त करके इसे असाधारण महत्व प्राप्त करवा दिया है। वैसे देखा जाये तो वास्तु शास्त्र एवं शिल्प शास्त्र दोनों अलग-अलग हैं। विवाह सम्बन्धों को तय करते समय जैसे मंगल को हौआ बनाया जाता है, उसी तरह अब वास्तु दोषों की हालत हो गई है। वास्तु निवारण के नाम पर अच्छे भले मकान की तोड़-फोड़ करवाकर ये तथाकथित वास्तु विज्ञ या वास्तु शास्त्री कम समय में अधिक पैसे बटोरकर अपनी आमदनी बढ़ाने में लगे हैं। पूरी इमारत को तुड़वाकर नई इमारत बनवाने का प्रत्यक्ष उदाहरण हमने अपनी आंखों से देखा है।
गत तीन दशकों की अपनी ज्योतिष साधना के माध्यम से जो अनुभव मुझे प्राप्त हुए हैं, उन्हें पाठकों के लाभार्थ प्रस्तुत कर उनकी समस्याओं का समाधान करने से मुझे आनंद का अनुभव हो रहा है।
दरिद्रता एवं वास्तु दोष निवारणार्थ अनुभव सिद्ध "टोटके" यहां बताए जा रहे हैं-
- नए मकान में निवास के लिए जाने से पूर्व "वास्तु शांति" करवानी चाहिए। सोसायटी के फ्लैट की वास्तु शांति बिल्डर ने करवाई हो तो भी पुनः करवाएं।
- कुल देवता के चरणों में श्री फल अर्पण कर घर के पूजा स्थान में स्थापना करके रोज पूजन करें।
- राम रक्षा स्तोत्र, लक्ष्मी स्तोत्र एवं हनुमान चालिसा का पाठ नए मकान में करें।
- प्रतिदिन सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय अग्नि होत्र करें।
- भोजन से पूर्व थाली में परोसे सभी खाद्य पदार्थों में से थोड़ा-थोड़ा हिस्सा एक पत्तल पर निकाल कर कौओं को खिलाएं। यह "काक बली" कहलाता है। किसी कारण वश कभी घर में रसोई न बनी हो तो बाजार से नमकीन भोजन लाकर पत्तल पर रखकर कोओं को खिालाएं।
- किसी का भी अपमान, निंदा या चुगली न करें।
- उधार लिया हुआ धन सूद सहित अदा करें।
- आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न व्यक्ति प्रतिवर्ष अपने घर में महालक्ष्मी यज्ञ एवं नवचंडी यज्ञ करवाएं।
- वर्ष में एक बार अमावस्या के दिन दही-चावल एवं नारियल पूरे
- घर पर से उतारकर बाहर फेंक दें। 10. घर में "श्री यंत्र" की स्थापना करके नित्य "श्री सूक्त" का कम से कम एक पाठ अवश्य करें।
- एक साफ-सुथरी कांच की बोतल लेकर उसमें शुद्ध पानी भरें। उसमें गोमुत्र, कपूर, हींग, वायविडंग, चूर्ण बनाकर डालें। इस बोतल का पानी रोज टॉलेट और स्नान गृह में छोड़कर पूरे घर में सुबह-शाम छिड़के। यह प्रयोग 45 दिनों तक करते रहें।
- दरवाजे खोलते एवं बन्द करते समय आवाज नहीं होनी चाहिए।
- टेलीफोन के पास पानी भरा जग या गिलास रखें।
- महत्वपूर्ण कागजातों को पूर्व दिशा की अलमारी में रखें।
- चप्पल, जूते, इधर-उधर बिखरे हुए या उल्टे पड़े हुए नहीं होने चाहिए। इससे कलह उत्पन्न होती है।
- रसोई में सब्जी काटकर जमीन पर न रखें। जमीन पर रखने से स्वाद जमीन चूस लेगी। कटी सब्जी हमेशा थाली में ही रखें।
- घुले हुए कपड़े को गंदे कपड़ों के साथ न रखें।
- यदि आप हजामत (शेविंग) करते हैं तो रोज किया करें। दाढ़ी या तो बढ़ी रहे या क्लीन शेव हो। उबड़-खाबड़ दाढ़ी निर्धनता को जन्म देती है।
- मृत व्यक्तियों के चित्र ड्राइंग रूम या मुख्य द्वार के पास न लगावें।
- मुख्य द्वार के ऊपर लक्ष्मी जी या गणेश जी की तस्वीरें लगाना या स्वास्तिक चिन्ह लगाना श्रेष्ठ होता है।
- प्रातः काल उठकर सर्वप्रथम सदर दरवाजे के पास एक गिलास पानी डालना चाहिए। ऐसा करने से घर में सम्पन्नता आती है। होटल चलाने वाले आमतौर पर सुबह एक गिलास पानी और एक कप चाय रास्ते पर डालते हैं। जिसके पीछे भी यही तर्क है।
- रात को पहने हुए कपड़े प्रातः आठ बजने से पूर्व ही बदल लेने चाहिए।
- सूर्योदय के पूर्व घर की झाडू से सफाई करें। पानी में फिनाइल डालकर फर्श को साफ करें।
- महत्वपूर्ण काम के लिए घर से बाहर जाते समय दही खाना चाहिए।
- कर्कश आवाज करने वाले बिजली पंखों को समय पर ठीक करवा लें।
- सुबह सूर्योदय से पहले घूमने निकलें या घर में ही हल्का-फुल्का व्यायाम करें।
- रोज सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर लक्ष्मी जी की उपासना करें।
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