लक्ष्मी आगमन के सरल सूत्र | Lakshmi Aagaman Ke Saral Sootr

लक्ष्मी आगमन के सरल सूत्र | Lakshmi Aagaman Ke Saral Sootr

  • यदि व्यापारिक संस्थान से दूर बहती दरिया का नजारा दिखाई पड़ता रहता हो तो व्यापारिक लेन-देन को बढ़ावा देता है। यदि वह उत्तर, पूरब में, अथवा उत्तर-पूर्व कोण में होता है तो भारी लेन-देन होता रहता है, ऑर्डर मिलते रहते हैं। पेमेंट समय पर होता रहता है।
  • दूर-दराज खड़े या बहते पानी के नजारे यदि मकान, फैक्ट्री के ऊपरी भाग में दर्पण लगाकर परछाई दर्पण में आए तो व्यवसाय में घाटे का प्रश्न ही नहीं उठता।
  • व्यवसायिक प्रतिष्ठान के कुछ दूर दिखाई पड़ता हुआ खड़ा पानी स्थिर लक्ष्मी देता है, उससे ठोस धन मिलता है। बहता पानी व्यापारिक लेन-देन रूपी आय देता है, जो आता व जाता रहता है। आय व लेन-देन की सर्कुलेशन बना रहता है।
  • यदि फैक्ट्री, व्यापार अदि ठीक नहीं चल रहा. हो, तो मुख्य दरवाजे के सामने पानी का फव्वारा जरूर लगा दें। घंटे, दो घंटे सुबह और दोपहर बाद इस फव्वारे को चलाएं, तो खूब आय होती है।
  • कारोबार ठीक नहीं रहने पर मुख्य दरवाजा उत्तर, पश्चिम या पूरब की ओर बनाएं। पानी उछालाता फव्वारा जरूर लगाएं। इससे कारोबार ठीक हो जायेगा। मजबूरी में मग से ऊपर की ओर पानी दरवाजे के ठीक सामने उछालकर गिरा दें।
  • मुख्य दरवाजे के ऊपर मछली की, या आँखों की भौहों की नीली व काली पेंटिंग भी बन्द कारोबार को चलाने में बड़ी सहायता करती है। 7. दरवाजे से खड़ी ढ़लान या खड़ी सीढ़ियों से नीचे न उतरें। दौलत व आय खड़ी दलान या खड़ी सीढ़ियों के रास्ते बाहर निकल जाती है।
  • दरवाजे के सामने हल्की ढलान या दरवाजे के आगे ऊँची चबूतरा या ऊँची उठान हो तो कारोबार, फैक्ट्री आदि की गरमाई ब्लाक हो जायेंगी। चलत्ता काम बन्द हो जायगा।
  • मुख्य दरवाजे या दहलीज पर रंग बिरंगे पेंट, छोटे दर्पण, घंटी, घूमती रंग-बिरंगी लाइट लगाने से, उस पर आगन्तुक की निगाहें पड़ती हैं, जिससे बन्द कारोबार चल पड़ता है।
  • खिड़की पर लाल गुलाब का फूल या प्रिज्म द्वारा रोशनी की सात रंगों में बाँट देना या अंग्रेजी के लिखे हुए अक्षर नियोन लाईट में चमकना, जलती-बुझती लाईटों की झिलमिलाहट फर्श पर गरमाई लाकर कारोबार चकमा देती है।
  • दरवाजे के बाहर यदि लाल ईंटों को बिछाकर गोल रास्ता देढ़ा-मेढ़ा बना दिया जाए, जो दरवाजे जक पहुँचता हो तो फर्श पर गरमाई आती है और बन्द करोबार चल पड़ता है।
  • यदि पास में कब्र, श्मशान, चर्च आदि हैं, तो उसके चारों ओर से दीवार से बन्द करवा दें, या अपनी फैक्ट्री की दीवार ऊँची करवा दें। उस तरफ के खिड़की, दरवाजे बन्द करवा दें। हो सके तो दर्पण लगा दें ताकि उस तरफ से आने वाली मारक, घातक व खतरनाक पावर आपके बिजनेस को तबाह न कर सकें। यह बचाव करना बहुत जरूरी है।
  • कई बार दौलत आकाश मार्ग से घातक, मारक हवाओं द्वारा भी चुरा ली जाती है। इससे अपनी फैक्ट्री, दुकान, मकान को बचाने के लिए छत के कोने पर बल्व की रोशनी डालें। बचाव हो जायेगा। उत्तरी या पूर्वी भाग में पिरामिंड लगा सकते हैं या फिर कोई झोंपड़ी आदि बनवा दें।
  • जीवन में लक्ष्मी को घर में स्थायी रूप से स्थापित करना है तो सर्वप्रथम ‘‘दरिद्रता-विनाशक’’ प्रयोग करना आवश्यक है। यह सत्य है कि लक्ष्मी धनदात्री है लेकिन दरिद्रता जीवन की एक अलग स्थिति होती है। वह जीवन में कभी भी घुसपैठ कर सकती है, उसे रोकने के लिए दरिद्रता विनाशक प्रयोग आवश्यक है।
  • लक्ष्मी का एक विशिष्ट स्वरूप है ‘‘बीज लक्ष्मी’’। जिसकी साधना करने से महालक्ष्मी के पूर्ण स्वरूप के साथ-साथ जीवन में उन्नति का पथ दृष्टिगोचर होता है।
  • अपने पति हरि विष्णु के बिना लक्ष्मी किसी के भी घर स्थायी निवास नहीं करती। विष्णु जहां उपस्थित हैं, लक्ष्मी वहां स्थायी निवास करती है। जहां शालिग्राम हो, अनंत महायंत्र हो, शंख हो। शंख, शालिग्राम एवं तुलसी मिलाकर लक्ष्मीनारायण की उपस्थिति का वातावरण बनता है ।
  • लक्ष्मी को समुद की पुत्री माना गया है। समुद्र से प्राप्त विविध रत्न उसके सहोदर हैं। इनमें प्रमुख हैं दक्षिणावर्ती शंख, मोती शंख, गोमती चक्र, स्वर्णपात्र, कुबेर पात्र, लक्ष्मी प्रकाम्य, क्षीरोद्भव, वरवरद आदि। उनकी घर में उपस्थिति लक्ष्मी देवी को आपके घर,स्थापित होने के लिए विवश कर देती है।

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