श्री सरस्वती अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम् ! Sri Saraswati Ashtottara Shatnam Stotram

श्री सरस्वती अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम् ! Sri Saraswati Ashtottara Shatnam Stotram

श्री सरस्वती शतनाम स्तोत्र का शाब्दिक अर्थ है, "पृथ्वी". यह स्तोत्र पृथ्वी के उस गुण की बात करता है जो हर चीज़ का बोझ उठाती है और उनका पोषण भी करती है. इसीलिए पृथ्वी को "माँ" भी कहा जाता है. सरस्वती संपूर्ण ब्रह्मांड की उत्पत्तिकर्ता और पोषणकर्ता हैं. वह सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का भार उठाती हैं !
शास्त्रों के अनुसार, मां सरस्वती की पूजा के समय "ॐ श्री श्री महा सरस्वती देवी भगवती नम:" मंत्र का जाप करने से मां सरस्वती जल्दी प्रसन्न होती हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. मां सरस्वती की कृपा से बल, वृद्धि और विद्या में वृद्धि होती है. सरस्वती वंदना मंत्र का पठन विद्या, बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति के लिए किया जाता है. भारत में संगीतकारों से लेकर वैज्ञानिकों तक हर कोई ज्ञान-प्राप्ति और मार्गदर्शन के लिए मां सरस्वती देवी से पूजा-प्रार्थना करता है !

Sri Saraswati Ashtottara Shatnam Stotram

श्री सरस्वती अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम् !

सरस्वती महाभद्रा महामाया वरप्रदा ।
श्रीप्रदा पद्मनिलया पद्माक्षी पद्मवक्त्रिका ॥ 1 ॥

शिवानुजा पुस्तकहस्ता ज्ञानमुद्रा रमा च वै ।
कामरूपा महाविद्या महापातकनाशिनी ॥ 2 ॥

महाश्रया मालिनी च महाभोगा महाभुजा ।
महाभागा महोत्साहा दिव्यांगा सुरवंदिता ॥ 3 ॥

महाकाली महापाशा महाकारा महांकुशा ।
सीता च विमला विश्वा विद्युन्माला च वैष्णवी ॥ 4 ॥

चंद्रिका चंद्रलेखाविभूषिता च महाफला ।
सावित्री सुरसादेवी दिव्यालंकारभूषिता ॥ 5 ॥

वाग्देवी वसुधा तीव्रा महाभद्रा च भोगदा ।
गोविंदा भारती भामा गोमती जटिला तथा ॥ 6 ॥

विंध्यवासा चंडिका च सुभद्रा सुरपूजिता ।
विनिद्रा वैष्णवी ब्राह्मी ब्रह्मज्ञानैकसाधना ॥ 7 ॥

सौदामिनी सुधामूर्ति स्सुवीणा च सुवासिनी ।
विद्यारूपा ब्रह्मजाया विशाला पद्मलोचना ॥ 8 ॥

शुंभासुरप्रमथिनी दूम्रलोचनमर्दना ।
सर्वात्मिका त्रयीमूर्ति श्शुभदा शास्त्ररूपिणी ॥ 9 ॥

सर्वदेवस्तुता सौम्या सुरासुरनमस्कृता ।
रक्तबीजनिहंत्री च चामुंडा मुंडकांबिका ॥ 10 ।

कालरात्रिः प्रहरणा कलाधारा निरंजना ।
वरारोहा च वाग्देवी वाराही वारिजासना ॥ 11 ॥

चित्रांबरा चित्रगंधा चित्रमाल्यविभूषिता ।
कांता कामप्रदा वंद्या रूपसौभाग्यदायिनी ॥ 12 ॥

श्वेतासना रक्तमध्या द्विभुजा सुरपूजिता ।
निरंजना नीलजंघा चतुर्वर्गफलप्रदा ॥ 13 ॥

चतुराननसाम्राज्ञी ब्रह्मविष्णुशिवात्मिका ।
हंसानना महाविद्या मंत्रविद्या सरस्वती ॥ 14 ॥

महासरस्वती तंत्रविद्या ज्ञानैकतत्परा ।

इति श्री सरस्वत्यष्टोत्तरशतनामस्तोत्रं संपूर्णम् ॥

सरस्वती अष्टोत्तर शत नामावलि !

  1. ॐ श्री सरस्वत्यै नमः
  2. ॐ महाभद्रायै नमः
  3. ॐ महामायायै नमः
  4. ॐ वरप्रदायै नमः
  5. ॐ श्रीप्रदायै नमः
  6. ॐ पद्मनिलयायै नमः
  7. ॐ पद्माक्ष्यै नमः
  8. ॐ पद्मवक्त्रिकायै नमः
  9. ॐ शिवानुजायै नमः
  10. ॐ पुस्तकहस्तायै नमः
  11. ॐ ज्ञानमुद्रायै नमः
  12. ॐ रमायै नमः
  13. ॐ कामरूपायै नमः
  14. ॐ महाविद्यायै नमः
  15. ॐ महापातक नाशिन्यै नमः
  16. ॐ महाश्रयायै नमः
  17. ॐ मालिन्यै नमः
  18. ॐ महाभोगायै नमः
  19. ॐ महाभुजायै नमः
  20. ॐ महाभागायै नमः 
  21. ॐ महोत्साहायै नमः
  22. ॐ दिव्यांगायै नमः
  23. ॐ सुरवंदितायै नमः
  24. ॐ महाकाल्यै नमः
  25. ॐ महापाशायै नमः
  26. ॐ महाकारायै नमः
  27. ॐ महांकुशायै नमः
  28. ॐ सीतायै नमः
  29. ॐ विमलायै नमः
  30. ॐ विश्वायै नमः
  31. ॐ विद्युन्मालायै नमः
  32. ॐ वैष्णव्यै नमः
  33. ॐ चंद्रिकायै नमः
  34. ॐ चंद्रलेखाविभूषितायै नमः
  35. ॐ महाफलायै नमः
  36. ॐ सावित्र्यै नमः
  37. ॐ सुरसायै नमः
  38. ॐ देव्यै नमः
  39. ॐ दिव्यालंकार भूषितायै नमः
  40. ॐ वाग्देव्यै नमः
  41. ॐ वसुधायै नमः
  42. ॐ तीव्रायै नमः
  43. ॐ महाभद्रायै नमः
  44. ॐ महाबलायै नमः
  45. ॐ भोगदायै नमः
  46. ॐ भारत्यै नमः
  47. ॐ भामायै नमः
  48. ॐ गोमत्यै नमः
  49. ॐ जटिलायै नमः
  50. ॐ विंध्यावासायै नमः
  51. ॐ चंडिकायै नमः
  52. ॐ सुभद्रायै नमः
  53. ॐ सुरपूजितायै नमः
  54. ॐ विनिद्रायै नमः
  55. ॐ वैष्णव्यै नमः
  56. ॐ ब्राह्म्यै नमः
  57. ॐ ब्रह्मज्ञानैकसाधनायै नमः
  58. ॐ सौदामिन्यै नमः
  59. ॐ सुधामूर्तये नमः
  60. ॐ सुवीणायै नमः
  61. ॐ सुवासिन्यै नमः
  62. ॐ विद्यारूपायै नमः
  63. ॐ ब्रह्मजायायै नमः
  64. ॐ विशालायै नमः
  65. ॐ पद्मलोचनायै नमः
  66. ॐ शुंभासुर प्रमथिन्यै नमः
  67. ॐ धूम्रलोचन मर्दिन्यै नमः
  68. ॐ सर्वात्मिकायै नमः
  69. ॐ त्रयीमूर्त्यै नमः
  70. ॐ शुभदायै नमः
  71. ॐ शास्त्ररूपिण्यै नमः
  72. ॐ सर्वदेवस्तुतायै नमः
  73. ॐ सौम्यायै नमः
  74. ॐ सुरासुर नमस्कृतायै नमः
  75. ॐ रक्तबीज निहंत्र्यै नमः
  76. ॐ चामुंडायै नमः
  77. ॐ मुंडकांबिकायै नमः
  78. ॐ कालरात्र्यै नमः
  79. ॐ प्रहरणायै नमः
  80. ॐ कलाधारायै नमः
  81. ॐ निरंजनायै नमः
  82. ॐ वरारोहायै नमः
  83. ॐ वाग्देव्यै नमः
  84. ॐ वाराह्यै नमः
  85. ॐ वारिजासनायै नमः
  86. ॐ चित्रांबरायै नमः
  87. ॐ चित्रगंधायै नमः
  88. ॐ चित्रमाल्य विभूषितायै नमः
  89. ॐ कांतायै नमः
  90. ॐ कामप्रदायै नमः (90)
  91. ॐ वंद्यायै नमः
  92. ॐ रूपसौभाग्यदायिन्यै नमः
  93. ॐ श्वेताननायै नमः
  94. ॐ रक्त मध्यायै नमः
  95. ॐ द्विभुजायै नमः
  96. ॐ सुरपूजितायै नमः
  97. ॐ निरंजनायै नमः
  98. ॐ नीलजंघायै नमः
  99. ॐ चतुर्वर्गफलप्रदायै नमः
  100. ॐ चतुरानन साम्राज्ज्यै नमः
  101. ॐ ब्रह्मविष्णु शिवात्मिकायै नमः
  102. ॐ हंसासनायै नमः
  103. ॐ महाविद्यायै नमः
  104. ॐ मंत्रविद्यायै नमः
  105. ॐ सरस्वत्यै नमः
  106. ॐ महासरस्वत्यै नमः
  107. ॐ विद्यायै नमः
  108. ॐ ज्ञानैकतत्परायै नमः 

॥ इति श्री सरस्वति अष्टोत्तरशत नामावलिः समाप्ता ॥

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