श्री सीता स्तुति - कबहुँक अंब, अवसर पाई ! Shri Sita Stuti - Kabahunk Amb, Avasar Pai !

श्री सीता स्तुति - कबहुँक अंब, अवसर पाई !

श्री सीता स्तुति का पाठ करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है. मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से विवाहित जीवन में आने वाली सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. सीता जयंती को सीता अष्टमी और जानकी जयंती के नाम से भी जाना जाता है. यह त्योहार मुख्य रूप से गुजरात, उत्तराखंड, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में मनाया जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए प्रभु श्री राम और माता सीता का पूजन करती हैं, तथा व्रत रखती है.

श्री सीता स्तुति का महत्व:-

  • मान्यता है कि इस दिन पूजा व व्रत करने से व्यक्ति के जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं !
  • जो भक्त जानकी जयंती की पूजा करते हैं वे सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं !
  • जानकी स्तुति का पाठ करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है !
  • जिससे साधक को राम जी की कृपा प्राप्त होती है और साधक के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है !
Shri Sita Stuti - Kabahunk Amb, Avasar Pai !

श्री सीता स्तुति ! Shri Sita Stuti

कबहुँक अंब, अवसर पाई !
मेरिओ सुधि द्याईबी, कछु करुन कथा चलाई ॥ १॥

हे माता, कभी अवसर हो तो कुछ करुणाकी बात छोड़कर श्री रामचन्द्रजीको मेरी भी याद दिला देना || १ ||

दीन, सब अँगहीन, छीन, मलीन, अघी अघाइ !
नाम लै भरै उदर एक प्रभु दासी दास कहाइ ॥ २॥

यों कहना कि एक अत्यन्त दीन, सर्व साधनोंसे हीन, मनमलीन, दुर्बल और पूरा पापी मनुष्य आपकी दासी ( तुलसी ) - का दास कहलाकर और आपका नाम ले - लेकर पेट भरता है ॥२॥

बूझिहैं सो है कौन कहिबी नाम दसा जनाइ |
सुनत राम कृपालुके मेरी बिगरीऔ बनि जाइ ॥ ३॥

इसपर प्रभु कृपा करके पूछें कि वह कौन है, तो मेरा नाम और मेरी दशा उन्हें बता देना । कृपालु रामचन्द्रजीके इतना सुन लेनेसे ही मेरी सारी बिगड़ी बात बन जायगी ॥३॥

जानकी जगजननि जनकी किये बचन सहाइ |
तरै तुलसीदास भव तव नाथ गुन गन गाइ ॥ ४ ॥

हे जगज्जननी जानकीजी ! यदि इस दासकी आपने इस प्रकार वचनोंसे ही सहायता कर दी तो यह तुलसीदास आपके स्वामीकी गुणावली गाकर भवसागरसे तर जायगा ॥४॥

|| अस्तु ||

श्री सीता स्तुति या जानकी स्तुति के पाठ करने से कई फ़ायदे होते हैं :-

  • मान्यता है कि सीता स्तुति के नियमित जाप करने से मनचाहा जीवनसाथी मिलता है.
  • इससे दाम्पत्य जीवन में प्रेम बढ़ता है और खुशहाली आती है.
  • जीवन के सभी कष्ट खत्म हो जाते हैं.
  • रुके हुए काम पूरे होते हैं.
  • धन-धान्य और संपत्ति में वृद्धि होती है.
  • आत्मविश्वास बढ़ता है.
  • विवाहित जीवन में आने वाली समस्याएं दूर हो जाती हैं.
  • सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है.
  • सीता नवमी के दिन इस स्त्रोत का पाठ करने से मां जानकी का आशीर्वाद मिलता है और धन-समृद्धि की प्राप्ति होती है.
  • ज्योतिषी बताते हैं कि सीता नवमी के दिन इनकी आराधना करने से श्री राम की भी कृपा प्राप्त होती है. 

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