श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्र ! Shri Shiv Panchakshar Stotra

श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्र ! Shri Shiv Panchakshar Stotra

शिव पंचाक्षर स्तोत्र, भगवान शिव की महिमा और प्रशंसा के लिए लिखा गया एक प्रसिद्ध संस्कृत स्तोत्र है. इस स्तोत्र में पंचाक्षरी मंत्र 'नमः शिवाय' का महत्व प्रमुख है, जो भगवान शिव के लिए पवित्र माना जाता है. इस स्तोत्र को सबसे शक्तिशाली शिव मंत्र कहा गया है. इसके जाप से जातक के ऊपर शिव की कृपा बरसती है. शिव जी की पूजा करते वक्त साधक को शिव पंचाक्षर स्तोत्र का जाप अवश्य करना चाहिए !

Shri Shiv Panchakshar Stotra

इस स्तोत्र के पाठ के लिए आप सोमवार के दिन स्नानादि करने के बाद एक चौकी में सफेद रंग का कपड़ा बिछा कर उसमें भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें ! शिव पंचाक्षर स्तोत्र का जाप करने के लिए अपने हाथों में रुद्राक्ष मनका माला धारण करें और शिव लिंग के समक्ष बैठें  !इस स्तोत्र में भगवान शिवजी के स्वरूप के बारे में वर्णन किया गया है, इसलिए इसका पाठ करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं

श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् ! Shri Shiv Panchakshar Stotra

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय,
भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।

नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय,
तस्मै न काराय नमः शिवाय ॥१॥

मन्दाकिनी सलिलचन्दन चर्चिताय,
नन्दीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय ।

मन्दारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय,
तस्मै म काराय नमः शिवाय ॥२॥

शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द,
सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।

श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय,
तस्मै शि काराय नमः शिवाय ॥३॥

वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्य,
मुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय।
चन्द्रार्क वैश्वानरलोचनाय,
तस्मै व काराय नमः शिवाय ॥४॥

यक्षस्वरूपाय जटाधराय,
पिनाकहस्ताय सनातनाय ।

दिव्याय देवाय दिगम्बराय,
तस्मै य काराय नमः शिवाय ॥५॥

पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ ।

शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥

शिव पंचाक्षर स्तोत्र के पाठ से कई तरह के लाभ

  • भगवान शिव प्रसन्न होते हैं
  • कालसर्प योग से मुक्ति मिलती है
  • भक्तों में भक्ति भावना बढ़ती है
  • भगवान शिव के करीब लाता है
  • गोता लगाने वाली प्रकृति तक ले जाता है
  • आत्मा, मध्य और शरीर के लिए ध्वनि चिकित्सा है
  • ज्ञान समृद्धि होती है
  • सांसारिक लाभ मिलते हैं
  • मानसिक शांति मिलती है
  • आत्म संतुष्टि होती है
  • भगवान की कृपा प्राप्त होती है
  • इंद्रियों का जागरूकता में वृद्धि होती है
  • कई शारीरिक लाभ प्राप्त होते हैं
  • कर्म की शुभता में वृद्धि होती है
  • जीवन में सार्थकता आती है
  • मन को शांति और चिंताओं से मुक्ति मिलती है
  • जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त करने में मदद मिलती है
  • मानसिक रुकावटें दूर होती हैं

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